पत्रकार को फंसाने के लिए फर्जी फाइनेंस कंपनी के संचालनकर्ता ने चली चाल, पत्रकारों ने की CBCID जांच की मांग
'नेशनल फाइनेंस एंड ट्रेडिंग कंपनी' एक फर्जी सूदखोर कंपनी है जो नेशनल फाइनेंस का क्लोन बताया जाता है। उत्तर प्रदेश व बिहार राज्य सहित कुछ एक अन्य प्रदेश में संचालित है। वगैर पंजीकृत करोड़ो का फर्जी कारोबार करती है।
संतोष देव गिरी की रिपोर्ट
जनज्वार ब्यूरो। उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार राज्य तक फैले फर्जी फाइनेंस कंपनी के नेटवर्क का भंडाफोड़ करने पर कंपनी और उनके सहयोगियों ने मिर्जापुर के एक मान्यता प्राप्त पत्रकार के विरूद्ध वाराणसी के जैतपुरा थाने में फर्जी शिकायत दर्ज कराने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस की सक्रियता से पोल खुल गयी और मामला प्रकाश में आते ही चारों ओर चर्चा का विषय बन गया। इस संबंध में जैतपुरा प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि शिकायत मिली है, मामला बोकस जान पड़ता है, इसलिए कोई वाद पंजीकृत नही हुआ है।
वहीं फर्जी फाइनेंस कंपनी की फर्जी शिकायत जैसे ही मीडियाकर्मियों के संज्ञान में आयी तो उन्होंने इस संबंध में पुलिस व प्रशासन के उच्चाधिकारियों से मिलकर मामले की जड़ तक पहुंचने का मन बनाते हुए जांच कराने की बात कही तथा सोमवार को आयुक्त विंध्याचल मंडल योगेश्वर राम मिश्रा को ज्ञापन सौंपते हुए संपूर्ण मामले की सीबीसीआईडी जांच कराने की मांग की है, ताकि फर्जी फाइनेंस कंपनी और उसमें संलिप्त लोगों का खुलासा हो सके।
बता दें कि पत्रकार मंगल तिवारी को गत वर्ष 3 नवम्बर 19 को जान से मारने की धमकी मिली थी, मामले में शिकायत के बाद भी लीपापोती कर एक आरोपी को पुलिस ने बचाने का प्रयास कर मामले में से उसका नाम निकाल दिया था। जानकारी होने पर प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी संज्ञान लिया है और मामले की जांच को लेकर प्रदेश के उच्चाधिकारियों से पत्राचार जारी किया है।
यूपी सहित बिहार में फैला है फर्जी कंपनी का नेटवर्क
'नेशनल फाइनेंस एंड ट्रेडिंग कंपनी' एक फर्जी सूदखोर कंपनी है जो नेशनल फाइनेंस का क्लोन बताया जाता है। उत्तर प्रदेश व बिहार राज्य सहित कुछ एक अन्य प्रदेश में संचालित है। वगैर पंजीकृत करोड़ो का फर्जी कारोबार करती है। बगैर टैक्स दिए सरकार की बड़े पैमाने पर राजस्व की चोरी कर रही है। मसलन, तीन माह में ही 20 प्रतिशत से ज्यादा का ब्याजदर अपने ग्राहकों (जो इनसे सूद पर पैसे लेते हैं) से वसूलते हैं, जिनका वार्षिक ब्याजदर तकरीबन 80 से 100 फिसदी तक पहुंच जाता है, जो किसी भी सरकारी मानक के अनुसार फिट नही बैठता।
जानकार बताते है कि बैंक अपने कर्जदार से व्यक्तिगत लोन पर वार्षिक ब्याजदर तकरीबन साढ़े 9 से 24 प्रतिशत तक लेता है। कुछ एक 26 प्रतिशत तक, लेकिन ज्यादातर 11 से 14 प्रतिशत तक ही सिमित हैं जबकि देखा जाय तो ''नेशनल फाइनेंस..'' एक वर्ष में अपने ग्राहकों से रोजाना की वसूली कर मूलधन के बराबर का ब्याज वसूल कर लेती है। जो नियम विरूद्ध हैं। संचालनकर्ता के बड़े भाई मिर्जापुर के चुनार थाने में मुंशी के पद पर तैनात हैं।
सूत्र बताते है कि इस पूरे फर्जीवाड़े में वे थाने में बैठकर सहयोग करते हैं और मामले को उच्च अधिकारियों तक पहुंचने ही नहीं देते। पत्रकार मंगल तिवारी ने बताया कि उन्होंने अक्टूबर 2019 में फर्जी कंपनी का भंडाफोड़ किया था, इससे बौखलाए संचालनकर्ता व उनके गुर्गो ने उन्हें और उनके परिवार को जान माल की नुकासान की धमकी दी थी। जिसका मुकदमा मिर्जापुर के कोतवाली शहर में 240/19 दर्ज है व न्यायालय में भी विचाराधीन है। विपक्षी इसी मामले में काफी समय से दबाव बना रहे हैं। बीते 2 फरवरी को मिर्जापुर में आकर एक गुर्गे ने मुलाकात कर मामले को रफा दफा करने का दबाव बनाया, बात नहीं बनी तो वाराणसी के जैतपुरा थाने में मेरे विरूद्ध फर्जी शिकायत कर डाली।