हाईकोर्ट से भी ऊपर कानपुर की महिला दरोगा का रसूख, सपा पार्षद की मिलीभगत से दुकान पर करवाया जबरन कब्जा
स्टे के आदेश के बाद भी स्वयं को जज कहते हुए महिला दरोगा निशा यादव ने जबरन दुकान की चाभी दूसरे पक्ष को सौंप दी, इस संबंध में जब एसीपी कोतवाली को बताया गया तो उन्होंने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की...
जनज्वार, कानपुर। उत्तर प्रदेश में पुलिस महकमे के भीतर लाख सुधार के दावे किए जाते रहते हैं, बावजूद इसके पुलिसकर्मी ख़ाकी को दागदार करने से चूकते नहीं हैं। ताज़ा मामला कानपुर नगर के फीलखाना थाने से सामने आया है। यहां तैनात महिला चौकी इंचार्ज पर आरोप है कि उनने सपा पार्षद से मिलीभगत कर दुकानदार को डकैती में जेल भेजने की धमकी देकर जबरन दुकान पर कब्जा करवा दिया।
शुक्रवार 4 जून कानपुर जर्नलिस्ट क्लब में पीड़ित मनिराम बगिया निवासी राहुल जैन ने प्रेसवार्ता कर बताया कि उनके पुस्तैनी मकान संख्या 32/89 मनीराम बगिया पर विवाद चल रहा है। जिसका मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है साथ ही इस पूरे मकान पर हाईकोर्ट की तरफ से स्टे मिला हुआ है। स्टे के मुताबिक न तो कोई सम्पति क्रय हो सकती और न ही विक्रय हो सकती है।
राहुल जैन के मुताबिक बीती 1 जून को फीलखाना चौकी इंचार्ज निशा यादव ने उनके मकान पर पहुंचकर जमकर अभद्रता की और विवादित दुकान जिस पर हाईकोर्ट से यथास्थिति बना रखने का निर्देश है, उसपर दूसरे पक्ष आंनद वर्मा को जबरन दुकान पर कब्जा करवा दिया। पीड़ित ने जब मामला हाईकोर्ट में चल रहा होना बताया तो चौकी इंचार्ज निशा यादव ने अभद्र शब्द प्रयोग करते हुए थाना पहुंचने की धमकी दी।
पीड़ित के मुताबिक थाना पहुंचकर चौकी इंचार्ज ने धमकी देते हुए कहा कि एसीपी कोतवाली ने उसपर डकैती का मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है, जल्दी से दुकान की चाभी लाओ नही तो जेल भेज देंगे। पीड़ित के मुताबिक दूसरे पक्ष आनंद वर्मा ने थाने के बाहर काफी संख्या में अराजकतत्वों तथा एक सपा पार्षद को बुला रखा था। पुलिस ने जबरन दुकान की चाभी लेकर आनंद वर्मा को कब्जा करवा दिया।
राहुल जैन का आरोप है कि चौकी इंचार्ज निशा यादव ने माननीय न्यायालय की अवेहलना की है। स्टे के आदेश के बाद भी स्वयं को जज कहते हुए जबरन दुकान की चाभी दूसरे पक्ष को सौंप दी। वहीं इस संबंध में जब एसीपी कोतवाली को बताया गया तो उन्होंने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की।
साथ ही पीड़ित ने बताया कि उसकी पत्नी कोरोना पाजिटिव है और एक महीने से मधुराज नर्सिंग होम में भर्ती है। उसके लंग्स 88 प्रतिशत डमैज है और काफी गंभीर स्थिति में है। राहुल ने पत्नी के भर्ती होने की जानकारी भी दी, उसके बाद भी पुलिस उसे लगातार प्रताडित करती रही।
पीड़ित ने पुलिस की कार्यशैली पर बड़ा सवाल उठाया है उसने कहा कि 'उक्त दुकान पर जब हाईकोर्ट ने स्टे लगाया हुआ है तो अफसर कैसे उसे किसी को सौंप सकते हैं? क्या यह अफसर उच्च न्यायालय के आदेश से भी ऊपर हैं, जो अपनी मनमानी कर रहे हैं। राहुल जैन ने बताया कि अधिवक्ता आनंद वर्मा क्षेत्र में गलत गतिविधियां चला रहा था। जिसकी शिकायत के बाद बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने आनंद वर्मा को 5 साल के लिए डिबार घोषित कर दिया है। जिसका पक्ष महिला दरोगा निशा यादव ले रही हैं।'
इस मामले के बाद पीड़ित मनिराम बगिया निवासी राहुल जैन थाना, कोर्ट, कचहरी, अफसरों की परिक्रमा लगा रहै है लेकिन उसे कहीं से न्याय की उम्मीद नहीं मिल रही है। थक हारकर उसने कानपुर जर्नलिस्ट क्लब में प्रेसवार्ता कर अपना दुखड़ा सुनाया, और न्याय की गुहार लगाई है।