फ्री अंतिम संस्कार के सरकारी दावों की फूली सांस, योगी की नाक के नीचे लखनऊ में चल रहे ये पैकेज
पैकेज में अंतिम संस्कार का सामान 6000 रुपये में बिकता है तो अर्थी बनाने का चार्ज 1100 रुपये अलग। लकड़ी और अर्थी को कंधा देकर जलाने का चार्ज 4500 रुपये। फ्रीजर का रेट 24 घंटे के लिए 4500 रुपये और इसके बाद 3000 रुपये प्रतिदिन वसूला जाएगा...
जनज्वार ब्यूरो, लखनऊ। 7 मई 2020 को उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से श्मशान घाटों के लिए एक आदेश पारित किया गया था। वह यह कि प्रदेश खासकर लखनऊ के सभी घाटों पर कोविड-19 से मृतकों का दाह संस्कार फ्री किया जाएगा। बावजूद इसके राजधानी लखनऊ से ही दाह संस्कार की आती यह खबरें सरकार व उनके मातहतों की मंशा पर सेंध लगाती हैं।
मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद निकले इस आदेश की एक-एक प्रति प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, नगर आयुक्तों सहित नगर पालिका व नगर पंचायत के सभी अधिशासी अधिकारियों को भी भेजे जाने का जिक्र है। नगर विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह द्वारा भेजे गए पत्र संख्या 536/9-7-2021-27(ज)/2014टी0सी0 -1 के मार्फत कोविड-19 से मृतकों का अंतिम संस्कार फ्री में होना सुनिश्चित किया गया था।
दूसरी तरफ अमर उजाला में छपी खबर के मुताबिक लखनऊ में अंतिम संस्कार तक के लिए पैकेज बन गए हैं। यहां के डालीगंज स्थित अंतिम संस्कार का सामान बेचने वाली दुकानों पर इसके ठेकेदार बैठे रहते हैं और ग्राहक के आते ही उसे पैकेज के बारे में विस्तार से बताते हैं। एक दुकान पर जब संपर्क किया गया तो शनि नाम के व्यक्ति का नंबर दिया गया। शनि ने नॉन कोविड शवों के अंतिम संस्कार का 20 हजार रुपये तक का पैकेज ऑफर किया। साथ ही उसने यह भी कहा कि कोविड शवों का चार्ज अलग होता है।
फ्री दाह संस्कार के लिए सीएम कार्यालय से निकले आदेश वाले पत्र के अनुसार उप्र नगर निगम अधिनियम-1959 की धारा-114(20) तथा नगर पालिका अधिनियम-1916 की धारा-7(G) का हवाला देते हुए सभी जनपदों को यह आदेश दिया गया था। साथ ही नगरीय निकाय की सीमा के अंतर्गत मृतकों के अंतिम संस्कार हेतु अंत्येष्टि स्थलों, कब्रिस्तानों एवं शवदाह गृहों की व्यवस्था करना नगरीय निकायों का मूल कर्तव्य है।
वहीं अखबार का दावा है कि यहां के पैकेज में अंतिम संस्कार का सामान 6000 रुपये में बिकता है तो अर्थी बनाने का चार्ज 1100 रुपये अलग। लकड़ी और अर्थी को कंधा देकर जलाने का चार्ज 4500 रुपये। फ्रीजर का रेट 24 घंटे के लिए 4500 रुपये और इसके बाद 3000 रुपये प्रतिदिन वसूला जाएगा। इसके अलावा अस्पताल से घर के लिए वाहन 1500 रुपये, तो घर से शमशान घाट के लिए 2500 रुपये चार्ज का खुला ऑफर है।
अस्पतालों में बेड नहीं हैं, वेंटिलेटर नहीं हैं, ऑक्सीजन की किल्लत खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। इसकी व्यवस्था करने इंसान की जान बचाने की बजाए सरकार ने श्मशान घाटों पर कोरोना मृतकों का अंतिम संस्कार फ्री में करने का आदेश दिया था, लेकिन शायद यह आदेश भी पहले के सभी आदेशों की तरह सरकार का झुनझुना ही साबित हो रहा है।