वाराणसी में BJP नेता की गला रेतकर हत्या, रुपयों के लेन-देन की बात आ रही सामने
पुलिस के मुताबिक सारनाथ थाना अंतर्गत खालिसपुर निवासी धनंजय राय लगभग चार साल पहले तक जनसेवा केंद्र संचालित करता था। इसके बाद वह लोगों से कमीशन लेकर बैंक से उनका लोन स्वीकृत कराने का काम कर रहा था। सोमवार की सुबह भी धनंजय घर से क्षेत्र में निकला था। रात में उसने अपने भाई और पत्नी से थोड़ी देर में आने की बात कही थी। इसके बाद उसका कहीं पता नहीं लगा।
जनज्वार ब्यूरो/वाराणसी। यूपी के वाराणसी स्थित सारनाथ थाना क्षेत्र के पुराना पुल चौकी से लगभग 500 मीटर दूर भाजपा नेता धनंजय राय की हत्या कर दी गई। 35 वर्षीय धनंजय पुलकोहना में कमीशन लेकर बैंक से लोन पास कराने का काम करता था। भाजपा नेता की हत्या गला रेतकर की गई है। मंगलवार 9 मार्च की सुबह यह सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई, और शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
घटना के बाद धनंजय के परिजन भड़क गए। सभी ने पुराना पुल चौकी के पास वाराणसी-गाजीपुर मार्ग पर जाम लगा दिया। उनका कहना था कि लेनदेन के विवाद में धनंजय के दोस्तों ने ही उसकी हत्या की है। तकरीबन पांच घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद शाम चार बजे पुलिस ने ठोस कार्रवाई का आश्वासन देकर जाम खत्म कराया। परिजनों ने जिन पर हत्या की आशंका जताई है उनमें से दो लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और पूछताछ कर रही है।
पुलिस के मुताबिक सारनाथ थाना अंतर्गत खालिसपुर निवासी धनंजय राय लगभग चार साल पहले तक जनसेवा केंद्र संचालित करता था। इसके बाद वह लोगों से कमीशन लेकर बैंक से उनका लोन स्वीकृत कराने का काम कर रहा था। सोमवार की सुबह भी धनंजय घर से क्षेत्र में निकला था। रात में उसने अपने भाई और पत्नी से थोड़ी देर में आने की बात कही थी। इसके बाद उसका कहीं पता नहीं लगा।
मंगलवार 9 मार्च की सुबह धनंजय के घर से लगभग साढ़े चार किलोमीटर दूर पुलकोहना की मुस्लिम बस्ती स्थित एक चहारदीवारी के समीप सड़क के किनारे खून से लथपथ औंधे मुंह उसका शव पड़ा मिला। इसकी सूचना नमाज पढ़ने जा रहे दो मासूम भाइयों ने अपने पिता को दी तो पुलिस आई। धनंजय की जेब से मिले आधार कार्ड और मोबाइल से उसकी शिनाख्त कर पुलिस ने परिजनों को सूचना देते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया।
खालिसपुर निवासी धनंजय चार भाइयों में दूसरे नंबर पर था। बड़े भाई संजय ने बताया कि राजनीतिक रूप से वह प्रदेश के मंत्री अनिल राजभर के कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता था। धनंजय सिंहपुर स्थित एक बैंक से लोगों को कमीशन लेकर लोन दिलाने का काम करता था। इधर वह कई लोगों का लोन पास करवाया था। कभी-कभी वह अपने दोस्तों के यहां ही रात में रुक जाता था।
इस वजह से सोमवार 8 मार्च की रात वह घर नहीं आया तो किसी को भी चिंता नहीं हुई। पांच वर्ष पहले सोनी से उसका विवाह हुआ था, फिलहाल दोनों के एक भी बच्चे नहीं हैं। उधर धनंजय की हत्या की सूचना उसके परिजनों को मिली तो कोहराम मच गया। मां लीलावती की हालत बेसुधों जैसी थी। वह बार-बार यही कह रही थी कि काहे हमरे ललवा क गरदनिया कटलेस हो...। वहीं, पत्नी सोनी अचेत पड़ी हुई थी।
एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि प्रथमदृष्ट्या यह प्रतीत हुआ है कि लेनदेन के विवाद में हत्या की गई है। युवक के पास कई लोग तगादा करने आते रहते थे। वारदात के खुलासे के लिए पुलिस टीमें लगी हुई हैं। जल्द ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे।