कृषि कानूनों की वापसी पर मायावती बोलीं - देर से लिए वापस, पीड़ित परिवार के 1 सदस्य को मिले नौकरी

केंद्र सरकार ने देर से ही सही कृषि कानूनों की वापसी का सही फैसला लिया है। अब पीड़ित परिवारों की मदद के लिए भी सरकार प्रभावी कदम उठाए।

Update: 2021-11-19 06:08 GMT

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो बहन मायावती ने मोदी सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने पर त्वरित प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों वापस लेकर सही किया है, लेकिन यह फैसला देर से लिया गया फैसला है। उन्होंने मोदी सरकार से मांग की है कि पीड़ित परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी दे, ताकि उन्हें आजीविका के लिए सहारा मिल सके।

इससे पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सात नवंबर को उत्पाद कर घटाए जाने के सरकार के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि यदि तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस लेकर केंद्र सरकार देश के किसानों को भी दिवाली का तोहफा दे, तो बेहतर होगा।

बसपा प्रमुख ने अपने ट्विट में लिखा था कि भाजपा का नारा है, सबका साथ, सबका विकास व सबका विश्वास'. लेकिन लोग इस नारे को जुमला न मानकर इस पर कैसे विश्वास करें, जब देश के किसान तीन कृषि कानूनों की वापसी को लेकर लंबे समय से तीव्र आन्दोलित एवं आक्रोशित भी हैं।

मायावती ने एक और ट्वीट कर कहा था कि केंद्र सरकार ने तीन साल में पहली बार उत्पाद कर थोड़ा घटाकर लोगों को इस बार दिवाली पर कुछ राहत का तोहफा दिया है। उसी प्रकार दिवाली के बाद ही सही यदि तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस लेकर केन्द्र सरकार देश के किसानों को भी दिवाली का तोहफा दे देती है तो यह बेहतर ही होगा।

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