Gorakhpur News: सीएम योगी के गृहनगर गोरखपुर में जमीन पर पड़ी घंटों तड़पती रही गर्भवती महिला, नहीं पहुँचीं डॉक्टर
Gorakhpur News: योगी आदित्यनाथ के गृहनगर गोरखपुर (Gorakhpur) से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) जंगल कौड़िया में डॉक्टरों की गंभीर लापरवाही सामने आई है। बृहस्पतिवार की सुबह लगभग साढ़े 9 बजे एक गर्भवती महिला के परिजन उसे लेकर CHC स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे थे...
Gorakhpur News: योगी आदित्यनाथ के गृहनगर गोरखपुर (Gorakhpur) से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) जंगल कौड़िया में डॉक्टरों की गंभीर लापरवाही सामने आई है। बृहस्पतिवार की सुबह लगभग साढ़े 9 बजे एक गर्भवती महिला के परिजन उसे लेकर CHC स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे थे। महिला को रक्तस्राव हो रहा था। इस समय तक अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ अस्पताल नहीं पहुंचीं थीं।
तककरीबन एक घंटे से ज्यादा समय तक महिला अस्पताल (Hospital) के बाहर जमीन पर पड़ी डॉक्टर के इंतजार में तड़पती रही। लेकिन, चिकित्सक नहीं पहुंचीं। हद तो यह हो गई कि इस दौरान अस्पताल में मौजूद जनरल फिजीशियन ने भी महिला को प्राथमिक उपचार देने या उसका हाल पूछने की जरूरत नहीं समझी। महिला की हालत बिगड़ती देख परिजन उसे निजी अस्पताल ले गए और प्रसव कराया।
जानकारी के मुताबिक, जंगल कौड़िया ब्लॉक के ताल लिखिया गांव की रहने वाली 30 वर्षीय राजमती पत्नी राम सिंह पासवान को बृहस्पतिवार की सुबह प्रसव पीड़ा हुई। राम सिंह इलाज के लिए सुबह साढ़े नौ बजे के करीब सीएचसी जंगल कौड़िया ले गए। आरोप है कि इस दौरान इमरजेंसी की सुविधा नहीं थी और न ही अस्पताल में कोई भी स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ थीं। जबकि डॉक्टर के अस्पताल पहुंचने का समय सुबह आठ बजे होता है।
इस बीच राजमती जमीन पर तड़पती रहीं, लेकिन डॉक्टरों की संवेदना नहीं जगी। कोई डॉक्टर इलाज के लिए नहीं आया। इस बीच गर्भवती को रक्तस्राव हो रहा था और वह दर्द से कराह रहीं थीं। राम सिंह ने बताया कि एक घंटे से अधिक इंतजार के बाद जब हालत ज्यादा बिगड़ने लगी तो ऑटो में बैठा कर निजी अस्पताल में ले गए। जहां पर राजमति का प्रसव हुआ। इस मामले में लोगों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल भी कर दिया है।
जंगल कौड़िया CHC प्रभारी डॉ. मनीष चौरसिया ने कहा कि महिला दो दिन पहले इलाज के लिए आई थी। उसको रक्तस्राव हो रहा था। डॉक्टरों ने देखकर दवा दी थी। बृहस्पतिवार सुबह जब मरीज को लेकर परिजन आए तो महिला डॉक्टर नहीं आई थीं। कुछ देर बाद जब डॉक्टर आईं तो मरीज के पति इलाज के लिए निजी अस्पताल लेकर चले गए। इस बीच आशा एंबुलेंस बुलाने के लिए गई थी। लेकिन, उन्होंने सरकारी अस्पताल में इलाज कराने से इन्कार कर दिया। मामले की जांच कराई जाएगी।
जिले के सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दुबे ने कहा कि मामले की जानकारी मिली है। मामला बेहद गंभीर है। मामले की जांच कराई जा रही है। जांच के बाद स्वास्थ्यकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।