उमा भारती बोलीं, 'राम या अयोध्या BJP की बपौती नहीं', मोदी वाली सूची से काटो मेरा नाम, बाद में करूंगी दर्शन

राम जन्मभूमि आंदोलन की प्रमुख चेहरा रहीं उमा भारती ने कहा है कि वे अयोध्या में रहते हुए भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने राम व अयोध्या को लेकर भाजपा को सीख भी दी है...

Update: 2020-08-04 04:00 GMT

जनज्वार। राम जन्मभूमि आंदोलन (Ram Janma Bhumi Andolan) का बड़ा चेहरा रहीं भाजपा नेता उमा भारती ने राम मंदिर व अयोध्या (Ram Mandir & Ayodhya)  पर बड़ा बयान दिया है। उनके बयान से उनका दर्द ही छलका है। मालूम हो कि तीन अगस्त से ही राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए औपचारिक कार्यक्रम शुरू हो चुका है, लेकिन मुख्य भूमि पूजन पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया जाएगा। उस वक्त मुख्य मंच पर गिनती के लोग ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मौजूद रहेंगे।

उमा भारती (Uma Bharti) ने सोमवार (3 अगस्त 2020) को कहा कि राम या अयोध्या बीजेपी की बपौती नहीं है। वे सबके हैं, जो भाजपा मेंहैं या भाजपा में नहीं हैं, जो भी राम को मानते हैं। चाहे वे किसी भी धर्म के, किसी भी पार्टी या किसी भी समुदाय के हों। वे भारत ही नहीं विश्व में कहीं के भी रहने वाले हों। उन्होंने कहा कि वे सब यह अधिकार रखते हैं कि इस बारे में राय रखें। उन्होंने कहा कि इस अधिकार को रोकने का अगर हम अहंकार पाल लेंगे कि राम पर हमारा पेटेंट हैं तो हम भूल रहे हैं कि हमारा अंत होना है, राम तो आदि-अनादि हैं। राम का कभी अंत नहीं होना है।

इससे पहले उमा भारती ने कहा था कि उन्हें राम लला के मंदिर के लिए होने वाले भूमि पूजन (Ram Janma Bhumi Pujan) कार्यक्रम में शामिल होने का न्यौता मिला है और वे चार अगस्त की शाम अयोध्या पहुंच जाएंगी और छह अगस्त की सुबह तक वहां रहेंगी। उन्होंने यह भी कहा था कि वे भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होंगी।

पर, अब वे अयोध्या (Ayodhya )में रहने के बावजूद भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को भूमि पूजन कर चले जाएंगे तब वे राम लला के दर्शन व पूजन करेंगी। 

उमा भारती ने अयोध्या में आयोजित होने वाले कार्यक्रम को लेकर मीडिया में बयान देने के अलावा कई ट्वीट कर अपना रुख स्पष्ट किया है। तीन अगस्त को उन्होंने किए एक ट्वीट में कहा, 'मैं भोपाल से आज रवाना होऊंगी। कल शाम अयोध्या पहुँचने तक मेरी किसी संक्रमित (COVID-19) व्यक्ति से मुलाकात हो सकती हैं ऐसी स्थिति में जहाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सैकड़ों लोग उपस्थित हों मैं उस स्थान से दूरी रखूँगी तथा प्रधानमंत्री और सभी समूह के चले जाने के बाद ही मै रामलला (Ram Lala) के दर्शन करने पहुँचूँगी'। उन्होंने प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जतायी है।

उमा भारती ने यह भी कहा है कि उन्होंने राम जन्म भूमि न्यास (Ram Janma Bhumi Nyas) के वरिष्ठ अधिकारियों और प्रधानमंत्री कार्यालय को यह सूचना भेजी है कि शिलान्यास कार्यक्रम के समय उपस्थित होने वाले समूह की सूची से उनका नाम अलग कर दें।

उन्होंने कहा है कि वे अयोध्या में रहेंगी लेकिन शिलान्यास वाले मुहूर्त पर शिलान्यास वाले स्थान से बहुत दूर उसी समय सरयू के किनारे रहेंगी। उन्होंने कहा है कि उनकी निजी राय है कि जो अतिथिगण मंच पर मौजूद हैं उनके साथ पूजा कराने वाले पंडित के अलावा कोई कार्यक्रम स्थल पर नहीं होना चाहिए। राम अनादि से अनंत तक हैं, पूरे विश्व एवं अयोध्या के साधु-संत एवं राम भक्त राम में ही समाये हुए हैं, इसलिए हम जहां भी होंगे हम उस कार्यक्रम में भागीदार हो जाएंगे।

उमा भारती ने कहा है कि वे अयोध्या न जातीं किंतु उन्हें आने की सूचना मिली उससे उनका फिर जाने का मन बना, तो यह राम का, सरयू का, अयोध्या का बुलावा था। उन्होंने कहा है कि इसलिए वे वहां रहेंगीं, सरयू के किनारे रहेंगी और रामलला का दर्शन करके वापस लौट जाएंगी।

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