Devendra Singh Chauhan : कौन हैं यूपी के डीजी इनचार्ज डीएस चौहान, अखिलेश यादव क्यों लेते हैं उनका बार-बार नाम?

1998 बैच के आईपीएस अफसर डीएस चौहान Devendra Singh Chauhan हैं। वह 15 फरवरी 2022 से डीजी इंटेलीजेंस के पद पर कार्यरत हैं। आईपीएस डीएस चौहान का नाम यूपी के नए पुलिस महानिदेशक की रेस में सबसे आगे चल रहा है।

Update: 2022-05-13 02:06 GMT

आईपीएस डीएस चौहान को मिला यूपी के कार्यवाहक डीजी की जिम्मेदारी। डीजी बनने की रेस में उनका नाम सबसे आगे हैं।

Devendra Singh Chauhan : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने मुकुल गोयल को शासकीय कार्यों की अवहेलना करने, विभागीय कार्यों में रूचि नहीं लेने और अकर्मण्यता के चलते पुलिस महानिदेशक पद से हटा दिया था। पुलिस महानिदेशक (Director General Of Police) के पद से हटाने के बाद आईपीएस देवेंद्र सिंह चौहान (IPS Devendra Singh Chauhan) को उत्तर प्रदेश के डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। स्थायी डीजीपी की तलाश जारी है। इस रेस में भी डीएस चौहान ( IPS DS Chauhan ) सबसे आगे चल रहे हैं।

1998 बैच के आईपीएस अफसर हैं

उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने पत्र जारी कर आईपीएस डीएस चौहान को कार्यवाहक डीजीपी बनाने की ​जानकारी दी है। डीएस चौहान 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह 15 फरवरी 2020 से डीजे इंटेलिजेंस के पद पर कार्यरत हैं।

डीजीपी की रेस में सबसे आगे

वरिष्ठ आईपीएस डीएस चौहान ( IPS DS Chauhan ) यूपी सतर्कता अधिष्ठान (विलेंलेंस) के निदेशक का भी कार्यभार है। आईपीएस डीएस चौहान का नाम उत्तर प्रदेश के नए पुलिस महानिदेशक की रेस में सबसे आगे चल रहा है। फिलहाल उनको उत्तर प्रदेश डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। 

सीएम के भरोसे के अधिकारी, अखिलेश बार-बार लेते हैं नाम

पेशे से एमबीबीएस डॉ. डीएस चौहान मैनपुरी के रहने वाले हैं। चुनाव के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव मैनपुरी के रहने वाले जिस आईपीएस अफसर की ओर इशारा कर जासूसी का आरोप लगाते थे, वो इशारा डीएस चौहान की तरफ ही रहता था। लंबे समय से डीजी इंटेलीजेंस जैसे महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सबसे विश्वसनीय अधिकारी भी हैं।

DGP की रेस में हैं यूपी के ये आईपीएस अधिकारी

यूपी डीजीपी के प्रबल दावेदारों की बात करें तो यूपी में 87 और 88 बैच के कुल 8 IPS डीजी रैंक पर तैनात हैं। इनमें एक आईपीएस 1988 बैच के अनिल अग्रवाल भारत सरकार में डेपुटेशन पर तैनात हैं। यूपी में तैनात आईपीएस अफसरों की करें तो सीनियरिटी लिस्ट में सबसे पहला नाम आरपी सिंह का है। 1987 बैच के आईपीएस आरपी सिंह वर्तमान में डीजी ट्रेनिंग के पद पर तैनात हैं। आरपी सिंह फरवरी 2023 में रिटायर हो जाएंगे। इसके बाद नंबर आता है विश्वजीत महापात्रा महापात्रा का। मुकुल गोयल को डीजी सिविल डिफेंस बनाए जाने के बाद विश्वजीत महापात्रा को डीजी को-ऑपरेटिव बनाया गया है लेकिन विश्वजीत महापात्रा जून 2022 में ही रिटायर हो रहे हैं, यानी इनके पास नौकरी के सिर्फ 2 महीने बाकी हैं। लिहाजा विश्वजीत महापात्रा डीजी की रेस से बाहर हैं। तीसरे नंबर पर 87 बैच के आईपीएस जीएल मीणा हैं। मीणा वर्तमान में डीजी सीबीसीआईडी हैं। जीएल मीणा जनवरी 2023 में रिटायर होंगे, यानी इनके पास 7 महीने का वक्त बाकी है, लेकिन जीएल मीणा के साथ बतौर डीजी होमगार्ड रहते भ्रष्टाचार का मामला जुड़ा है। जीएल मीणा भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल में डीजी होमगार्ड थे और होम गार्डों की ड्यूटी लगाने और मस्टररोल घोटाले को लेकर बड़ा विवाद हुआ था, इसके बाद जीएल मीणा को हटाया गया था।

सीनियरिटी लिस्ट में चौथा नाम डॉक्टर आरके विश्वकर्मा का है। राजकुमार विश्वकर्मा वर्तमान में उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष हैं। मई 2023 में इनका रिटायरमेंट होगा। सीनियरिटी लिस्ट में पांचवें नंबर पर डीजी इंटेलीजेंस डीएस चौहान का नाम आता है। डीएस चौहान लंबे समय से डीजी इंटेलीजेंस जैसे महत्वपूर्ण पद पर तैनात हैं। डीएस चौहान पुलिसिंग के माहिर अफसर माने जाते हैं। वर्तमान हालात में प्रदेश के हर आईपीएस अफसर की कुंडली डीएस चौहान जानते हैं। वह एसटीएफ जैसी महत्वपूर्ण संस्था के आईजी रहे हैं। डीएस चौहान फील्ड के माहिर अफसर गिने जाते हैं। डीएस चौहान के बाद जो नाम है वह डीजीपी की रेस में अपने लंबे कार्यकाल के चलते प्रबल दावेदार डीजी जेल आनंद कुमार। वह लंबे समय तक एडीजी लॉ एंड ऑर्डर जैसे पद पर रहे हैं। वर्तमान में उत्तर प्रदेश की जेलों में हो रहे सुधार कार्यक्रमों में आनंद कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका हैं आनंद कुमार के पास अप्रैल 2024 का लंबा कार्यकाल बाकी है।

मुकुल गोयल को इसलिए हटाया गया पद से

बता दें कि बीते दो दिन पहले डीजीपी मुकुल गोयल को डीजीपी पद से हटा दिया गया था। उन्हें शासकीय कार्यों की अवहेलना करने, विभागीय कार्यों में रूचि नहीं लेने और असक्षमता के चलते पुलिस महानिदेशक की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुक्त कर दिया है। मुकुल गोयल को नागरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मुकुल गोयल नागरिक सुरक्षा विभाग के महानिदेशक बनाए गए हैं। मुकुल गोयल को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस लाकर राज्य का पुलिस महानिदेशक बनाया गया था।


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