UP : आजमगढ़ में हिरासत में हुई थी मुस्लिम युवक की मौत, 8 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हुआ मुकदमा दर्ज

मृतक युवक के भाई ने बताया, कई पुलिस स्टेशनों में फोन करने के बाद उन्हें पता चला कि जियाउद्दीन को अकबरपुर पुलिस स्टेशन ले जाया गया था, भाई ने दावा किया है कि जब उसने जियाउद्दीन के शरीर को देखा, तो उस पर कई चोटें थीं...

Update: 2021-03-31 09:21 GMT

हिरासत में मरने वाले युवक के पिता से मुलाकात करता रिहाई मंच प्रतिनिधि मंडल (file photo)

अंबेडकरनगर, जनज्वार। 37 वर्षीय व्यक्ति की हिरासत में मौत के मामले में उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर स्वाट टीम के प्रभारी सहित कम से कम 8 पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है। अंबेडकरनगर के एसपी आलोक प्रियदर्शी ने कहा कि इस मामले के आरोपी सभी 8 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही घटना की जांच की जा रही है।

जिला प्रशासन ने भी एसडीएम द्वारा जांच कराने का आदेश दिया है। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट बेनतीजा रही, क्योंकि इससे मौत के कारण का पता नहीं लग सका है।

मृतक की पहचान आजमगढ़ के एक गांव के निवासी जियाउद्दीन के रूप में हुई है। कथित तौर पर जब वह पिछले हफ्ते अपने रिश्तेदारों से मिलने गया था, तभी अंबेडकर नगर स्वाट टीम ने उसे उठा लिया था। मृतक के परिवार ने आरोप लगाया है कि उसकी मौत पुलिस यातना के कारण हुई है।

अंबेडकरनगर के अकबरपुर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 302 और 364 के तहत स्वाट टीम प्रभारी देवेंद्र पाल सिंह और सात अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

गौरतलब है कि आजमगढ़ जनपद के एक युवक की शुक्रवार 26 मार्च की देर रात जियाउद्दीन नाम के युवक की पुलिस हिरासत में मौत हो गयी थी। पूछताछ के लिए पकड़े गए युवक की हालत बिगड़ने पर स्वाट टीम ने उसे आधी रात को जिला अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां आधे घंटे के भीतर उसकी मौत हो गई। परिजनों ने पुलिसकर्मियों पर पिटाई कर हत्या का आरोप लगाया था, जबकि पुलिस का कहना है कि युवक की बीमारी के चलते हुई है। रिहाई मंच प्रतिनिधि मंडल ने परिवार से मुलाकात की और युवक के लिए न्याय की मांग करते हुए तत्काल दोषी पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। इस खबर को जनज्वार ने सबसे पहले प्रमुखता से प्रकाशित किया था।

मृतक के भाई शहाबुद्दीन ने पत्रकारों को बताया, "जियाउद्दीन बुधवार को कुछ रिश्तेदारों से मिलने के लिए निकला था और उसे गुरुवार को वापस आना था, लेकिन वह नहीं आया। हमने उसे खोजा लेकिन वह नहीं मिला। शुक्रवार की रात लगभग 3 बजे, उसकी पत्नी के पास एक अनजान नंबर से फोन आया और कहा गया कि उसके पति को विशेष परिचालन समूह (एसओजी) की टीम ने पूछताछ के लिए उठाया है। फिर हमें बताया गया कि उसे दिल का दौरा पड़ा है और हमें उससे मिलने के लिए जाना चाहिए। इसके बाद फोन काट दिया गया।"

परिवार ने उसी सुबह ग्राम प्रधान को सूचित किया। कई पुलिस स्टेशनों में फोन करने के बाद उन्हें पता चला कि जियाउद्दीन को अकबरपुर पुलिस स्टेशन ले जाया गया था। भाई ने दावा किया है कि जब उसने जियाउद्दीन के शरीर को देखा, तो उस पर कई चोटें थीं। शहाबुद्दीन ने कहा, "हमने पुलिस से पूछा कि यदि उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है, तो उसके शरीर पर जलने से लेकर बेल्ट और रॉड से मारने के निशान कैसे हैं। उसका शरीर नीला पड़ गया था। पुलिस की यातना से ही मेरे भाई की मौत हुई है।"

परिजनों और गांव के कुछ लोगों द्वारा विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है।

अयोध्या रेंज के आईजी संजीव गुप्ता ने कहा, "पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत के कारणों का पता नहीं चल सका है और आगे की जांच के लिए विसरा सुरक्षित रखा गया है। पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए हम जांच को अकबरपुर पुलिस स्टेशन से शिफ्ट करने की योजना बना रहे हैं। हम एनएसआरसी के दिशानिर्देशों का पालन करेंगे।"

वहीं अंबेडकर नगर के जिला मजिस्ट्रेट सैमुअल पॉल एन ने कहा, "मैंने एसडीएम (टांडा) अभिषेक पाठक को जांच करने का आदेश दिया है। अम्बेडकर नगर के पुलिस अधीक्षक द्वारा मुझे सौंपी गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यक्ति की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी। पोस्टमार्टम जिला सीएमओ की निगरानी में कराया गया और वीडियोग्राफी भी कराई गई है।"

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