मिर्जापुर में अधिवक्ता अवैध तरीके से जमीन कब्जाने के खिलाफ 50 दिन से बैठा धरने पर, पुलिस, भू-माफिया और राजस्व विभाग पर लगाया ये आरोप

अनशन पर बैठे अधिवक्ता का आरोप जमीन विवाद सुलझाने की बजाय शासन प्रशासन दबंगों का सहयोग कर रहा है और पुलिस भी गुनाहगारों की ताल में ताल मिला रही है...

Update: 2020-10-23 05:32 GMT

संतोष देव गिरि की रिपोर्ट

जनज्वार, मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी कि सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज्य में पुलिस, भू-माफियाओं और राजस्व विभाग के गठजोड़ से भूमि विवाद के मामले बढ़ रहे हैं। भूमि विवाद से संबंधित मामलों के निस्तारण की गति यह है कि गरीब जनों के पैरों की जूतियां घिस जाने के साथ ही साथ उनके पैरों को तलवे भी घिस जा रहे हैं।

तहसील समाधान दिवस, थाना समाधान दिवस से लेकर जन समस्याओं के निस्तारण से संबंधित मंच भी कारगर नहीं साबित हो रहे हैं, मजे की बात है कि अधिकारी और कर्मचारी शासन के आंखों में धूल झोंक कर फर्जी निस्तारण की बाजीगरी पेश कर दे रहा हैं। योंं कहे की शासन को भी गुमराह किया जा रहा है।

मिर्जापुर के आदिवासी, अति पिछड़े बाहुल्य क्षेत्र मड़िहान तहसील की जिसे भ्रष्टाचार का केंद्र कहां जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। यहां भू माफियाओं के वर्चस्व के चलते वनों, जंगल, ग्राम समाज की जमीन पर अवैध कब्जों की जहां होड़ लगी हुई है, वही ऐसे मामलों में निस्तारण की गति कच्छप गति से होने के चलते भूमि विवादों को भी बढ़ावा मिल रहा है।

भूमि विवाद के ही एक मामले को लेकर मड़िहान तहसील के बरामदे में पिछले डेढ़ महीने से 1 अधिवक्ता धरने पर बैठे हुए हैं, जिनकी जमीन पर कब्जे को हटाने को कौन कहे पुलिस कब्जा दिलाने में जुटी रही है। समझा जा सकता है कि जब एक अधिवक्ता को न्याय के लिए धरने पर बैठना पड़ जा रहा है तो आम जनता के साथ क्या होता होगा?

मिर्जापुर जिले के मड़िहान तहसील क्षेत्र निवासी तथा बार संघ मड़िहान के अधिवक्ता सत्यप्रकाश त्रिपाठी निजी जमीन पर दबंगों द्वारा अनाधिकार कब्जे को लेकर पिछले डेढ़ महीने से मड़िहान तहसील परिसर में धरने पर बैठे हुए हैं। आरोप लगाया गया कि उनकी समस्या को तहसील कर्मचारी अनसुना कर रहे हैं, पुलिस भी मिली हुई है। हास्यपद यह है कि इस सम्बन्ध में पूछे जाने पर एसडीएम शिव प्रसाद भी रटारटाया सा जवाब देते हैं कि जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी। यह कब की जायेगी पता नहीं।

दूसरी ओर जमीन पर अनाधिकार कब्जे को लेकर अधिवक्ता सत्यप्रकाश त्रिपाठी का तहसील परिसर में अनवरत धरना जारी है। आरोप लगाया गया कि जमीन विवाद सुलझाने की बजाय शासन प्रशासन दबंगो का सहयोग कर रहा है। पुलिस भी गुनाहगारों की ताल में ताल मिला रही है। डेढ़ महीने से ज्यादा समय अधिवक्ता को धरने पर बैठे हो गया, लेकिन अभी तक उनकी किसी भी समस्या का निराकरण नहीं हुआ, बल्कि अधिवक्ता के स्वास्थ्य में भी गिरावट आ रही है।

पुलिस द्वारा समस्या का निराकरण कराने के बजाय और भू माफियाओं को स्थगन के बावजूद कब्जा कराया जा रहा है यह सब पुलिस के इशारे पर किया जा रहा है। हद तो यह है कि मामला संज्ञान में आने के बाद भी तहसील अधिकारी अनजान बने हुए हैं। मड़िहान तहसील के अधिवक्ता की जमीन पर दबंगों द्वारा कब्जा को लेकर अधिवक्ताओं ने भी एसडीएम कार्यालय के पास आमरण अनशन पर बैठ अपना समर्थन दे चुके हैं।

मड़िहान थाने के दरोगा और उनके जमीन पर दबंगों द्वारा कब्जा को लेकर उनका कहना है कि अभी तक ना तो दरोगा के खिलाफ कार्रवाई की गई नाही जमीन पर कब्जा करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की गई। अधिवक्ता सत्यप्रकाश त्रिपाठी का कहना है कि जब तक कोई कार्यवाही नहीं होगी तब तक उनका धरना जारी रहेगा।

तहसील परिसर में अधिवक्ता फूंक चुके हैं उपनिरीक्षक का पुतला

निजी जमीन पर दबंगो द्वारा अनाधिकार कब्जे को लेकर मड़िहान तहसील परिसर में डेढ़ महीने से धरना पर बैठे अधिवक्ता सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने तहसील व पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए उपनिरीक्षक का पुतला फूंका हैं आरोप लगाया है कि उनकी समस्या को तहसील कर्मचारी अनसुना कर रहे हैं। पुलिस विपक्षियों से मिली है। महीने से तहसील परिसर में धरना देने के बावजूद कोई सुनवाई हो रही है। अधिवक्ता ने कहा कि एसडीएम के आदेश को पुलिस अनसुना कर रही है और विपक्षियों से मिलकर मकान का निर्माण करा रही है।


अधिवक्ता संघ ने तहसीलदार पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप, जिलाधिकारी ने किया स्थानांतरित

पिछले दिनों तहसील परिसर स्थित पुस्तकालय का उद्घाटन करने पहुंचे ऊर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर पटेल को बार संघ मड़िहान के अधिवक्ताओं ने पांच सूत्रीय आरोप पत्र सौंपकर तहसीलदार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा उनके अन्यत्र स्थानांतरण की मांग करते हुए नारेबाजी भी की थी।

अधिवक्ताओं के विरोध प्रदर्शन पर मड़िहान तहसीलदार ओमप्रकाश पांडे का आनन फाइन में जिलाधिकारी ने स्थानांतरण कर उनके स्थान पर नूपुर सिंह को तैनात कर दिया है, बावजूद इसके अधिवक्ता के समस्या का निस्तारण नहीं हो पाया है। ऐसे में प्रतीत हो रहा है कि समस्या का समाधान न कर केवल अपनी और अपने मुलाजिम की गर्दन बचाने का काम करते आ रहे हैं।

अधिवक्ता सत्य प्रकाश त्रिपाठी का धरना जारी

मड़िहान तहसील में 50 दिन धरने पर बैठे हैं अधिवक्ता सत्य प्रकाश त्रिपाठी की मांग है कि जब तक सिद्धनाथ सिंह, राजकुमार मोदनवाल का अवैध नया निर्माण व मकान ध्वस्त नहीं कराया जाएगा, तब तक मेरा धरना जारी रहेगा। यदि आवश्यकता पड़ी तो मैं आमरण अनशन पर भी बैठने को बाध्य हो जाऊंगा। यदि कोई अप्रिय घटना घटित होगी तो उसकी सारी जिम्मेदारी शासन एवं प्रशासन की होगी।

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