DDU News Today: आमरण अनशन के 7वें दिन गंभीर हालत में मेडिकल कालेज में भर्ती हुए डॉ.संपूर्णानंद मल्ल, कुलाधिपति को लिखा पत्र

DDU News Today: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर में आजकल आंदोलनों का सिलसिला जारी है।अभी निलंबित शिक्षक प्रो.कमलेश कुमार गुप्त का सत्याग्रह चल ही रहा है कि इसी बीच विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और शिक्षक रहे डॉ.संपूर्णानंद मल्ल पिछले 6 दिनों से विश्वविद्यालय के कुलपति को हटाने समेत चार मांगों को लेकर अनशन पर हैं।

Update: 2022-02-02 18:41 GMT

DDU News Today: आमरण अनशन के 7वें दिन गंभीर हालत में मेडिकल कालेज में भर्ती हुए डॉ.संपूर्णानंद मल्ल, कुलाधिपति को लिखा पत्र

चक्रपाणि ओझा की रिपोर्ट

DDU News Today: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर में आजकल आंदोलनों का सिलसिला जारी है।अभी निलंबित शिक्षक प्रो.कमलेश कुमार गुप्त का सत्याग्रह चल ही रहा है कि इसी बीच विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और शिक्षक रहे डॉ.संपूर्णानंद मल्ल पिछले 6 दिनों से विश्वविद्यालय के कुलपति को हटाने समेत चार मांगों को लेकर अनशन पर हैं।बुधवार को उनके स्वास्थ को देखते हुए जिला चिकित्सालय से मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। डॉ. मल्ल का स्पष्ट कहना है कि विश्वविद्यालय के कुलपति को जब तक हटाया नहीं जाता उनका अनशन अनवरत जारी रहेगा। बता दें कि दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के आचार्य प्रोफेसर कमलेश कुमार गुप्त ने वर्तमान कुलपति प्रो.राजेश सिंह पर नियमों परिनियमों और शासनादेशों का अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए उन्हें पद से हटाने की मांग को लेकर प्रशासनिक भवन पर सत्याग्रह जारी रखे हुए हैं।

इसी बीच डॉ.संपूर्णानंद मल्ल जो विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे हैं तथा अध्यापन कार्य में भी संलग्न रहे हैं तथा वरिष्ठ समाजसेवी हैं ने विश्वविद्यालय की वर्तमान स्थिति के लिए कुलपति को जिम्मेदार मानते हुए उन्हें पद से हटाने व अन्य मांगों को लेकर अपने घर पर ही अनशन कर रहे थे । मिली जानकारी के मुताबिक अनशन के चौथे दिन उन्हें जिला प्रशासन ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया इसी बीच बुधवार को चिकित्सकों ने उन्हें बीआरडी मेडिकल कालेज रेफर कर दिया। बुधवार को जारी विज्ञप्ति में डॉक्टर संपूर्णानंद मल्ल की तरफ से बताया गया है कि आमरण अनशन के 7वें दिन सदर अस्पताल, गोरखपुर के हृदय रोग विभाग के आई सी यू में भर्ती संपूर्णानंद मल्ल जी की हालत गंभीर होने के कारण गोरखपुर प्रशासन ने उन्हें मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया। जहाँ उन्होंने अपना अनशन जारी रखा।

डा.मल्ल ने आमरण अनशन के सातवें दिन महामहिम कुलाधिपति को संबोधित पत्र के माध्यम से कहा है कि, महामहिम, आप से मैं पूछना चाहता हूं कि, आप प्राण या पद में किसका वरण करना चाहती हैं? मेरा जीवन इंसान बनने एवं इंसानियत के रास्ते पर चलने में गुजर गया। एक ही सत्य जिसे मैं मानता हूँ ,वह है मनुष्य। कुदाल चलाकर अन्न पैदा करना, पेड़ लगाना, विश्वविद्यालयों की पुस्तकालयों में बैठकर 'इंसानियत' 'मानवता' पर शोध कार्य करना। महामहिम कुलाधिपति महोदया इस विश्वविद्यालय का प्रथम श्रेणी एलुमिनी हूँ। मेरा प्राण इस विश्वविद्यालय में बसता है।

मेरी इस मातृ संस्था में आज यह तानाशाह, एवं संवेदनहीन कुलपति, नियमों परिनियमों की अवहेलना करते हुए, विश्वविद्यालय अपने मन से चलाते हैं। पीएचडी परीक्षा के प्रश्न पत्र एवं विभिन्न कोर्सेज इनके मन की उपज है। पूर्व में जिस विश्वविद्यालय में वे कुलपति थे इनके विरुद्ध लोकायुक्त जांच संस्थित है। मुझे नहीं पता इन्हें कुलपति कैसे बनाया गया है? अब जबकि आचार्य एवं छात्र दोनों इनकी तानाशाहीयत, अनुशासनहीनता एवं भ्रष्टाचार से तंग हैं और इनकी बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं, कुलपति पद पर इनके बने रहने का नैतिक संवैधानिक औचित्य शेष नहीं।

आप विद्यासंकुलों की अधिष्ठात्री है या तो आप कुलपति को बनाए रखें या पुत्र के प्राण की हिफाजत करें।

भगत एवं गांधी के सत्य को मैं किसी दशा नहीं त्याग सकता।

डॉ.मल्ल के गंभीर हालत के दृष्टिगत,दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष

प्रो.चितरंजन मिश्र, मानदेय शिक्षक संघ गोरखपुर विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ दुर्गा प्रसाद यादव, राजीव गांधी स्टडी सर्किल गोरखपुर के समन्वयक डॉ.प्रमोद कुमार शुक्ला, डीडीयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष अमन यादव, समेत कमलकांत राव, मनदीप राय, प्रशांत मौर्य, सुधीर मद्धेशिया, पप्पू गुप्ता, शंभू नाथ वर्मा कृतिका सिंह, राधा विश्वकर्मा, अन्नु जयसवाल, अंजली पांडे,आदि शोधार्थियों ने भी अपना समर्थन दिया है। ऐसे में देखना यह है कि डॉ.संपूर्णानंद मल्ल की घोषणा के मद्देनजर महामहिम कुलाधिपति क्या निर्णय लेती हैं। कुल मिलाकर पूर्वांचल के सबसे बड़े शिक्षा केंद्र में कुलपति के खिलाफ दो शिक्षकों का आंदोलन शिक्षा जगत में चर्चा का विषय बना हुआ है।

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