UP: गुमनाम चिट्ठी ने लगाए आईपीएस पर आरोप, लड़डू व सेनेटाईजर खरीद में बना लिए करोड़ों
लखनऊ निवासी समाजसेवी नूतन ठाकुर को कल एक गुमनामी चिट्ठी भेजी गई। चिट्ठी के लिफाफे में नाम दिलीप सिंह, रहने वाला 56/22 महानगर-226006 और चिट्ठी के अन्दर भेजने वाले के नाम की जगह आपका भाई लिखा है। इसमें लिखा है कि 1994 बैच के आईपीएस विनोद कुमार सिंह का पीएसी और सुरक्षा मुख्यालय में भ्रष्टाचार चरम पर है। आरोप है कि इस आईपीएस ने 15 अगस्त 2020 के ध्वजारोहण के अवसर पर दयाल पैराडाईज होटल से लड्डू मंगाए थे।
जनज्वार, लखनऊ। राजधानी लखनऊ की एक महिला समाजसेवी को एक गुमनाम चिट्ठी भेजी गई है। इस चिट्ठी में एक एडीजी के खिलाफ गम्भीर आरोप लगाए गए हैं। चिट्ठी के मुताबिक एडीजी ने लड्डू व सेनेटाईजर अपने किसी रिश्तेदार से मंगवाकर बड़ा भ्रष्टाचारी घपला किया है। इस भष्ट्राचार से एडीजी और उनके रिश्तेदार करोड़ों बना लिए हैं।
दरअसल लखनऊ निवासी समाजसेवी नूतन ठाकुर को कल एक गुमनामी चिट्ठी भेजी गई। चिट्ठी के लिफाफे में नाम दिलीप सिंह, रहने वाला 56/22 महानगर-226006 और चिट्ठी के अन्दर भेजने वाले के नाम की जगह आपका भाई लिखा है। इसमें लिखा है कि 1994 बैच के आईपीएस विनोद कुमार सिंह का पीएसी और सुरक्षा मुख्यालय में भ्रष्टाचार चरम पर है। आरोप है कि इस आईपीएस ने 15 अगस्त 2020 के ध्वजारोहण के अवसर पर दयाल पैराडाईज होटल से लड्डू मंगाए थे।
आगे लिखा है कि दयाल पैराडाईज किसी भी प्रकार की मिठाई नहीं बनाता है। आईपीएस विनोद कुमार सिंह ने सुरक्षा मुख्यालय सहित पीएसी मुख्यालय को सेनेटाईज कराने के लिए सेनेटाईजर का आर्डर भी दयाल पैराडाईज को ही दिया था। जिसका बिल तुरन्त पास करवा दिया गया। इस हेर-फेर के जरिए दयाल पैराडाईज होटल को फायदा पहुँचाया जा रहा है। चिट्ठी के मुताबिक आरोप यह है कि आईपीएस दयाल पैराडाईज होटल को फायदा इसलिए पहुँचा रहे हैं क्योंकि, दयाल पैराडाईज होटल आईपीएस के रिश्तेदार का है।
चिट्ठी लिखने वाले ने समाजसेवी नूतन से गुजारिश की है कि वह इस मामले की तह तक जाएं और मामले को उजागर करें। आपका भाई नामक भवदीय ने लिखा है 'आप एक इमानदार महिला समाजसेवी हैं। हम आपका सहयोग करना चाहते हैं। आप आरटीआई लगाकर पता कीजिए कि 15 अगस्त को पीएसी मुख्यालय व सुरक्षा मुख्यालय में लड्डू कहाँ से खरीदा गया और उसका भुगतान किसको किया गया। आईपीएस विनोद सिंह द्वारा इन दोनो विभागों के नाम पर करोड़ों रूपये के फर्जी बिल कटवाए हैं। सादर।'