कानपुर देहात में आरक्षण का बड़ा खेल, 36 क्षेत्र पंचायतों का बदल गया आरक्षण, DM तक को नहीं लगी भनक

जिला पंचायत राज अधिकारी ने बिना आपत्ति और दावों के जनपद के विकास खण्ड मलासा की 36 क्षेत्र पंचायत सदस्यों की सीटों का आरक्षण बदलकर अंतिम प्रकाशन कर दिया....

Update: 2021-04-07 14:56 GMT

जनज्वार/कानपुर देहात। जहां पूरे उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव का रंग चढ़ा हुआ है वहीं राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी के साथ-साथ सकुशल सम्पन्न कराने के लिए दिन रात मेहनत कर रहा है। तो दूसरी तरफ जिम्मेदार अधिकारी राज्य निर्वाचन आयोग की मेहनत में पानी फेरते नजर आ रहे हैं। अधिकारी पंचायत चुनाव की निष्पक्षता और पारदर्शीता को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहे हैं, और जमकर खेल कर रहे है।

कुछ ऐसा ही मामला यूपी के कानपुर देहात में देखने को मिला, जहां पंचायत चुनाव के आरक्षण में जिला पंचायत राज अधिकारी अनिल सिंह का बड़ा खेल उजागर हुआ है। जिला पंचायत राज अधिकारी ने बिना आपत्ति और दावों के जनपद के विकास खण्ड मलासा की 36 क्षेत्र पंचायत सदस्यों की सीटों का आरक्षण बदलकर अंतिम प्रकाशन भी कर दिया। इतना ही नहीं इन सीटों के बदलाव की जानकारी न तो जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह को दी और न ही मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पाण्डेय को।

डीपीआरओ ने जनपद की मलासा ब्लाक की 36 प्रमुख क्षेत्र पंचायत सीटों के आरक्षण में जमकर खेल किया। मलासा विकास खण्ड की मलासा प्रथम व द्वितीय, बरौर, जरसेन, गुलौली, जफराबाद, पचलख, छतेनी, बिदखुरी, बिहारी सहित 36 क्षेत्र पंचायत सदस्यों की सीटों में बिना जिलाधिकारी और सीडीओ के सूचना के बदलाव कर दिया। बिना आपत्ति और दावों के मलासा विकास खण्ड के मलासा प्रथम और द्वितीय सीट को अनारक्षित महिला से बदलकर पिछड़ा वर्ग के लिया आरक्षित कर दिया गया।

इसके साथ ही डीपीआरओ ने बरौर को अनारक्षित से ओबीसी महिला, जरसेन को अनारक्षित से ओबीसी, गुलौली और जफराबाद को अनारक्षित महिला से अनारक्षित, पचलख को ओबीसी से अनारक्षित, छतेनी और बिहारी को ओबीसी से ओबीसी महिला और बिदखुरी को ओबीसी से अनारक्षित के साथ 36 सीटों में खेल कर डाला। डीपीआरओ द्वारा आरक्षण में किए गए खेल उजगार होने के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया।

आनन फानन में जिलाधिकारी ने जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय के कनिष्ठ लिपिक को निलंबित करते हुए मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पांडेय को जांच के आदेश दिए है। वहीं डीपीआरओ के खिलाफ शासन को रिपोर्ट भेजने की बात कही जा रही है।

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