भाजपा विधायक के बेटे की अस्पताल की लापरवाही से हुई मौत, सीएम से लेकर स्वास्थ्य मंत्री तक एक FIR के लिए काट रहा चक्कर

विधायक का कहना है कि बेटे की मौत अस्पताल की लापरवाही से हुई थी। विधायक राजकुमार अग्रवाल के 30 वर्षीय बेटे को कोरोना हुआ था। 22 अप्रैल को उसे लखनऊ में काकोरी के अथर्व अस्पताल में भर्ती करवाया गया था...

Update: 2021-05-29 03:19 GMT

हरदोई से भाजपा विधायक राजकुमार अग्रवाल के बेटे की मौत को एक महीना हो गया है.विधायक अस्पताल पर FIR लिखवाने के लिए चक्कर लगा रहे हैं.

जनज्वार, लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी में जो ना हो जाए थोड़ा है। इनके नेता नकली इंजेक्शन बेचते पकड़े जा रहे हैं, एक बाबा खुली चुनौती दे रहा है सब माफ है। यहीं अगर कोई आम आदमी कर दे तो भूचाल आ जाए। लेकिन इस बार मामला उलट है। इस पार्टी का एक विधायक ही न्याय के लिए भटक रहा है, और राज्य से केंद्र तक सत्ता में काबिज पार्टी में खुद विधायक की रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की जा रही है।

यूपी के हरदोई में संडीला से भाजपा विधायक राजकुमार अग्रवाल लखनऊ के एक प्राइवेट अस्पताल पर केस दर्ज कराने के लिए पिछले एक महीने से थाने और अफसरों के कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। विधायक ने मुख्यमंत्री से लेकर स्वास्थ्य मंत्री तक शिकायत की लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई।

अग्रवाल के बेटे की 26 अप्रैल को काकोरी के अथर्व अस्पताल में मौत हो गई थी। विधायक का कहना है कि बेटे की मौत अस्पताल की लापरवाही से हुई थी। विधायक राजकुमार अग्रवाल के 30 वर्षीय बेटे को कोरोना हुआ था। 22 अप्रैल को उसे लखनऊ में काकोरी के अथर्व अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।

26 अप्रैल को सुबह बेटे का ऑक्सीजन लेवल 94 था, वह खाना खा रहा था और सबसे बातचीत कर रहा था। शाम को अचानक डॉक्टरों ने बताया कि उसका ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा है। इस पर उनके दो अन्य बेटे बाहर से ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर आए तो डॉक्टरों ने यह ऑक्सीजन मरीज तक नहीं पहुंचने दी। काफी सिफारिश के बाद भी ऑक्सीजन नहीं ली गई और थोड़ी देर बाद आशीष की मौत हो गई।

विधायक का कहना है कि अस्पताल की लापरवाही से बेटे की जान चली गई। किसी और के साथ ऐसा न हो इसलिए अस्पताल के खिलाफ केस दर्ज करवाने के लिए काकोरी थाने में तहरीर दी। लेकिन पुलिस ने सीएमओ की जांच के बिना रिपोर्ट दर्ज करने से मना कर दिया। उनका कहना है कि इस संबंध में सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन 26 अप्रैल को दी गई तहरीर पर अभी तक केस दर्ज नहीं किया गया।

इस बीच डीजीपी से लेकर पुलिस कमिश्नर तक से बात की लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। वहीं इंस्पेक्टर काकोरी बृजेश सिंह का कहना है कि तीन दिन पहले ही चार्ज संभाला है। पुराने थानेदार ने विधायक की तहरीर उन्हें नहीं दी है। दूसरी तहरीर लेकर केस दर्ज किया जाएगा। इसके बाद मामले की जांच की जाएगी।

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