CM योगी का कानपुर दौरा : रूट संवारने उतरी अफसरों की फौज, 2 घण्टे में गड्ढे, कूड़ा, छुट्टा जानवर सब लापता
ग्रामीण नरेंद्र कहते हैं, खस्ताहाल नालियां जरा सी बरसात में उफनाने लगती हैं, सड़कें टूटकर पानी पी रही हैं, सफाई कर्मचारी का चेहरा महीनों देखने को नहीं मिलता। सीएम आकर चले जाएगें, फिर सब जस का तस नरक हो जाएगा...
जनज्वार, कानपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आज कानपुर दौरा है। शहर में सीएम के सभी संभावित रूटों पर युद्ध-स्तर पर अफसरों ने सब चमका दिया है। काम देखकर खुद कई गांवों के लोग हैरान हैं। कल तक कूड़े का लगा ढ़ेर अब सुंदर हरियाली में बदल गया है, तो रूटों को छोड़कर कई गांव इलाके में अफसरों का जादू देखने से वंचित रह गए।
योगी आदित्यनात को शहर में सब बढ़िया-बढ़िया नजर आए इसके लिए नगर निगम, इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर, केडीए, हैलट व मेडिकल कॉलेज में कई घण्टे तैयारी चली। केडीए से लेकर सभागार तक सभी गडढे भर गए। सभागार का टूटा शीशा ठीक हो गया। एसआईसी ऑफिस के बाहर स्टील की रेलिंग लग गई। रूट से अतिक्रमण हट गया। सुअर सहित छुट्टा जानवर भी पकड़ लिए गए।
सीएम के गांव भ्रमण की इच्छा पर अफसर उन्हें प्रयागराज हाईवे पर सटे गांव हाथीपुर ले जाएंगे। इस गांव को विकास खण्ड का सबसे विकसित गांव माना जाता है। अफसर दिनभर गांव को चमकाने में लगे रहे। गडढे भरवाने सहित भरा पानी सूखाया गया तथा सड़क पर बिखरा गोबर कीचड़ भी साफ हो गया। हाथीपुर से ढ़ाई किलोमीटर सुभौली गांव के लोग अफसरों का ये जादू देखने से वंचित रह गए।
इस गांव के नरेंद्र सिंह कहते हैं कि खस्ताहाल नालियां जरा सी बरसात में उफनाने लगती हैं। सड़कें टूटकर पानी पी रही हैं। सफाई कर्मचारी का चेहरा महीनो देखने को नहीं मिलता। सीएम आकर चले जाएगें, फिर सब जस का तस नरक हो जाएगा। ऐसे दिखावे का फायदा ही क्या है।
वहीं सरसौल में योगी से वाहवाही बटोरने के लिए अफसर खुद नाली साफ करते दिखे। सीएम के दौरे का हड़कंप ऐसा है कि नाक-मुँह सिकोड़ने वाले अफसर शुक्रवार को सफाईकर्मियों के साथ नाली में फंटी चलाते दिखे। हालांकि सीएम का कल्याणपुर ब्लॉक में जाने की संभावना अधिक है।
इसी तरह कल्याणपुर के भरतपुर, सिंहपुर कछार में हफ्ते भर से सफाई की जा रही है। बावजूद इसके हालात नहीं ठीक हुए। भरतपुर के रवि बताते हैं कि गांव में सीएम आ रहे हैं। इसलिए यहां पहली बार स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच करने आई है। इससे पहले तो लगता था सबकी नौकरी खतम हो गई है।