बड़ी खबर : प्रयागराज में इफको प्लांट में अमोनिया गैस के रिसाव से दो अफसरों की मौत, 18 की हालत गंभीर
फको के पी-1 यूनिट में मंगलवार 22 दिसंबर की रात लगभग 11:00 बजे अमोनिया गैस पाइप का कोई पार्ट अचानक निकल गया, इससे अमोनिया गैस लीक होने लगी....
जनज्वार। प्रयागराज के फूलपुर स्थित इफको प्लांट में अमोनिया गैस के रिसाव से भारी दुर्घटना हो गयी है, जिसमें अब तक 2 अधिकारियों की मौत की खबर आ रही है और तकरीबन 18 लोगों की हालत काफी गंभीर बतायी जा रही है।
शुरुआती जानकारी के मुताबिक प्रयागराज के इफको फूलपुर में मंगलवार 22 दिसंबर की रात को एक पाइप में तकनीकी खराबी से अमोनिया गैस लीक हो गया। इस घटना से वहां हड़कंप मच गया। कहा जा रहा है कि अमोनिया गैस की चपेट में आने से 18 कर्मचारी वहीं पर अचेत होने लगे। इनमें चार की हालत गंभीर होने पर शहर के अस्पताल में भर्ती कराया गया। सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। कल 22 दिसंबर की देर रात तक दो कर्मचारियों की मौत हो चुकी है।
कहा जा रहा है कि इफको के पी-1 यूनिट में मंगलवार 22 दिसंबर की रात लगभग 11:00 बजे अमोनिया गैस पाइप का कोई पार्ट अचानक निकल गया। इससे अमोनिया गैस लीक होने लगी। जब वहां मौजूद कर्मचारी बीपी सिंह उसे ठीक करने गए, तो अमोनिया गैस की चपेट में आने से वह गंभीर रूप से झुलस गए। उन्हें बचाने पहुंचे अभिनंदन भी बुरी तरह झुलस गए। वहां मौजूद कर्मचारियों ने दोनों को किसी तरह सुरक्षित बाहर निकाला, मगर तब तक पूरी यूनिट में अमोनिया का रिसाव हो चुका था। इससे लगभग 14 कर्मचारियों की हालत गंभीर हो गयी। कुछ लोग वहीं बेहोश होकर गिरने लगे।
इस दुर्घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे विशेषज्ञों ने स्थिति को नियंत्रण में किया। वहीं इफ़को के पीआरओ विश्वजीत श्रीवास्तव ने मीडिया से गैस लीक होने की पुष्टि की।
अमोनिया की चपेट में आये इफको कर्मचारियों धर्मवीर सिंह, लालजी, हरिश्चंद्र, अजीत कुशवाहा, अजीत, राकेश कुमार, शिव, काशी, बलवान, अजय यादव, सीएस यादव और आरआर विश्कर्मा को इफको में बने अस्पताल में भर्ती कराने की सूचना है। वहीं बीपी सिंह, अभिनंदन, एसपी राम और राकेश की हालत बिगड़ने पर उन्हें प्रयागराज के दूसरे अस्पताल में रेफर किया गया।
दुर्घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचे एसपी गंगापार धवल जायसवाल, सीओ रामसागर, एसडीएम युवराज सिंह और इफको के यूनिट हेड मोहम्मद मसूद आदि अफसर बचाव अभियान में लग गये, मगर तब तक काफी लोग इसकी चपेट में आ चुके थे।