UP Elections 2022: BSP का टिकट दिलाने के नाम पर 30 लाख की ठगी का आरोप, BSP में मचा हड़कंप

UP Elections 2022: बीएसपी मंडल कार्यालय में विधानसभा टिकट के नाम पर 30 लाख रुपयों की ठगी के मामले में राजधानी के आशियाना थाने में पीड़ित की तहरीर के आधार पर केस दर्ज किया गया.

Update: 2021-12-06 07:34 GMT

UP Elections 2022: बीएसपी मंडल कार्यालय में विधानसभा टिकट के नाम पर 30 लाख रुपयों की ठगी के मामले में राजधानी के आशियाना थाने में पीड़ित की तहरीर के आधार पर केस दर्ज किया गया. इस मामले में आशियाना पुलिस ने पुलिस कमिश्नर के आदेश पर मुकदमा दर्ज करते हुए जांच पड़ताल भी शुरू कर दी है.

बताया जा रहा है कि मंडल कार्यालय के कर्मचारी ने पुलिस पूछताछ में माना कि उसने सिराथू विधानसभा क्षेत्र के मोहम्मद फरीद नामक शख्स से 30 लाख रुपये लेकर उसको पत्र सौंपा था. फिलहाल पुलिस अभी इस मामले में जांच करने में जुटी है. पुलिस का मानना है कि इस ठगी के मामले में कई बड़े चेहरे भी सामने आ सकते हैं.

कौशांबी की सिराथू विधानसभा कौशांबी के रहने वाले मोहम्मद फरीद ने अपनी शिकायत में कहा है कि बसपा से टिकट दिलाने के नाम पर उनसे लखनऊ मंडल कार्यालय आशियाना में रकम ली थी। लेकिन उन्हें न तो टिकट मिला और न ही आरोपी ने रकम लौटाई। पीड़ित ने अपनी रकम पाने के लिए सभी प्रयास करने के बाद लखनऊ पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर के कार्यालय में शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है।

पहले टिकट के लिए मांगे थे 70 लाख

पीड़ित ने जब नंबर पर उस शख्स से संपर्क किया तो पता चला कि टिकट का ढाई करोड़ का रेट चल रहा है, लेकिन आपके साथ पिछली बार धोखा हुआ था इसलिए 70 लाख देने पर टिकट दिलाये जाने की बात कही गयी। पीड़ित ने इतनी रकम देने से इनकार कर दिया। 30 लाख रुपय़े में टिकट की बात पक्की हो गई। बीते 24 नवंबर को पीड़ित रिश्तेदार मोहम्मद शोएब, मोहम्मद सकलेन उर्फ मामा और रईस अहमद मड़ियांव नौबस्ता निवासी को साथ लेकर मायावती के आवास के पास पहुंचा था। वहां वह शख्स मिला और उसने बताया कि बहनजी से मुलाकात का शाम छह बजे के बाद का वक्त तय हुआ है। पिछली बार आपके साथ हुए धोखे की बात भी वह जानती हैं और इस बार आपके क्षेत्र में वह अधिक जनसभा भी करेंगी।



आपको बता दें कि, इस मामले में जब फरीद खान बसपा कार्यालय पहुंचे, तो वहां पर भास्कर नहीं मिले. सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों ने उनसे बात की जिसके बाद इंटरकॉम पर उनके किसी से वार्ता कराई थी. जिस पर उनको बताया गया कि उनके साथ ठगी हुई है. फरीद खान इस बात की जानकारी लगते ही आशियाना स्थित मंडल कार्यालय पहुंचे तो वहां पर सुरेंद्र ने जवाब दिया कि आप की रकम वह लोग लेकर चले गए हैं, जिन्होंने उन्हें पत्र दिया था. इस बीच मंडल कार्यालय में मौजूद नेताओं ने बसपा पार्टी की बदनामी से बचने के लिए फरीद से 3-4 दिन की मोहलत मांगी थी कि उनको पैसा लौटा दिया जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बहरहाल अब इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है.

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