कानपुर : 72 घंटे से कौवों की मौत जारी, नहीं रुक रहा बर्ड फ्लू का कहर
बर्ड फ्लू को लेकर जारी अलर्ट के बाद खाद्य सुरक्षा और औषधि विभाग की टीम ने सोमवार देर रात एक दर्जन से जादा रेस्टोरेंट और होटलों में छापेमारी की।
जनज्वार, कानपुर। घाटमपुर के भीतरगांव विकास खंड के गांव गहोलिनपुरवा में तीसरे दिन भी दस कौवे मृत अवस्था मे पाए गए। इसके अलावा साढ़ कस्बे में भी तीन कौवे मरे मिले हैं। मंधना, बिल्हौर, चौबेपुर में मरे मिले 4 कौवे और दो कबूतरों के सैंपल जांच के लिए बरेली भेजे गए हैं। वहीं मंधना के एक मंदिर में उल्लू की मौत हो गई। डॉक्टरों की टीम ने चिड़ियाघर से 935 और पोल्ट्री फार्म के 150 पक्षियों के सैंपल लिए हैं।
बर्ड फ्लू को लेकर जारी अलर्ट के बाद खाद्य सुरक्षा और औषधि विभाग की टीम ने सोमवार देर रात एक दर्जन से जादा रेस्टोरेंट और होटलों में छापेमारी की। इस दौरान टीम ने यह जांचा की कहीं ग्राहकों को चिकन और अंडे तो नहीं परोसे जा रहे हैं। खाद्य विभाग के अधिकारी विजय प्रताप ने बताया कि किसी भी होटल में चिकन व अंडा नहीं मिला है। उनका कहना है कि ऐसा कोई भी परिसर जहां चिकन व अंडा काटते, बेचते, परोसते मिलेगा उसे तत्काल प्रभाव से बन्द कराने का निर्देश है।
चिड़ियाघर के विदेशी पक्षियों पर नजर
चिड़ियाघर में सर्दियां शुरू होते ही अलग-अलग देशों की कई प्रजातियों के पक्षी झील क्षेत्र में आये हैं, इनकी संख्या 500 के करीब बताई जा रही है। इन पक्षियों में जांघिल, ब्लैक विंग्ड स्टिल्ड, उलीनेक व आइबिस प्रजाति के पक्षी पहुंचे हैं। चिड़ियाघर की टीम ने झील क्षेत्र में पहुंचकर उनके मल मूत्र का सैंपल लिया है। साथ ही चिड़ियाघर के चारों टावरों में निगरानी बढ़ा दी गई है।
बीमार पक्षियों को मारेंगे नहीं इलाज करेंगे
चिड़ियाघर में पक्षियों को अब मारा नहीं जाएगा, बल्कि इलाज किया जाएगा। चिड़ियाघर के निदेशक सुनील चौधरी का कहना है कि इस संबंध में स्पष्ट गाइडलाइन है। बर्ड फ्लू संक्रमण के बाद एक किलोमीटर के दायरे के पक्षियों को मारने का आदेश जारी किया गया था। लेकिन वाइल्ड लाइफ एक्ट की धारा 39 के तहत पक्षियों को सुरक्षा कवच प्राप्त है। प्राधिकरण और प्रमुख वन जीव संरक्षक के आदेश के बिना किसी भी पक्षी को मारा नहीं जाएगा।
पोल्ट्री फेडरेशन ने पत्र भेजकर दर्ज कराई आपत्ति
पोल्ट्री फार्मर्स ब्रायलर्स वेलफेयर फेडरेशन ने पशुपालन मंत्रालय को पत्र भेजकर जिले में अंडे और चिकन की बिक्री ना होने को नियमावली का उल्लंघन बताया है। पत्र में कहा गया है कि बर्ड फ्लू का वायरस जंगली या प्रवासी पक्षियों में पाया गया है। फेडरेशन का कहना है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन और पशुपालन मंत्रालय साफ कर चुका है कि यह संक्रमण पक्षियों से पक्षियों में फैलता है। इसका संक्रमण हवा और इंसानों में नहीं फैलता।