UP में दुर्गापूजा पर पाबंदी, मगर आदिवासी युवाओं को ढाल बनाकर आस्था के नाम पर हो रही जबरन वसूली

दुर्गा पूजा के नाम पर ट्रक चालकों से दो सौ-चार सौ से लेकर हजार-पांच सौ रुपयों की मनमाना वसूली की जा रही है, यह वसूली भी पूरी तरह से दबंगई के साथ की जा रही है, जिससे ट्रक चालकों की परेशानियां बढ़ गई हैैं....

Update: 2020-10-11 02:30 GMT

संतोष देव गिरि की रिपोर्ट

जनज्वार, सोनभद्र। 4 राज्यों की सीमाओं पर स्थित उत्तर प्रदेश का सर्वाधिक राजस्व देने वाला जनपद सोनभद्र अवैध खनन के साथ-साथ अवैध वसूली के लिए भी सरनाम है। यह जनपद इन दिनों अपने प्राकृतिक वन संपदाओं, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से कहीं ज्यादा अवैध कृत्यों के लिए सदैव सुर्खियों में रहता है।

आदिवासी बाहुल्य जनपद सोनभद्र में अकूत वन संपदाओं, खनन क्षेत्र होने के कारण देश केेे विभिन्न राज्यों से हजारों की संख्या में बड़े वाहनों का आवागमन होता रहता है। जिनसे कभी पुलिस, कभी आरटीओ तो कभी टोल प्लाजा, बैरियर इत्यादि पर मनमाना वसूली का मामला प्रकाश मेंं आता रहता है, लेकिन इन दिनों मामला इससे कुछ अलग हटकर है।

अगले कुछ दिनों में दुर्गापूजा आनेवाले हैं। वैसे तो कोरोना के कारण इस बार कई पाबंदियां लगीं गईं हैं, जो दशहरा पर भी लागू है, लेकिन दुर्गा पूजा के नाम पर ट्रक चालकों से दो सौ-चार सौ से लेकर हजार-पांच सौ रुपयों की मनमाना वसूली की जा रही है। यह वसूली भी पूरी तरह से दबंगई के साथ की जा रही है, जिससे ट्रक चालकों की परेशानियां बढ़ गई हैैं।

आश्चर्य की बात है कि राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण काल को देखते हुए राज्य में दुर्गा पूजा पर पूरी तरह से रोक लगा दिया है। बावजूद इसके सोनभद्र जिले के कुछ इलाकों में जबरिया दबंगई के बल पर वाहनों को रोककर दुर्गा पूजा के नाम पर वसूली की जा रही है। आश्चर्य की बात यह है कि इस तरफ से पुलिस भी पूरी तरह से मूक-बधिर बनी हुई है। इस ओर ना तो इलाकाई पुलिस ध्यान दे रही है और ना ही जनप्रतिनिधि, जिससे अन्य राज्यों से आने वाले ट्रक चालकों की परेशानियों में इजाफा हो गया है।

सोनभद्र के कोन थाना अंतर्गत चाचीकलां पुलिस चौकी क्षेत्र में झारखंड राज्य की ओर जाने वाले मार्ग पर वाहनों के आगे सड़क पर लकड़ी के मोटे मोटे बोट रखकर आदिवासी युवकों की टोली को खड़ा कर अवैध वसूली कराई जा रही है। इस वसूली का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद भी प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगा है। सवाल उठता है कि जब राज्य में दुर्गा पूजा पंडाल स्थापना पर रोक लगा दी गई है, तो आखिरकार दुर्गा पूजा के नाम पर यह वसूली किस लिए और किसकी शह पर कराई जा रही है?

एक ट्रक चालक ने नाम ना छापे जाने की शर्त पर (क्योंकि वह बराबर इस मार्ग से आवागमन करता है ऐसे में संभावित खतरे को देखते हुए) बताया कि बिना चंदा दिए एक भी वाहन आगे नहीं बढ़ पाते हैं। आदिवासी युवकों की टोली के साथ-साथ इनके सहयोग में आसपास की महिलाएं भी खड़ी हो जाती हैं, जिससे चाह कर भी वाहन चालक इनका विरोध करने का साहस नहीं जुटा पाते हैं। एकांत और घने जंगलों का लाभ उठाते हुए दुर्गा पूजा के नाम पर वसूली करने वाले युवा मारपीट करने पर भी आमादा हो जाते हैं, ऐसे में चंदा देने के सिवाय वाहन चालकों के आगे और कोई विकल्प नहीं बचता है।

हालांकि इस संदर्भ में जब कोन थाना प्रभारी से संपर्क करते हुए उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने बिल्कुल ही सधे अंदाज में यह कह कर अपना पीछा छुड़ा लिया कि ऐसी कोई बात नहीं है, जब उनसे वाहन चालकों को रोककर दुर्गा पूजा के नाम पर रसीद काट कर वसूली किए जाने के बाबत रसीद दिखा चर्चा की गई तो वह बोले देखता हूं।

वैसेे सोनभद्र मेंं वाहनों से अवैध वसूली का यह कोई नया मामला नहीं है, फर्क सिर्फ इस बार इतना ही है कि वसूली जिसके नाम पर हो रही है, उसका कोई औचित्य ही नहीं है। स्थानीय युवक अवधेश कुमार ने बताया कि दुर्गा पूजा के नाम पर वाहन चालकों से की जा रही अवैध वसूली बिना पुलिस और सफेदपोश नेताओं की शह के हो पाना संभव नहीं है, इनकी पूरी संलिप्तता है। यदि ऐसा न होता तो आखिरकार खुलेआम पूरे दबंगई के बल पर नित्य वाहन चालकों से वसूली होने की कानो कान खबर भला इन्हें कैसेे नहीं हो पा रही हैै?

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