UP में कोरोना टेस्टिंग रैकेट का भंडाफोड़, BJP सांसद के अस्पताल में भर्ती 20 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की क्रॉस रिपोर्ट नेगेटिव

यूपी में कोरोना संक्रमण की गलत जांच रिपोर्ट के 35 भुक्तभोगियों का मामला सामने आया है, निजी लैब से जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद इन लोगों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करा दिया गया था....

Update: 2020-06-10 05:41 GMT
प्रतीकात्मक फोटो

जनज्वार। 'आपदा को अवसर' बताने वाले प्रधानमंत्री मोदी को क्या पता होगा कि अस्पतालों और निजी लैबों का गठजोड़ इसे सुअवसर मानकर इस तरह भुना लेगा। उनके ही मंत्रिमंडल के पूर्व मंत्री और गौतमबुद्धनगर सांसद महेश शर्मा के अस्पताल से 20 ऐसे मरीज घर भेजे गये हैं, जिनकी रिपोर्ट निजी लैब ने पॉजिटिव बतायी थी और क्रॉस चैक में नैगेटिव निकली।

कैलाश ग्रुप आफ हॉस्पिटल के मालिक और गौतमबुद्धनगर संसदीय सीट से भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री के अस्पताल में निजी लैबों की रिपोर्ट के बाद कोरोना पाॅजिटिव बताकर भर्ती किए गये मरीजों के खुलासे ने पूरे देश में खलबली मचा दी है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या भाजपा के एक जिम्मेदार नेता के अस्पताल के साथ निजी लैब की सांठगांठ है। अगर है तो लूट की यह सांठगांठ प्रधामनंत्री मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री योगी छवि खराब करने वाली नहीं है। 

सोशल मीडिया पर लोग यह भी सवाल उठा रहे हैं कि अगर कैलाश हॉस्पिटल की लैबों के साथ सांठगांठ नहीं है तो फिर वहीं इतने बड़े पैमाने पर गलत रिपोर्ट के आधार पर मरीज भर्ती क्यों किये गये। अगर नहीं तो फिर निजी लैबों का गलत रिपोर्ट वाला खेल पूरे प्रदेश ही नहीं देशभर में चल रहा होगा। 

जानकारी के मुताबिक यूपी में कोरोना संक्रमण की गलत जांच रिपोर्ट के 35 भुक्तभोगियों का मामला सामने आया है। निजी लैब से जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद इन लोगों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करा दिया गया था, मगर जब दोबारा जांच क्रॉस चैक के लिए की गयी तो रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद इन मरीजों को घर भेज दिया गया, मगर गलत जांच रिपोर्ट देने वाली दिल्ली और गुरुग्राम की सात लैबों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस जारी किया है।

जिला सर्विलांस अधिकारी की 8 जून की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे 20 मरीजों को ग्रेटर नोएडा के कैलाश अस्पताल से घर भेजा गया है, जिनके नमूने क्रॉस जांच में सही नहीं मिले। इससे पहले 15 मरीजों के नमूने भी खरे नहीं उतरे थे। इसके बाद से निजी लैब की सभी कोरोना मरीजों की रिपोर्टों की क्रॉस जांच कराई जा रही है।

गौरतलब है कि निजी लैब से रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मरीज को अस्पताल में भर्ती करने के दिन ही क्रॉस जांच के लिए नमूने ले लिए जाते हैं। इसकी रिपोर्ट दो-तीन दिनों में आती है। नोएडा सेक्टर-62 स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायलॉजिकल्स की लैब से क्रॉस जांच कराई जाती है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय में पहले पॉजिटिव और फिर निगेटिव रिपोर्ट के बाद घर भेजे जाने वालों में संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा होता है, क्योंकि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाता है। जहां पहले से ही संदिग्ध और पॉजिटिव मरीजों का इलाज हो रहा होता है।

इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी गौतमबुद्ध नगर डॉ. दीपक ओहरी ने कहा है किजिन लैब के नमूने क्रॉस जांच में फेल मिले हैं उन्हें नोटिस जारी किया है। जवाब आने पर कार्रवाई की जाएगी। वापस घर भेजे गए लोगों को एहतियातन होम क्वारंटाइन किया गया है। 

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