बढ़ते भ्रष्टाचार और प्रदूषण की चिंता में आत्महत्या करने वाली छात्रा के सुसाइड नोट पर बाल आयोग ने लिया संज्ञान

राज्य बाल अधिकार समिति ने इस पर संझान लेते हुए प्रधानमंत्री को एक पत्र भेजा है, इसमें उन्होंने 'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम में 10 वीं कक्षा की इस छात्रा द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा करने का आग्रह किया है....

Update: 2020-08-24 11:06 GMT

संबल। उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (यूपीएससीपीसीआर) ने 16 साल की एक छात्रा के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित कर लिखे गए 18 पेज के सुसाइड नोट पर संज्ञान लिया है।

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर 16 साल की छात्रा ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। उसने भ्रष्टाचार, वनों की कटाई, बढ़ते प्रदूषण जैसे विभिन्न मुद्दों पर चिंता व्यक्त करते हुए अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि इन दबावों ने ही उसे आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया है।

राज्य बाल अधिकार समिति ने इस पर संझान लेते हुए प्रधानमंत्री को एक पत्र भेजा है। इसमें उन्होंने 'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम में 10 वीं कक्षा की इस छात्रा द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा करने का आग्रह किया है।

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यूपीएससीपीसीआर के अध्यक्ष डॉ. विश्वेश गुप्ता ने कहा, 'हमने छात्रा द्वारा बताए गए मुद्दों का संज्ञान लिया है। उसने कुछ जरूरी मुद्दों को उठाया है। हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस पर ध्यान देने का आग्रह किया है। इसके लिए हमने पत्र प्रधानमंत्री कार्यकाल को भेज दिया है।'

बता दें कि संभल के एक गांव में छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी और उसकी मौत के तीन दिन बाद संभल पुलिस को उसके घर से एक सुसाइड नोट मिला था। जिसमें प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए कई मुद्दों को उठाया गया था।

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