यूपी के मेरठ में भाजपा नेता के एनसीइआरटी की किताबों के नकली कारोबार का भंडाफोड़, 35 करोड़ की पुस्तकें जब्त

पुलिस के सामने से बीजेपी नेता फरार हो गया। वह कई राज्यों में नकली पुस्तकों की आपूर्ति करता था, लेकिन जब आर्मी स्कूल तक उसकी किताबें पहुंच गईं तो उसका फंडा फूट गया...

Update: 2020-08-22 03:23 GMT

मेरठ में जब्त नकली किताबें। फोटो : अमर उजाला से साभार।

जनज्वार। उत्तरप्रदेश के मेरठ जिले में एक भाजपा नेता द्वारा नकली किताबों की प्रिंटिंग करने के काम का खुलासा हुआ है। पुलिस व एसटीएफ की संयुक्त छापेमारी में मौके पर से 35 करोड़ रुपये मूल्य की किताबें भी जब्त की गई है। आर्मी इंटेलीजेंस की सूचना के आधार पर की गई इस कार्रवाइ्र्र में छह प्रिंटिंग मशीनें भी मिली हैं। भाजपा नेता इन नकली किताबों की उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, मध्यप्रदेश, राजस्थान में आपूर्ति करता था। वह उत्तरप्रदेश के विभिन्न जिलों में भी इन किताबों को भेजता था।

इस मामले के खुलासे की शुरुआत तब हुई जब ये पुस्तकें आर्मी स्कूल तक पहुंच गईं। आर्मी स्कूल में नकली किताबों की आपूर्ति होने पर वहां के लोगों को संदेह हुआ। इसके बाद आर्मी इंटेलिजेंस ने मामले की गुप्त रूप से जांच आरंभ की। जांच में पता चला कि ये वास्तव में नकली किताबें ही हैं और इसका छपाई मेरठ के परतापुर इलाके के गगोल के काशी गांव में की जा रही है।

सिविल पुलिस का मामला होने के कारण आर्मी इंटेलिजेंस ने अपनी जांच के बाद मामले की जानकारी एसटीएफ को दी। इसके बाद एसटीएफ ने इसके उद्बेधन की रणनीति तैयार की और शुक्रवार को पुलिस के साथ एक संयुक्त छापेमारी कर प्रिंटिंग प्रेस से 35 करोड़ की नकली किताबों को जब्त किया।


जिस वक्त यह छापेमारी की गई उस वक्त भी मशीनें चल रही थीं और किताबें छापी जा रही थीं। उनकी बाइंडिंग भी की जा रही थी। एसटीएफ ने पूछताछ के लिए प्रिंटिंग प्रेस में काम कर रहे दो दर्जन कर्मियों को हिरासत में लिया, जिनमें कई को पूछताछ के बाद उनका नाम व पता नोट कर छोड दिया गया है।

छापेमारी के वक्त भाजपा नेता व प्रिंटिंग प्रेस का मालिक वहीं मौजूद था, लेकिन वह वहां से गाड़ी पर बैठ कर फरार हो गया। उसकी गाड़ी में भाजपा का झंडा लगा हुआ था। कहा जा रहा है कि सत्ताधारी भाजपा का झंडा लगे होने के कारण पुलिस ने उसे रोकने की हिम्मत नहीं की।

अमर उजाला की खबर के अनुसार, जिस गोदाम से पुस्तकें जब्त की गईं हैं वह सुशांत सिटी परतापुर निवासी सचिन गुप्ता का है। जबकि टीएनएचके प्रिंट एंड पब्लिशर के नाम से मोहकमपुर में प्रिंटिंग प्रेस है। सबूत मिटाने के लिए आरोपी ने पुस्तकों में आग भी लगायी। एसएसपी अजय सहनी के अनुसार, आरोपी सचिन गुप्ता के मैनेजर सुनील कुमार व सुपरवाइजर अमरीश कुमार सहित डेढ दर्जन से पूछताछ की गई है।

जानकारी के अनुसार, जहां असली एनसीआरटी किताबों पर खुदरा विक्रेताओं को 15 प्रतिशत कमीशन मिलता है, वहीं नकली पुस्तकें बेचने पर उन्हें 30 प्रतिशत तक कमीशन दिया जाता है।

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