EXCLUSIVE : दारू मुर्गा पार्टी के बाद 20 हजार की डिमांड पर अड़ा भ्रष्ट लेखपाल, खूब गिड़गिड़ाया गरीब

गंगा सागर बार-बार गिड़गिड़ा रहा है बावजूद इसके लेखपाल अपने बीस हजार रूपये की मांग पर अड़ा है, लेखपाल कह रहा है, 'जितना कहा है उतने की व्यवस्था कर लो, इससे कम में काम नहीं चलेगा.....

Update: 2020-10-23 11:05 GMT

आजमगढ़। उत्तर प्रदेश में उपर से लेकर नीचे तक लुट मची है। आलम यह है कि गरीब, किसान, रोजदार आफत में है। हत्या, बहन-बेटियों की इज्जत, भ्रष्टाचार बाउंड्री लांघ रहा है। सरकार स्टार प्रचार में उलझी है। ताजा मसला आजमगढ़ का है, जहां एक धनलोलुप लेखपाल ने गरीब से 3,000 की रकम व दारू मुर्गा ऐंठ लेने के बाद सुरसा जैसा मुँह खोलकर 20,000 रूपये मांग रहा है।

मामला जिला आजमगढ़ के ब्लॉक रानी की सराय गाव नेवरही का है। यहां रहने वाले बुजुर्ग मुनेश्वर की मृत्यु के बाद उनके तीन बेटों में दो गंगा सागर और यमुना सागर को उनकी जमीन की वरासत होनी थी। जिसकी रिपोर्ट लेखपाल छत्रपाल सिंह को लगानी थी। लेखपाल ने जमीन विरासत करने के एवज में गंगा सागर से पहले 3 हजार रूपयों की डिमांड की। लेखपाल की इस मांग को मृतक मुनेश्वर के पुत्र गंगा सागर ने पूरी कर दी।


रकम ऐंठ लेने के बाद भी लेखपाल ने कुछ नहीं किया। गंगा के पूछने पर उसने दारू-मुर्गा की मांग की। पहले तो गंगा सागर ने नवरात्रि का हवाला दिया, लेकिन जब लेखपाल नहीं माना तो गंगा ने उसे दारू मुर्गा भी लाकर दे दिया। कुछ दिन बाद जब गंगा सागर ने उससे सम्पर्क किया तो लेखपाल ने उससे 20 हजार रूपये की मांग रखी। इतनी बड़ी रकम देना गंगा सागर के बस में नहीं था। वो बहुत गिड़गिड़ाया लेकिन हराम की कमाई खा-खा कर मोटी चमड़ी का हो चुका लेखपाल जरा भी टस से मस नहीं हुआ।


'जनज्वार' को मिले फोन टेप जिसमें गंगा और लेखपाल छत्रपाल सिंह की पूरी बातचीत रिकार्ड है। इसमें साफ सुना जा सकता है कि मृतक का पुत्र गंगा सागर लेखपाल से कह रहा है 'साहब देख लो, मेरा काम कर दो। पहले आपने 3 हजार रूपये मांगे, मैने दे दिए। फिर आपने दारू मुर्गा मांगा, मैने वो भी कहीं से कर्जा मांगकर आपको लाकर दिए। अब आप 20 हजार रूपये मांग रहे हो। कहां से लाकर दूंगा। साहब कुछ कम करो देख लो।' गंगा सागर की बात पर लेखपाल उससे इतने से कम की रकम पर कतई राजी ना होने की बात कह रहा है।

दूसरे टेप में गंगा सागर लेखपाल से बात कर रहा है। वह कहता है 'साहब दस हजार रूपये की व्यवस्था कर ली है, कर्जा मांगकर लाया हूं। साहब देख लो कुछ कम कर दो, अब किससे मांगूंगा, कहां से लाउगां इत्ती रकम।' गंगा सागर बार-बार गिड़गिड़ा रहा है बावजूद इसके लेखपाल अपने बीस हजार रूपये की मांग पर अड़ा है। टेप में लेखपाल छत्रपाल सिंह कह रहा है, 'जितना कहा है उतने की व्यवस्था कर लो। इससे कम में काम नहीं चलेगा। ऐसा होने लगे तो सब उसके साथ कम जादा करने लगेंगे।'   

भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस अपनाने का दावा करने वाली योगी आदित्यनाथ सरकार की हवा ऐसे मामले सामने आने के बाद निकलती दिखाई दे जाती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रामराज्य की परिकल्पना को पलीता लगाते ऐसे सरकारी कलपुर्जों को कब सुधारा जाएगा ये यक्ष प्रश्न बना रहेगा।

Tags:    

Similar News