BHU के छात्रों ने बेरोजगारी के खिलाफ निकाला मशाल जुलूस, पुलिस प्रशासन से हुई नोकझोंक

बीएचयू के छात्रों ने कहा हमने देखा तो नहीं पर अंग्रेजों का शाशन जैसा सुना है वैसा ही अत्याचार हम आज अपने ऊपर महसूस कर रहे हैं। इससे पहले क्या कभी ऐसा हुआ है।

Update: 2020-09-18 09:50 GMT

जनज्वार, वाराणसी। कल पीएम के जन्मदिन वाले दिन बीएचयू में मनाया गया राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस में सबसे अधिक संख्या में छात्रों ने जो प्रदर्शन किया वो यहीं था। यहां हुआ प्रदर्शन विशुद्ध रूप से छात्रों का ही था। तमाम प्रकार की तैयारी कर रहे हजारों छात्र अपने हाथों में तख्तियां मोमबत्ती इत्यादि लेकर सरकार से रोजगार मांगने के लिए निकल पड़े।

गुरुवार 17 सितंबर की शाम बीएचयू गेट से बेरोजगारी के खिलाफ मशाल जुलूस निकालकर धरना प्रदर्शन करते हुए विरोध किया गया। इस दौरान छात्रों को रोकने पर पुलिस प्रशासन औऱ छात्रों में काफी अधिक नोकझोक भी हुई। मशाल जुलूस में भाग लिये बीएचयू के बीए तृतीय वर्ष के छात्र राणा रोहित ने कहा कि हम इस उम्मीद में पढ़ते हैं कि हमारी पढ़ाई पूरी होने के बाद हमे एक अच्छा रोजगार मिलेगा पर जिस प्रकार के आंकड़े आ रहे हैं औऱ जिस प्रकार से सरकार हर सेक्टर में अमेंडमेंट कर रही है।

एक अन्य छात्र ने बताया कि सरकारें कभी संविदा तो कभी वैकेंसी न होने की बात कर रही है इसलिए युवा उग्र हो रहे हैं और आज सरकार के सामने अपनी बात रखने आये हैं। छात्रों का कहना है कि देश में बेरोजगारी पिछले 45 साल के न्‍यूनतम स्तर पर है। आज हमलोग जब इसके लिए विरोध कर रहे हैं तो पुलिस प्रशासन द्वारा हमारी आवाज को दबाया जा रहा है।

छात्रों ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन द्वारा मशाल को हमारे ऊपर उड़ेल दिया गया, जिससे हमारा चेहरा जलने से बच गया। हम लोगों पर लाठियां बरसाई जा रही हैं। हमने देखा तो नहीं पर अंग्रेजों का शाशन जैसा सुना है वैसा ही अत्याचार हम आज अपने ऊपर महसूस कर रहे हैं। इससे पहले क्या कभी ऐसा हुआ है। सरकार को आखिर डर किस बात का है।

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