अखिलेश यादव ने विकास दुबे इनकाउंटर प्रकरण पर पर उठाया सवाल, कहा कार नहीं पलटी है, सरकार पलटने से बचायी गई
अखिलेश यादव ने कहा है कि विकास दुबे के इनकाउंटर से सरकार पलटने से बचायी गई है, हालांकि उन्होंने कौन-सी सरकार पलटने से बचायी गई इसका उल्लेख नहीं किया है...
जनज्वार। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कानपुर के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के इनकाउंटर पर गंभीर सवाल उठाया है। उन्होंने शुक्रवार (10 July 2020) को उसकी मौत की खबर आने के बाद एक ट्वीट कर कहा कि कि दरअसल यह कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचायी गई है।
दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज़ खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 10, 2020
हालांकि अपने संक्षिप्त ट्वीट में उन्होंने यह खुलासा नहीं किया है कि कौन-सा राज खुलने से बचाया गया गया है और किस प्रदेश की सरकार पलटने से बचाई गई है। उत्तरप्रदेश में तो भाजपा की प्रबल बहुमत की सरकार है, हां मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार जरूर नाजुक बहुमत के साथ सत्ता में है।
अखिलेश से पहले कल छत्तीसगढ कांग्रेस ने इस पूरे मामले में मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की भूमिका पर सवाल उठाया था और उनके कानपुर कनेक्शन का उल्लेख किया था। छत्तीसगढ कांग्रेस ने कहा था कि नरोत्तम मिश्रा जिस प्रदेश में गृह मंत्री थे उस प्रदेश में ही विकास दुबे का समर्पण करना संयोग है या प्रयोग है इसकी जांच होनी चाहिए, क्योंकि वे लोकसभा व यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान कानपुर के प्रभारी थे।
इससे पहले अखिलेश यादव ने गुरुवार को उसकी गिरफ्तारी की खबर पर सवाल उठाया था और सरकार से यह स्प्ष्ट करने को कहा था कि वह यह स्पष्ट करे कि कानपुर कांड के मुख्य अपराधी ने आत्मसमर्पण किया है या गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने उसका मोबााइल सीडीआर भी सार्वजनिक करने की मांग की थी ताकि उसकी जिससे मिलीभगत हो उसका भंडाफोड़ हो सके।
ख़बर आ रही है कि 'कानपुर-काण्ड' का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है. अगर ये सच है तो सरकार साफ़ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ़्तारी. साथ ही उसके मोबाइल की CDR सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 9, 2020
उज्जैन के एसपी ने गुरुवार की रात ही यह कहा था कि यूपी एसटीएफ को विकास दुबे को सौंप दिया गया है और वह उसे लेकर कानपुर के लिए रवाना हो गई है। बारिश के महीने में रात में एक दुर्दांत अपराधी को लेकर रवाना होने को लेकर भी आशंकाएं थीं कि कहीं वह भागने की कोशिश न करे या पुलिस के साथ कोई और परिस्थिति उत्पन्न न हो और ऐसा ही हुआ।