देवरिया : BJP सांसद व सभासद में मारपीट, टाउन हाॅल का नाम वाजपेयी या मोहन सिंह के नाम पर रखने का विवाद

सभासद ने सांसद के घर पर पिस्टल रख कर धमकाने का आरोप लगाया है और मामले की शिकायत प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर डीएम-एसपी तक से की गई है। सांसद ने आरोपों को खारिज किया है...

Update: 2020-11-22 07:46 GMT

सांसद रमापति त्रिपाठी और सभासद आशुतोष तिवारी।

जनज्वार। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में सदर सांसद और सभासद के बीच मारपीट का मामला सामने आया है। सांसद रमापति राम त्रिपाठी के आवास पर 19 नवंबर की रात साढ़े दस बजे सांसद एवं भाजपा सभासद के बीच टाउनहाल प्रेक्षागृह का नाम रखने के प्रकरण को लेकर कहासुनी हो गई। सभासद का आरोप है कि कहासुनी के दौरान एक ठेकेदार ने पिस्टल निकाल लिया और कई लोगों ने मिलकर सभासद की पिटाई की।

सभासद ने मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, डीएम, एसपी सहित भाजपा संगठन के नेताओं को पत्र लिखा है। उधर, सदर सांसद आरोपों को बेबुनियाद बताया है। राघवनगर वार्ड नंबर 17 के सभासद आशुतोष तिवारी ने भेजे पत्र में लिखा है कि 15 वर्ष से वह भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता हैं।

20 दिसंबर 2019 को नगरपालिका की बोर्ड बैठक में टाउनहाल स्थित प्रेक्षागृह का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखे जाने का प्रस्ताव उन्होंने रखा था, जिसे नगरपालिका बोर्ड ने पास कर दिया। कमिश्नर ने भी संस्तुति प्रदान कर दी। इसी बीच सितंबर 2020 को प्रशासन एवं संगठन के कुछ लोगों की शह पर अज्ञात लोगों ने पूर्व सांसद स्व मोहन सिंह की प्रतिमा स्थापित कर दी। प्रेक्षागृह में उनका पूर्व सांसद का नाम लिख दिया गया।

सभासद का कहना है कि 19 नवंबर की शाम को जब सांसद के आवास पर गए तो सांसद रमापति राम त्रिपाठी ने कहा कि मिलकर जाना जरूरी बात करनी है। रात साढ़े दस बजे सब लोग चले गए और सिर्फ ठेकेदार गिरीश सिंह मुन्ना मौजूद रहे तो इस दौरान सांसद ने कहा कि नगरपालिका बोर्ड की बैठक होने वाली है, उसमें अपना प्रस्ताव जो सभागार का दिए हो वापस ले लेना। हमने कहा कि ऐसा संभव नहीं है। इसी बात पर वे भड़क गए और अपशब्द कहने लगे।

सभासद का कहना है कि इसी बीच ठेकेदार गिरीश सिंह मुन्ना धक्का-मुक्की कर गाली देने लगे। उन्होंने पिस्टल निकालकर धमकी दी और भाग जाने को कहा। विरोध किया तो मारो-मारो कहकर सांसद खुद मारने लगे। उनका ड्राइवर रंजय, ठेकेदार गिरीश सिंह मुन्ना, आशीष मौर्य सहित कई लोग मारपीट करने लगे। ठेकेदार गिरीश सिंह मुन्ना ने मुझ पर पिस्टल तान दिया। बेरहमी से मेरी पिटाई की गई। किसी तरह जान बचाकर वहां से भागा।

बीजेपी सभासद आशुतोष त्रिपाठी ने कहा कि सांसद रमापति राम त्रिपाठी का मैं बहुत करीबी था। नगरपालिका बोर्ड में प्रेक्षागृह का प्रस्ताव हमने रखा। इसी मामले में वह ठेकेदार के बहकावे में आ गए हैं। वह नहीं चाहते हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर प्रेक्षागृह का नाम हो, उनकी इच्छा ठेकेदारों के दबाव में सपा के पूर्व सांसद स्व मोहन सिंह के नाम पर प्रेक्षागृह का नाम रखने की है।

उनकी बात हमने नहीं मानी तो उन्होंने धोखे से बुलाकर ठेकेदार मुन्ना सिंह एवं अपने लोगों के साथ मिलकर देर रात में जिला पंचायत कैंपस स्थित आवास पर मेरी बेरहमी से पिटाई की है। मेरे साथ कोई अप्रिय घटना होती है तो सांसद रमापति राम त्रिपाठी जिम्मेदार होंगे। इसकी सूचना मुख्यमंत्री सहित सभी को मेरे द्वारा दी गई है।

सदर सांसद रमापति राम त्रिपाठी ने कहा कि मेरे आवास पर कोई मारपीट नहीं हुई है। सड़क पर कुछ लोगों से उनकी कहासुनी जरूर हुई। ऐसा मेरे सुनने में आया है। सभासद मुझे ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहे थे। कुछ लोगों के बहकावे में आकर वह नेतागिरी करना चाहते हैं। आरोप गलत एवं निराधार है। जहां तक प्रेक्षागृह के नामकरण का प्रश्न है तो इस बात पर क्यों मारपीट होगी। इस पर बहस जरूर हो सकती है।

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