यूपी में फिर बिकरु जैसा कांड, अवैध शराब माफियाओं ने सिपाही को पीट-पीटकर मार डाला, मुठभेड़ में एक आरोपित ढेर

अवैध शराब बंद करवाने गई पुलिस टीम पर अवैध शराब के कारोबारियों ने हमला कर दिया, आरोप है कि अवैध शराब कारोबारियों ने पीट पीटकर पुलिस कांस्टेबल की हत्या कर दी और दारोगा को गंभीर रूप से घायल कर दिया..

Update: 2021-02-10 03:18 GMT

(photo: social media)

जनज्वार। उत्तरप्रदेश के कासगंज में कानपुर के बिकरू कांड जैसी घटना प्रकाश में आई है। अवैध शराब बंद करवाने गई पुलिस टीम पर अवैध शराब के कारोबारियों ने हमला कर दिया। आरोप है कि अवैध शराब कारोबारियों ने पीट पीटकर पुलिस कांस्टेबल की हत्या कर दी और दारोगा को गंभीर रूप से घायल कर दिया।

इसके बाद पुलिस ने आरोपित के गांव को घेरकर छापेमारी की। खबर है कि इस दौरान हुए मुठभेड़ में एक आरोपित वे हमले के मुख्य आरोपी का भाई ढेर हो गया है।

घटना के संबन्ध में बताया जाता है कि उत्तरप्रदेश के कासगंज जिले के सिढ़पुरा थाना क्षेत्र स्थित नगला धीमर और नगला भिकारी गांव में अवैध शराब की सूचना पुलिस को मिली थी। आरोप है कि इस सूचना पर कार्रवाई को निकले सिढ़पुरा थाने के दारोगा और एक सिपाही की शराब माफियाओं ने घेरकर बुरी तरह से पिटाई कर दी।

बताया जाता है कि अवैध शराब के कारोबारियों ने दोनों की वर्दी उतरवा दी और लाठी-डंडों व अन्य हथियारों से जमकर पिटाई कर लहूलुहान कर दिया। सूचना के बाद बुरी तरह से जख्मी दारोगा और सिपाही को इलाज के लिए भर्ती कराया गया। फिर उन्हें अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, लेकिन सिपाही की मौत हो गई और जख्मी दारोगा की हालत गंभीर बताई जा रही है।

बताया जाता है कि पुलिस की टीम मंगलवार की रात कासगंज जिला के नगला धीमर गांव में अवैध शराब के कारोबार को बंद कराने गई थी। इस दौरान हुए हमले में सिपाही देवेंद्र और सब इंस्पेक्टर अशोक पाल बुरी तरह जख्मी हो गए। खबर है कि शराब माफियाओं ने सब इंस्पेक्टर अशोक और सिपाही देवेंद्र के हथियार भी छीन लिए हैं।

घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस बल के साथ वरीय अधिकारी भी मौके पर पहुंचे गए और सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। उधर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपराधियों पर NSA लगाने के आदेश दिए हैं। बताया जा रहा है कि कासगंज कांड का मुख्य आरोपी मोती धीमर है, जो एक हिस्ट्रीशीटर है और उसपर पहले से 11 मुकदमे दर्ज हैं।

इस बीच पूरे गांव को घेरकर तलाशी अभियान जारी है। घटना में 4 से 6 लोग शामिल बताए जा रहे हैं। खबर लिखे जाने तक दारोगा अशोक पाल का असलहा नहीं मिल सका है। उधर यूपी सरकार ने शहीद सिपाही के आश्रित को नौकरी और परिवार को 50 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान दिया है।

शहीद सिपाही देंवेंद्र आगरा के रहने वाले थे। वे अपने माता पिता के इकलौते बेटे थे। साल 2016 में उनकी शादी हुई थी। देवेंद्र की दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी तीन साल की है जबकि उनकी छोटी बेटी महज 4 महीने की है।

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