कोर्ट ने लगाई यूपी पुलिस को फटकार, जो पहले से जेल में बंद था उसी को बना दिया लूट का आरोपित

कोर्ट ने कहा कि पुलिस इसी तरह से केसों का फर्जी तरीके से खुलासा करती रहेगी तो असली आरोपित बचते रहेंगे और लोगों का रह पाना मुश्किल हो जाएगा

Update: 2020-08-23 09:14 GMT

जनज्वार। उत्तरप्रदेश में पुलिस की कार्यशैली पर लोग सवाल उठाते ही रहते हैं। अब पुलिस की जांच पर कोर्ट भी फटकार लगाने लगा है। मामला भी अनूठा है। मीडिया रिपोर्ट्स केे अनुसार पुलिस ने ऐसे व्यक्ति को लूट के एक केस में आरोपित कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दिया, जो किसी और मामले में पहले से ही जेल में बंद था। कोर्ट की फटकार के बाद पुलिस ने अपनी गलती भी मान ली है।

इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर कड़ी टिप्पणी करते हुए पुलिस को फटकार लगाई है। खबरों के अनुसार, कोर्ट ने कहा कि पुलिस इसी तरह से केसों का फर्जी तरीके से खुलासा करती रहेगी तो असली आरोपित बचते रहेंगे और लोगों का रह पाना मुश्किल हो जाएगा। कोर्ट ने सवाल किया कि इस मामले में अगर आरोपित पहले से ही जेल में बंद था तो वह लूट की इस घटना को कैसे अंजाम दे सकता है?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गाज़ियाबाद के सिहानी गेट थाना का यह मामला है। इस थाना क्षेत्र के सेवा नगर निवासी श्यामा उर्फ साहिल ने एक मामले में विगत 10 जून 2019 को आत्मसमर्पण किया था, जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया था।

तबसे लेकर जमानत मिलने तक, यानि 31 जुलाई 2019 तक वह जेल में बंद था। इसी बीच 14 जून को सिहानी गेट थाना क्षेत्र निवासी ओमदत्त गुप्ता के यहां लूट की एक घटना हो गई, तो उन्होंने थाने में केस दर्ज कराया। इसके बाद पुलिस ने उस श्यामा उर्फ साहिल को आरोपित करते हुए मामले का खुलासा कर दिया, जो उस तिथि को पहले से ही जेल में बंद था।

जब यह मामला कोर्ट में गया और यह जानकारी सामने आई कि पुलिस ने जिसको आरोपित करते हुए मामले का पटाक्षेप कर दिया है, तो सब हैरान रह गए। इसके बाद कोर्ट ने यह कड़ी टिप्पणी करते हुए पुलिस को फटकार लगाई है तथा जबाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

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