मोदी राज में एशिया की सबसे बड़ी मशीन मार्केट बदहाल, व्यापारी बोले हम भक्त हैं अंधभक्त नहीं

कई एक मजदूरों ने हमें पुलिस की ज्यादतियां भी बताई, उन्होंने कहा कि खाने को रुपया नहीं है ऐसे में अगर मास्क न खरीदकर लगा पाओ तो पुलिस 100-200 का चालान कर रही है, कई बार तो पीछा करके पैसे ले लेते हैं....

Update: 2020-12-22 12:24 GMT

मनीष दुबे की रिपोर्ट

जनज्वार ब्यूरो/कानपुर। उत्तर प्रदेश का मैनचेस्टर और आद्योगिक नगरी के नाम से मशहूर कानपुर के मोहल्लों के नामों का अपने आप मे एक लंबा इतिहास है। हटिया, गुटैया, नरियल बजार, नौघड़ा, भूसाटोली, दानाखोरी, बेकन गंज, मूलगंज, नई सड़क, चौबेगोला, बांसमंडी, दालमंडी, काहूकोठी, फीलखाना, मनीराम की बगिया, चावल बाजार, आदि-आदि। इन्हीं में एक प्रमुख नाम है लाटूश रोड का।

लाटूश रोड कानपुर सहित एशिया की ऐसी बड़ी मंडी है जिसमे मशीनों के कलपुर्जों से संबंधित आप थोक में सामान ले सकते हैं। एक छोटे से छोटा नट, पेंच से लेकर ट्रैक्टर और इंजन तक के पार्ट्स की नुमाइंदगी करने वाला यह बड़ा बाजार लॉकडाउन के बाद धराशाई हो गया। जिसके बाद आज यह हालत की व्यापारियों के पास काम नहीं है तो मजदूर पल्लेदार दो वक्त की रोटी के लिए भी मोहताज हो रहा है।

'जनज्वार' ने आज इस सबसे बड़ी और पुरानी मार्केट का जायजा लिया तो लोग तमाम तरह से पुलिस और सरकार पर अपनी भड़ास निकालते दिखे। सुबह से अपना तांगा लेकर बैठा एक पल्लेदार कहता है कि सुबह से साढ़े 12 बज गया है, बोहनी तक नहीं हुई है। तो कई मजदूर केंद्र सरकार और नरेंद्र मोदी को कोसते नजर आए। उनका कहना है कि जब से यह सरकार सत्ता में आई है उनकी जिंदगी मुहाल हो गई है।

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कई एक मजदूरों ने हमें पुलिस की ज्यादतियां भी बताई। कहा कि खाने को रुपया नहीं है ऐसे में अगर मास्क न खरीदकर लगा पाओ तो पुलिस 100-200 का चालान कर रही है। कई बार तो पीछा करके पैसे ले लेते हैं। उसमें भी ये लोग जादातर गरीबों और मजदूरों को ही पकड़ते हैं, जो बाहर से पल्लेदार वगेरा आते हैं सिर्फ उन्हें ही बिना मास्क की सजा और वसूली का सामना करना पड़ता है। पूरी तरह इस सरकार में लूटतंत्र मचा हुआ है।

इस मार्केट पर किसान आंदोलन का भी बड़ा असर हुआ है। क्योंकि किसानों से डायरेक्टली संबंध रखने वाली यह मार्केट किसानों के धरने पर बैठने के बाद और भी अधिक मंडी का सामना कर रही है। व्यापारी अनिल कुमार सरावगी 'जनज्वार' से बात करते हुए कहते हैं कि हमारा पूरा व्यापार एग्रीकल्चर पर निर्भर है। ऐसे में जब किसान धरने पर बैठा है तो धंधा कहां से होगा। आगे अनिल बताते हैं कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन व्यापारियों को अपना व्यापार बन्द करके घर पर बैठना पड़ेगा।


लाटूश रोड व्यापार मंडल के महामंत्री अनिल गर्ग ने 'जनज्वार' को बताया कि व्यापार पूरी तरह से खराब चल रहा है। मार्केट में काम-धाम बिल्कुल है नहीं। जब से लॉकडाउन लगा है हालत बहुत खराब हो गई है। व्यापार बचा नहीं है, बस कमाकर सरकार को टैक्स भरते देते रहिए। सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है। मोदी जी मस्त हाथी की तरह खाली अपनी ही चला रहे हैं। गरीब-मजदूर मरे तो मर जाये किसी को क्या मतलब है। खाली सरकार का पेट भरते रहिए।

अनिल गर्ग आगे बताते हैं कि कल ही उनका एक लोडर पुलिस ने पकड़ लिया। लोडर में फ़ास्टटैग लगा था, जब उन्होंने बात की तो बताया कमर्शियल वाहन वाला फ़ास्टटैग नहीं लगा है। अब बताइए इसकी हमे जानकारी ही नहीं है। या तो आप पहले से ही इसका कुछ प्रचार करते, तो लोगों को खबर सूचना मिलती की इस तरह की भी कोई बला आई है। जैसे-तैसे आर्डर आये, माल भेजें तो पुलिस बता रही 25 हजार का जुर्माना लगा रही है। बावजूद इसके लोग मोदी मोदी कर रहे हैं। हम भी मोदीभक्त हैं पर भक्त और अंधभक्त में फासला है। हम अंधभक्त नहीं हैं।

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