हवा हो रहे CM योगी के दावे, मेडिकल कॉलेज मेरठ में बेड का अभाव, फर्श पर लेटे हैं मरीज

यूपी के सरकारी और निजी अस्पतालों में बेड पाने के लिए मारामारी है, इमरजेंसी के फर्श और स्ट्रेचर पर मरीज तड़प रहे हैं...

Update: 2021-05-02 14:48 GMT

जनज्वार, मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ में कोरोना की मार झेल रहे मरीजों और उनके तीमारदारों को एक-एक बेड के लिए नूराकुश्ती करनी पड़ रही है। सरकारी और निजी अस्पतालों में बेड पाने के लिए मारामारी है। इमरजेंसी के फर्श और स्ट्रेचर पर मरीज तड़प रहे हैं। यहां शनिवार 1 मई को भी हालात में कोई सुधार नजर नहीं हुआ।

ऐसे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दावा कर रहे हैं कि अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, दवाई इत्यादि की कोई कमी नहीं है। मीडिया भी सीधे तौर पर दिखाने से परहेज कर रहा है। बावजूद इसके मरीज फोटो वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में डालने से परहेज नहीं कर रहा है। मेरठ के मेडिकल कॉलेज स्थित इमरजेंसी वार्ड की यह तस्वीर भी वायरल हुई है। जिसमें मरीज फर्श पर लेटे हैं। 

मेडिकल कॉलेज में कोई इमरजेंसी के फ़र्श पर तो कोई स्ट्रेचर पर है। कोई मरीज कार में ही उपचार ले रहा है। मरीज के तीमारदार बाहर ऑक्सीजन के इंतजाम में भटक रहे हैं। तीमारदारों को अपनों का हाल तक पता नहीं चल रहा है। कोविड वार्ड में जो खाना भिजवा रहे हैं, वह खाना भी मरीज तक नहीं पहुंच रहा है। एक बुजुर्ग मरीज तो इमरजेंसी की पार्किंग में खाना खाते मिले। कोई चाहकर भी मदद नहीं कर पा रहा है।

मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में बेड कम हैं और मरीज ज्यादा हैं। जूनियर डॉक्टरों ने प्राचार्य से साफ कह दिया है कि बे उतने ही मरीज भर्ती करेंगे, जितने बेड हैं। उससे ज्यादा मरीजों को वे ठीक से नहीं देख पाएंगे। शनिवार 1 मई की दोपहर प्राचार्य इमरजेंसी पहुंचे और व्यवस्था बनाने की कोशिश की। प्राचार्य का कहना है कि जूनियर डॉक्टरों से इस सिलसिले में बात की जा रही है। 

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