भाकियू के नेता धर्मेंद्र मलिक ने सरकारी पैनल से दिया इस्तीफा, कहा आयोग के गठन के बाद से नहीं हुई एक भी बैठक

मलिक को एक गैर-सरकारी सदस्य और आयोग में किसान संगठन के प्रतिनिधि के रूप में नामित किया गया था। इस पैनल का उद्देश्य किसानों की समस्याओं का समाधान करना था।

Update: 2021-03-01 06:34 GMT

मुजफ्फरनगर। भाकियू नेता धर्मेंद्र मलिक (Dharmednra Malik) ने उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Govt) द्वारा किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए गठित आयोग से इस्तीफा दे दिया है। मलिक ने आरोप लगाया कि गठन के बाद से आयोग की एक भी बैठक नहीं हुई। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपना त्याग पत्र भेज दिया है।

किसानों के मुद्दों को संबोधित करने के लिए 2017 में 'कृषक समृद्धि अयोग' का गठन किया गया था। मलिक ने कहा, "जिस उद्देश्य के लिए पैनल का गठन किया गया था, वह पूरा नहीं हुआ है।"

मलिक को एक गैर-सरकारी सदस्य और आयोग में किसान संगठन के प्रतिनिधि के रूप में नामित किया गया था। इस पैनल का उद्देश्य किसानों की समस्याओं का समाधान करना था।

मलिक ने दावा किया कि पैनल ने तीन कृषि कानूनों पर केंद्र को कोई सुझाव नहीं भेजा।

मलिक ने संवाददाताओं से कहा, "आज देश भर में हाल ही में पेश किए गए कृषि कानूनों के बारे में सरकार और किसानों के बीच गतिरोध है। किसानों ने ठंड में सड़कों पर पिछले तीन महीने बिताए हैं, लेकिन सरकार को कोई समाधान नहीं मिला। पैनल द्वारा केंद्र को कोई सुझाव नहीं भेजा गया। इसने संवाद के माध्यम से राज्य के किसानों की राय भी नहीं ली। आयोग उस उद्देश्य को पूरा करने में सक्षम नहीं है, जिसके लिए इसका गठन किया गया था।"

उन्होंने कहा कि भाकियू हमेशा किसानों के हितों और कल्याण के लिए लड़ता रहा है और इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगा।

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