जज बनी कानपुर की बिल्हौर पुलिस, अपने मुताबिक कम-ज्यादा करवाती है गुनाहों की धाराएं, इंसाफ के लिए भटक रहे पीड़ित
पीड़ित ने 112 नम्बर पर सूचना दी। मौके पर पहुँची पुलिस उसे बकोठी तक लाने के बाद बिल्हौर थाने में प्रार्थना पत्र देने की बात कही और चली गई। पीड़ित कहता है, उक्त दबंगो से हम लोग काफी भयभीत व परेशान है..
जनज्वार, कानपुर। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक तरफ अपराध पर जीरो टॉलरेंस की बात करते नहीं थकती, तो दूसरी तरफ उनकी ही पुलिस सारे दावों पर पानी फेरती नजर आती है। योगी सरकार के दावों की हकीकत बिल्हौर थाने मे सामने आई है। बिल्हौर पुलिस पर आरोप है कि यहां अपने मुताबिक धाराएं लगवाई और कम कराई जाती हैं।
मसला बिल्हौर थानाक्षेत्र के सजती बादशाहपुर गांव का है, जहां पीड़ित सुरेंद्र पुत्र जदुनाथ का कहना है कि उसके भाई नरेंद्र सिंह के साथ आपसी बटवारे को लेकर बातचीत हो रही थी। उसी दौरान पड़ोसी ज्ञान सिंह पुत्र सुरेश, मोनू, रवीश, सुधीश समेत करीब आधा दर्जन लोगों ने आकर उसके तथा उसके पुत्र रावेंद्र के साथ मारपीट शुरू कर दी।
बीच-बचाव करने आयी पत्नी को भी पड़ोसी दबंगो ने नही बख्शा। मारपीट के दौरान पुत्र रावेंद्र के हाथ की अंगुली टूट गई, तथा ईंट से छाती पर किए गए प्रहारों से गंभीर चोटें आई है जिसकी पीड़ित ने 112 नम्बर पर सूचना दी। मौके पर पहुँची पुलिस उसे बकोठी तक लाने के बाद बिल्हौर थाने में प्रार्थना पत्र देने की बात कही और चली गई। पीड़ित कहता है, उक्त दबंगो से हम लोग काफी भयभीत व परेशान है।
उल्लेखनीय है कि पीड़ित काफी देर तक थाना हाजा में परिवार सहित बैठा रहा। काफी देर बाद हल्का इंचार्ज ने उसके प्रार्थना पत्र को अपने हिसाब से कमजोर बनाकर साधारण धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराने की क़वायद शुरू कर दी। काफी देर बाद पुलिस ने मजरूमी चिट्ठी देकर घायलों को अस्पताल भेज दिया।
बिल्हौर का ही एक दूसरा मामला है जिसमें चंद्रशेखर आज़ाद नगर निवासी किसान सरदार खां पुत्र अली मोहम्मद का है जिन्होंने बिल्हौर के महिंगवा गांव से एक भैंस गुरुवार दिनांक 3 जून 2021, को 24000 में मलिखान यादव से खरीदी थी। जिसका 4 हजार रूपया बयाना स्वरूप रुपये दिए थे। भैस मालिक द्वारा रविवार को आकर शेष रकम 20 हजार देकर भैस ले जाने की बात कही गई।
जब पीड़ित भैंस लेने पहुचा तो भैस किसी और को बेचे जाने की बात सामने आई जिस पर किसान ने एतराज़ जताया तो भैस मालिक मलिखान यादव उसके पुत्र कल्लू व तीन से चार अज्ञात लोगों ने उस पर जान लेवा हमला बोल दिया। उसके सिर पर धारदार हथियार मार कर उसके पास रखे 21000 रुपयों को भी छीन लिया गया। जब इस संबंध में शिकायत करने पीड़ित थाना बिल्हौर पहुँचा और उक्त घटना के संबंध में प्रार्थना पत्र दिया।
प्रार्थना पत्र मिलते ही हल्का इंचार्ज धर्मेंद्र कुमार द्वारा प्रार्थना पत्र से 21000 रूपयों की लूट की बात हटाने के लिए दबाव बनाने लगे। घटना के तीन दिन बीत जाने के बावजूद पीड़ित किसान की ओर से अभी तक बिल्हौर पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज नही की गई है। जबकि पीड़ित किसान द्वारा पुलिस के दबाव में दूसरा प्रार्थना पत्र भी दिया जा चुका है।
पुलिस द्वारा इस प्रकार जबरन अपराध का ग्राफ़ हल्का करने के लिए हर मामले में वास्तविकता से परे रहकर अपने हिसाब से हल्की धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर देने से योगी सरकार में पीड़ितों को न्याय नही मिल पा रहा है, और अपराधिक तत्वों के हौसले निरंतर बुलंद होते चले जा रहे है।
इनपुट - रिजवान कुरैशी, बिल्हौर