Crime Rate in UP: पूर्व IPS ने आंकड़ों से गिनाया कैसे योगीराज में महिलाओं पर अपराधों में कमी और सुरक्षा का दावा है मनगढ़ंत

Crime Rate in UP: योगी सरकार लगातार यह दावा करती रही है कि उसके शासन काल में उत्तर प्रदेश में सख्त कानून व्यवस्था के कारण अपराध तथा अपराधियों पर कड़ा नियन्त्रण रहा है, जिसके कारण महिलाओं पर अपराध में बहुत कमी आई है और वे अधिक सुरक्षित महसूस करती हैं।

Update: 2022-02-24 10:08 GMT

पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी की टिप्पणी

Crime Rate in UP: योगी सरकार लगातार यह दावा करती रही है कि उसके शासन काल में उत्तर प्रदेश में सख्त कानून व्यवस्था के कारण अपराध तथा अपराधियों पर कड़ा नियन्त्रण रहा है, जिसके कारण महिलाओं पर अपराध में बहुत कमी आई है और वे अधिक सुरक्षित महसूस करती हैं। योगी के इस दावे का पोस्टर, बैनर, टीवी तथा सोशल मीडिया पर खूब प्रचार किया गया है तथा आम लोगों में इसका एक नेरेटिव प्रसारित किया गया है। भाजपा अपने प्रचार तंत्र के माध्यम से झूठा प्रचार करने में बहुत पारंगत है, परंतु जब सख्त कानून व्यवस्था तथा महिलाओं के सुरक्षित होने के इस दावे का तथ्यों तथा आंकड़ों के आलोक में परीक्षण किया जाता है तो यह भाजपा के अन्य दावों की तरह खोखला एवं झूठा सिद्ध होता है।

महिलाओं पर अत्याचार

योगी राज में महिलाओं पर अत्याचार में निरंतर वृद्धि हुई है। यह वर्ष 2017 में 56,011, वर्ष 2018 में 59445 तथा 2019 में 59,853 था जो निरंतर वृद्धि दर्शाता है। 2019 में महिलाओं के विरुद्ध अपराध की दर 55.4 प्रति लाख थी। 2015 के मुकाबले 2019 में इसमें 66.7% की वृद्धि हुई है। इस प्रकार योगी सरकार का महिलाओं के विरुद्ध कम अपराध होने तथा उनके अधिक सुरक्षित होने का दावा निराधार सिद्ध हो जाता है।

महिलाओं का बलात्कार तथा गैंगरेप

2020 में पूरे देश में बलात्कार के 28,046 मामले हुए थे जिनमें से 3,065 मामले उत्तर प्रदेश के थे जो कुल अपराध का 9.5% था। इस अवधि में पूरे देश में गैंगरेप के 1931 मामले हुए थे जिनमें से 301 अकेले उत्तर प्रदेश के थे जोकि कुल अपराध का 15.6% था। इस प्रकार योगी सरकार का महिलाओं के विरुद्ध अपराध के कम होने का दावा गलत सिद्ध होता है।

महिलाओं की हत्या एवं अपहरण

2020 में पूरे देश में महिलाओं के अपहरण एवं हत्या के 29,193 के अपराध हुए थे जिनमें से अकेले उत्तर प्रदेश में 3,779 थे जो कि कुल अपराध का 13% था और इसमें उत्तर प्रदेश का पूरे देश में प्रथम स्थान था।

महिलाओं की दहेज हत्याएं

2019 में उत्तर प्रदेश में दहेज हत्या के 2424 मामले हुए थे जिनमें 2410 महिलाओं की मृत्यु हो गई थी। इस अपराध में उत्तर प्रदेश का पूरे देश में प्रथम स्थान था।

अपहरण

2019 में उत्तर प्रदेश में महिलाओं के अपहरण के 11649 मामले हुए थे। इस अपराध में उत्तर प्रदेश का पूरे देश में प्रथम स्थान था।

विवाह के लिए 18 वर्ष से कम लड़कियों का अपहरण

2019 में इसके 4060 मामले हुए थे जिसमें उत्तर प्रदेश का पूरे देश में द्वितीय स्थान था।

पोकसो के मामले

2019 में उत्तर प्रदेश में इसके 7444 मामले हुए थे और उत्तर प्रदेश का पूरे देश में दसवां स्थान था।

राष्ट्रीय महिला आयोग में महिलाओं की शिकायतें

अगस्त 2021 तक राष्ट्रीय महिला आयोग में पूरे देश से 31,000 शिकायतें प्राप्त हुई थी जिनमें अकेले उत्तर प्रदेश से 15,828 अर्थात 50% से अधिक थीं। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उत्तर प्रदेश में महिलाएं कितनी सुरक्षित रही हैं।अब अगर महिलाओं के मामले में सरकार तथा पुलिस का व्यवहार देखा जाए तो यह बहुत अमानवीय, दमनीय एवं निकृष्ट रहा है। उन्नाव जिले में कुलदीप सिंह सेंगर द्वारा नाबालिग लड़की का बलात्कार, शाहजहानपुर में स्वामी चिन्मयानन्द द्वारा बलात्कार, हाथरस में दलित लड़की का गैंगरेप, हत्या एवं परिवार वालों की मर्जी के बिना रात में दाह संस्कार, उन्नाव में दलित लड़की का बलात्कार एवं जलाने का मामला को देखें तो सरकार एवं पुलिस का अमानवीय चेहरा एवं आरोपियों को बचाने का प्रयास दिखाई देता है। कई मामलों में तो अदालत के दखल के बाद ही कार्रवाही हो सकी। आंकड़ों से साफ है कि योगी सरकार का उत्तर प्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध अपराध में कमी एवं उनके अधिक सुरक्षित होने का दावा तथ्यहीन एवं पूरी तरह से मनगढ़ंत है और मिथ्या प्रचार पर आधारित है।

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