बिकरु कांड में मारे गए विकास दुबे का साथ देने वाले एक और अधिकारी हुआ निलंबित
बिकरु कांड के बाद मारे गए कुख्यात विकास दुबे गांव में बैठकर हुकूमत चलाता था जिस काम के लिए वह कहता वही विकास कार्य संबंधित गांव में होता था.....
जनज्वार ब्यूरो/कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर के बिकरू कांड में सीओ बिल्हौर सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद पुलिस मुठभेड़ में मारे गए कुख्यात विकास दुबे से संबंध रखने वाले एक और अधिकारी पर आज निलंबन की गाज गिरी है। बिकरू कांड में दोषी पाए गए चौबेपुर के खंड विकास अधिकारी आलोक पांडेय को प्रमुख सचिव ग्राम विकास मनोज कुमार सिंह ने निलंबित कर दिया है।
दरअसल बीडीओ आलोक पांडेय के खिलाफ एसआईटी ने कार्रवाई की संस्तुति की थी। आलोक पांडेय के पास शिवराजपुर ब्लाक का भी प्रभार था। बिकरू गांव में रहने वाले विकास दुबे का आस-पास के कई गांवों में जबरदस्त प्रभाव था। वह जिसे चाहता उसे ही राशन की दुकान आवंटित होती और भी तमाम इल्लीगल काम उसके एक इशारे भर से निपट जाते थे।
बिकरु कांड के बाद मारे गए कुख्यात विकास दुबे गांव में बैठकर हुकूमत चलाता था। जिस काम के लिए वह कहता वही विकास कार्य संबंधित गांव में होता था। आरोप है कि आलोक पांडे विकास दुबे से लगातार संपर्क में था और विकास के कहने पर ही बिकरू और क्षेत्र के गांव में मनरेगा योजना, राज्य वित्त, इत्यादि काम किये जाते थे।
और तो और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत किसे आवाज देना है यह भी विकास दुबे के कहने पर ही तय होता था। एसआईटी ने अपनी जांच में पाया कि आलोक पांडे लगातार विकास दुबे के संपर्क में था और उसकी मनमानी में साथ देता था। इस मिली भगत से अनुचित लाभ भी उठाये जाते थे। जांच रिपोर्ट एसआईटी ने शासन को सौंपी थी।
जांच के बाद शाशन ने कार्यवाही के लिए कहा गया जिसके बाद प्रतिकूल प्रविष्टि देने और कारण बताओ नोटिस दिए जाने की प्रक्रिया शुरू की गई। शासन ने आलोक पांडे पर लगे आरोपों को गंभीर माना और मुख्यमंत्री के आदेश पर आलोक पांडे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। सीडीओ डॉक्टर महेंद्र कुमार ने निलंबन की पुष्टि की है।