Baghpat News : बच्चे के रोने पर बेरहम मां ने सड़क पर पटका, कुचलने से हो गई मौत, पोस्टमॉर्टम के बाद डॉक्टरों ने हाथ में थमा दिया शव, अब हो रही है थू-थू
Baghpat News : उत्तर प्रदेश के बागपत से इस वक्त एक वीडियो वायरल (Viral Video) हो रहा है। इस वीडियो में एक किशोर हाथ में बच्चे की लाश लिए दिखाई पड़ रहा है। कहा जा रहा कि इस बच्चे की लाश का पोस्टमार्टम करने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने लाश किशोर को पकड़ा दी....
Baghpat News : उत्तर प्रदेश के बागपत से इस वक्त एक वीडियो वायरल (Viral Video) हो रहा है। इस वीडियो में एक किशोर हाथ में बच्चे की लाश लिए दिखाई पड़ रहा है। कहा जा रहा कि इस बच्चे की लाश का पोस्टमार्टम करने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने लाश किशोर को पकड़ा दी। वह किशोर जब अपने हाथों में बच्चे की डेड बॉडी लेकर चला तो देखने वाले भी ठिठककर पूरा माजरा मालूम करने की जद्दोजहद करते दिखे। लेकिन शर्म नहीं आई तो सिस्टम को।
जानकारी के मुताबिक खेडी लिलोन शामली की रहने वाली महिला सीता अपने दो साल के बेटे काला और छह साल की बेटी कोको के साथ बागपत पहुंची थी। यहां मासूम बेटे के लगातार रोने पर झुंझलाई मां ने गुस्से में काला को हाईवे पर फेंक दिया। जिसके बाद बच्चा एक कार से कुचलकर मृत हो गया। इस घटना के बाद पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं बच्चे का शव पोस्टर्माटम के लिए भेजा गया था। शाम के समय मृतक बच्चे के पिता प्रवीण व उसका भाई शिवम जिला अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने बच्चे का पीएम हुआ शव उन्हें थमा दिया। पिता की तमाम गुहार के बाद भी शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया।
इस मासूम के हाथों में 2 साल के भाई की लाश है, जो पोस्टमॉर्टम के बाद डॉक्टरों ने उसे थमा दी। महकमा एम्बुलेंस ना दे सका।
— Pankaj Parashar (@PANKAJPARASHAR_) August 27, 2022
विडंबना देखिए, रोते बालक को मां ने धक्का दिया और वह कार के नीचे आ गया। मां जेल में है। घटना बागपत की है। pic.twitter.com/DobH7WPRAB
इस घटना से हर कोई सन्न है, बशर्ते अब लोग मां से ज्यादा सरकारी तंत्र को कोस रहे हैं। क्योंकि बेरहम मां की करतूत से हुई मासूम की मौत पर सरकारी मशीनरी ने भी मुंह मोड़ लिया। अपनों से मिले जख्मों पर सरकारी मशीनरी ने मरहम की जगह नमक लगाने का काम किया। पोस्टमार्टम के बाद डॉक्टरों ने पिता और दस साल के भाई को मासूम का शव थमा दिया, लेकिन शव वाहन उपलब्ध नहीं करवाया। पिता और बेटे दोनों ने शव वाहन के लिए गुहार लगाई लेकिन नतीजा कुछ ना निकला। थक-हारकर पिता प्रवीण मासूम के शव को उठाकर चल पड़ा।
लगभग किलोमीटर तक दूरी तय की करने के बाद जब थक गया तो उसने साथ चल रहे बेटे शिवम को मासूम का शव पकड़ा दिया। भाई मासूम का शव लेकर लेकर पैदल ही जिला अस्पताल से बाहर हाईवे के किनारे तक आ गया। करीब 300 मीटर का फासला तय करने के बाद शव वाहन पीछे से उनके पास पहुंचा और फिर पिता-पुत्र के साथ मासूम के शव को उनके निवास शामली के खेडी लिलोन गांव तक पहुंचाया गया। लेकिन अब इसका वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल है।
प्राइवेट एंबुलेंस के नहीं थे रूपये
अपनी मजबूरी बताते हुए मृतक बच्चे के पिता प्रवीण ने कहा कि वह राजस्थान में था जब उसे पत्नी की करतूत और बेटे की मौत का पता चला। तभी वह अपने बेटे के साथ वहां से रवाना हुआ और शाम के समय बागपत जिला अस्पताल पहुंचा था। यहां पोस्टमार्टम के बाद बेटे का शव उन्हें सौंप दिया गया मगर काफी मिन्न्तों के बाद भी उसे शव वाहन या सरकारी ऐबुलेंस उपलब्ध नहीं कराई गई। उसके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वे प्राइवेट एबुलेंस कर लेते। इसके बाद हम बाप-बेटे ने मासूम के शव को हाथों में लेकर ही पैदल चलने का फैसला लिया। करीब एक घंटे बाद शव वाहन उनके पास आया और हम देर रात अपने गांव पहुंच पाए।
इस मामले पर सीएमओ डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया, परिवार को कुछ देर रुकने के लिए कहा गया था मगर वे हाथों में ही बच्चे का शव लेकर अस्पताल से रवाना हो गए। सीएमएस को जैसे ही इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने फौरन शव वाहन की व्यवस्था करके उनके पास तक पहुंचाया। शव वाहन के मिलने में देरी कैसे हुई इसके कारणों का पता लगाया जा रहा है। जो भी होगा सामने लाया जाएगा।