भाजपा की किसान विरोधी नीतियों का अभिशाप झेलने को मजबूर बुन्देलखण्ड के किसान- अजय कुमार लल्लू

अजय कुमार लल्लू ने बताया कि किसान लगातार कर्ज और फसल की बर्बादी से अपनी जान गंवा रहे हैं और सरकार की तरफ से कोई भी सरकारी सहायता नहीं दी जा रही है न ही मौके पर कोई सरकारी अधिकारी मौके पर पहुंच रहे हैं....

Update: 2020-09-10 13:15 GMT

लखनऊ। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू आज बुन्देलखण्ड दौरे के दूसरे दिन ललितपुर पहुंचे, जहां किसानों की दयनीय हालत देखकर द्रवित हो गये और फसलों की बर्बादी व कर्ज के बोझ तले दबे किसानों द्वारा विगत दिनों की गयी आत्महत्या के पीड़ित परिवारों से मिले और उन्हें सांत्वना दी।

उन्होने कहा कि केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकार किसानों और गरीबों के लिए अभिशाप बन चुकी है, किसान कराह रहा है, जिसके चलते आज बुंदेलखण्ड का कोई ऐसा जिला होगा जहां भारी संख्या में किसानों ने अपनी जान न दी हो। उत्तर प्रदेश का अन्नदाता और जीवनदाता किसान खुद की जिन्दगी गंवाने को मजबूर है।

लल्लू ललितपुर के ग्राम जाखलौन गये जहां विगत दिनों फसल के पूरी तरह बर्बाद हो जाने पर किसान हरदयाल कुशवाहा को बर्बाद फसल देखकर हार्ट अटैक पड़ा और मृत्यु हो गयी। हर दयाल कुशवाहा ने साहूकार से दो लाख रूपये कर्ज लिया था। फसल की बर्बादी से कर्ज को चुकता न कर सकने की गहरी चिंता से उन्हें हार्ट अटैक पड़ा और जान चली गयी। इसी ग्राम के टुन्डे प्रजापति ने 3 लाख रूपये केसीसी से लोन लिया था, फसल बर्बादी से कुएं में कूदकर जान दे दी।


बुन्देलखण्ड के गांवों में आत्महत्याओं का न थमने वाला सिलसिला इतना पीड़ादायक है कि पीड़ित परिजनों द्वारा किसानों की बर्बादी का हाल जानने पर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। ललितपुर जनपद के तहसील पाली के ग्राम बन्ठ के छोटे लाल ने उड़द की फसल बर्बाद होने पर साहूकारों द्वारा 3 लाख रूपये कर्ज वापस लेने का दबाव बनाने पर उन्होने आत्महत्या कर ली।

ग्राम बमवरीसर तहसील तालबेहट के भग्गू राजभर ने केसीसी का डेढ़ लाख रूपये कर्ज के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। ग्राम व पोस्ट पाली तहसील पाली के जगमोहन माती उर्फ जंगली माती ने 17 जुलाई को मूंगफली, उड़द की फसल बर्बादी और डेढ़ लाख रूपये कर्ज के चलते आत्महत्या कर ली। ग्राम सतरहवा तहसील ललितपुर के मोहन पुत्र रामदीन ने बैंक के कर्ज की अदायगी के लिए दबंगों द्वारा धमकी दिये जाने से पीड़ित होकर मौत को गले लगा लिया।

इसी प्रकार ग्राम पटऊआ तहसील पाली के करतार सिंह ने अपनी बेटी की शादी के लिए बैंक से 7 लाख का कर्ज लिया था साहूकारों से 3 लाख का कर्ज लिया था जिसको लेकर काफी परेशान थे कर्ज वापसी न कर पाने की स्थिति में आत्महत्या का प्रयास किया। इसी प्रकार भग्गू पुत्र चन्दन ग्राम बमवरीसर के ही कर्ज के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि किसान लगातार कर्ज और फसल की बर्बादी से अपनी जान गंवा रहे हैं और सरकार की तरफ से कोई भी सरकारी सहायता नहीं दी जा रही है न ही मौके पर कोई सरकारी अधिकारी मौके पर पहुंच रहे हैं। पानी की विकराल समस्या है। उन्होने कहा कि कई पीड़ितों ने उन्हें बताया कि बुन्देलखण्ड में निजी नलकूप लगाने पर सरकार 63 हजार का अनुदान देती थी लेकिन बीते एक वर्ष से किसानों को एक फूटी कौड़ी भी नहीं मिला है।

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