अंबानी की फ़ाइल पास करने के लिए डेढ़ सौ करोड़ की रिश्वत और PM के करीबी की आयी थी सिफारिश : सत्यपाल मलिक
मलिक ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में उनके कार्यकाल के दौरान अंबानी की फाइल हस्ताक्षर के लिए आई थी। इसके लिए डेढ़ सौ करोड़ की रिश्वत भी थी।
जनज्वार ब्यूरो/बागपत। रविवार को अपने गृह जनपद उत्तर प्रदेश के बागपत पहुंचे मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने किसानो के समर्थन में खुलकर अपना पक्ष रखा। किसानों के प्रदर्शन को लेकर मलिक केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से किसानों की बात मान लेने की अपील करते हुए नजर आए वहीं सरकारी मित्र मुकेश अम्बानी को लेकर भी उन्होंने बड़ा खुलासा किया है।
अमर उजाला में प्रकाशित खबर के मुताबिक सत्यपाल मलिक ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में उनके कार्यकाल के दौरान अंबानी की फाइल हस्ताक्षर के लिए आई थी। इसके लिए डेढ़ सौ करोड़ की रिश्वत भी थी। मलिक ने कहा कि प्रधानमंत्री के एक करीबी अंबानी की फ़ाइल पर हस्ताक्षर करने के लिए सिफारिश कर रहे थे। मैंने कई कमियों की वजह से हस्ताक्षर करने से मना कर दिया और इस मामले में सीधे पीएम से बात की। तब पीएम ने मेरा समर्थन किया।
वहां के एक वर्ष से कम के कार्यकाल में 52 डिग्री कॉलेज दिए। 280 प्राइमरी स्कूलों को हायर सेकेंडरी कराया। जनता में यह विश्वास बनाया कि उनकी भी सुनने वाला कोई है। अलगाववादी नेताओं को अभी सरकार को तीन-चार साल और अंदर रखना चाहिए था। जब ये लोग गिरफ्तार हुए तो कुत्ता भी नहीं भौंका। पहले ऐसे मामलों में जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले तक हो जाते थे।
मेघालय के राज्यपाल ने कहा कि आतंकी रियाज नायकू को पुलिस रोजाना परेशान करती थी। उसने किसी के कहने पर अपने माता-पिता को मेरे पास भेज दिया। उन्होंने रोते हुए कहा कि हमारा बेटा आतंकी है, उसे गोली मार दो। लेकिन हम रोजाना की बेइज्जती नहीं सह सकते।
पुलिस अफसरों को आदेश दिए कि इनकी सुरक्षा ऐसे करनी है, जैसे नेताओं की करते हो। इसके बदले आतंकी रियाज नायकू ने संदेश भिजवाया कि अबकी बार अमित शाह कश्मीर आएंगे तो हम बंद का आह्वान नहीं करेंगे। बाद में ऐसा हुआ भी था।