कोरोना की दवाई के नाम पर बच्चों को शराब पिलाता था आश्रम प्रबंधक, फिर करता था यौन शोषण
मुजफ्फरनगर के एक आश्रम में रहने वाले नाबालिक बच्चों ने अपने प्रबंधक पर कोरोना वायरस की दवा बताकर शराब पिलाने का आरोप लगाया है। आरोप यह भी है कि प्रबंधक बच्चों को शराब पिलाकर पोर्न वीडियो दिखाता और फिर करता था यौन शोषण....
मुजफ्फरनगर। यूपी के मुजफ्फरनगर से कोई 30 किमी दूर शुकराताल में एक आश्रम है। जहां रहने वाले नाबालिक बच्चो ने आरोप लगाया है कि आश्रम के प्रबंधक जिसे वे जानते थे उन्हें शराब को 'कोरोना वायरस दवा' बताकर पीने के लिए मजबूर करता था, फिर पोर्न दिखाता और उसके बाद उनके साथ यौन शोषण करता था। अगर वे मना करते तो उनकी पिटाई की जाती थी।
एक अच्छी शिक्षा की उम्मीद में सीमित साधनों के साथ माता-पिता ने अपने बच्चो को इस आश्रम में रहने के लिए भेजा था। लेकिन उन्हे आश्रम के नाम पर मिला तो सिर्फ नरक। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के हवाले से एक 10 वर्षीय बच्चे का बयान प्रकाशित किया है जिसमें वह कहता है 'महाराज हमें कोरोनावायरस दवाई पिलाते फिर वह नग्न होकर लेट जाते हमें गन्दी फिल्में दिखाई और हमारे साथ बुरा काम किया।'
इन बच्चो को यूपी पुलिस द्वारा आश्रम में छापा मारकर बचाया गया है और यह बयान भी उस लड़के का है जिसे अन्य 10 लड़को के साथ बचाया गया था, जिसे यौन शोषण पर आपत्ति करने के बाद आश्रम से निकाला गया था। भोपा पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी में कहा गया है कि यह बच्चे त्रिपुरा और मिजोरम के हैं। जिनकी उम्र 9 वर्ष 7 वर्ष और 16 वर्ष के बीच हैं। 18 बच्चों की मेडिकल जांच में पुष्टि हुई है कि उनमें से चार का यौन उत्पीड़न किया गया था
त्रिपुरा के रहने वाले एक 13 वर्षीय लड़के ने कहा 'मुझे आश्रम के रसोइये द्वारा अक्टूबर 2017 में यहाँ लाया गया था। यहां मुझे नौकर की तरह रखा जा रहा था और महाराज की मालिश करने और उन्हें शराब और बीड़ी लाने के लिए कहा जाता था।' इसी आश्रम से बचाए गए मिजोरम के रहने वाले 10 वर्षीय बच्चे ने कहा, 'अगर हम इनकार करते तो, वह हमें पीटता था।' हमारे माता-पिता द्वारा भेजे गए पैसे को 'जीवित लागत' के रूप में विनियोजित किया जाएगा।
यूपी पुलिस ने गौड़िया मठ के प्रमुख को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक गौड़िया मठ के प्रमुख भक्ति भूषण गोविंद ने ना सिर्फ बच्चों का यौन शोषण किया बल्कि वो बच्चों की पिटाई भी करते थे। इस मामले में मठ प्रमुख के एक सहयोगी अखिलेश दास को भी गिरफ्तार किया गया है।
बातचीत में एक पुलिस अधिकारी की तरफ से बताया गया कि भक्ति भूषण और उनके सहयोगियों ने आश्रम में 10 बच्चों को रखा था। इन सभी को शिक्षा देने के नाम पर आश्रम में लाया गया था। पुलिस के मुताबिक यह सभी बच्चे नॉर्थईस्ट के राज्यों से है खासकर मिजोरम और त्रिपुरा से। मेडिकल रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चार बच्चों के साथ भक्ति भूषण ने यौनाचार किया है। इसके अलावा इन बच्चों ने आश्रम में पिटाई करने और उनसे मजदूर की तरह काम कराए जाने का आरोप भी लगाया है।