यूपी में साइबर सिक्योरिटी ऐसी कि भाजपा विधायक बनकर बैंक से निकाल लिए लाखों रुपये

मामला विधायक के संज्ञान में तब आया जब कुछ दिनों बाद विधायक ने अपना बैंक स्टेटमेंट चेक किया तो इतनी बड़ी रकम के दूसरे खाते में ट्रांसफर किए जाने पर उन्होंने बैंक अफसरों से शिकायत की.....

Update: 2021-03-30 14:58 GMT

जनज्वार डेस्क। उत्तर प्रदेश के कैम्पियर गंज से बीजेपी विधायक फतेह बहादुर सिंह के साथ 5.75 लाख रु की धोखाधड़ी हो गयी है। साइबर क्राइम आरोपी विधायक जी के पैसे लेकर फरार हो गया है। आरोपी ने फतेह बहादुर सिंह बनकर बैंक मेनेजर को फोन लगाया और एक ही झटके में लाखों रुपये का चूना लगा दिया। 31 दिसम्बर को एसबीआई की आईटीएम गीडा शाखा जो कि अब नौसढ़ शाखा बन चुकी है, के पास जालसाज ने मैनेजर को फोन किया और खुद को कैम्पियर गंज विधायक फतेह बहादुर सिंह बताते हुए अपने संस्थान के खाते से आईसीसीआई बैंक की पाटलिपुत्र शाखा के एक खाते में 5.75 लाख रुपये ट्रांसफर करने को कहा। जालसाज ने बैंक को इसका एक ईमेल भी भेजा था। बैंक मैनेजर ने बिना किसी जांच पड़ताल के यह रकम जालसाज द्वारा बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दी।

साइबर थाने की पुलिस ने जालसाज के साथी को दबोच लिया है, जबकि मुख्य आरोपी अभी भी फरार है। पुलिस के मुताबिक कुशीनगर जिले के रहने वाले इस जालसाज को फोन नम्बर के आधार पर पुलिस ने सिम कार्ड के जरिये पकड़ा है। जालसाज ने जिस आधार पर यह सिमकार्ड लिया था उसमें भी टेम्परिंग करते हुए अपना फोटो लगाया लेकिन नाम-पता दूसरे का था।

बताते चलें कि मामला विधायक के संज्ञान में तब आया जब कुछ दिनों बाद विधायक ने अपना बैंक स्टेटमेंट चेक किया तो इतनी बड़ी रकम के दूसरे खाते में ट्रांसफर किए जाने पर उन्होंने बैंक अफसरों से शिकायत की। इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी गई लेकिन इस प्रकरण को दबाए रखा गया। बताते चले कि उत्तर प्रदेश में साइबर क्राइम का यह कोई पहला मामला नहीं हैं। रिपोर्ट कहती है कि भारत में सबसे ज्यादा साइबर क्राइम कर्नाटक के बाद उत्तर प्रदेश में ही होते हैं।

10 मार्च को कानपुर रोड लखनऊ निवासी मनीष चंद्रा की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। मनीष चन्द्रा द्वारा बताए गए मोबाइल नंबर तथा बैंक खाते के विवरण से निकाली गई धनराशि के सम्बन्ध में जांच करने पर पता चला कि रकम पेटीएम के जरिये निकाली गई है। फोन करने वाले जालसाज ने कुशीनगर से सिमकार्ड की खरीदा था। जांच में पता चला कि जिस आधार कार्ड पर सिम लिया गया है उस पर फोटो बदल कर किसी और का फोटो लगाया गया है। फोटो की पहचान कर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। उसकी पहचान कुशीनगर जिले के तरयासुजान थानाक्षेत्र के गोपालपुर निवासी एकराम के रूप में हुई।

हालांकि अब गोरखपुर साइबर क्राइम थाने की टीम ने जालसाजी की जांच शुरू कर दी है और आरोपी एकराम से पूछताछ का सिलासिला शुरु हो गया हैं। आरोपी एकराम ने इंटेरोगेशन के दौरान बताया कि पैसों के लालच में आकर उसने कुशीनगर के पुरानी तमकुही, तमकुही राज, थाना तरयासुजान के रहने वाले सलाउद्दीन अंसारी पुत्र अजीमुल्ला के साथ मिलकर हीरा कुशवाहा नामक व्यक्ति के आधार कार्ड पर अपना फोटो लगा कर कूटरचित करके अलग-अलग जगहों से कई सिमकार्ड निकलवाए। वह सिमकार्ड सलाउद्दीन अंसारी को दे दिया करता था। इसके बदले में सलाउद्दीन अंसारी उसे पैसे देता था। एकराम इससे पूर्व 2020 में तरया सुजान से जेल जा चुका है। इस पूरे मामले में मुख्य आरोपी सलाउद्दीन अंसारी अभी भी फरार हैं।

आरोपी एकाराम द्वारा की गई पूछताछ के दौरान पुलिस ने पांच आधार कार्ड, दो वोटर कार्ड, एक पैन कार्ड, एक आरसी, एक रजिस्टर, एक पॉकेट डायरी, दो बैंक पासबुक, तीन आधार कार्ड की छाया प्रति, चार एटीएम कार्ड, एक आरोग्य कार्ड, एक सफेद प्लास्टिक में कई फोटो बरामद किया है।

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