Mayawati की नेक सलाह, MSP और दर्ज मुकदमों पर मोदी सरकार ले ठोस फैसला
मायावती ने केंद्र सरकार से मांग की है कि किसानों की उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाया जाए। देश की आन बान शान से जुड़े अति गंभीर मामलों को छोड़कर आंदोलित किसानों पर दर्ज बाकी सभी मुकदमों की वापसी भी केंद्र सुनिश्चित करें तो यह उचित होगा।
नई दिल्ली। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 ( UP Assembly Election 2022 ) को देखते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ( Mayawati ) भी काफी साक्रिय हो गई हैं। हर मामलों पर प्रतिक्रिया देने से दूरी बरतनी वाली यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कृषि कानूनों की वापसी के दूसरे दिन लगातार एक ही मुद्दे पर बयान दिया है। पीएम मोदी ( PM Modi ) द्वारा कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा को उन्होंने देर से लिया गया फैसला बताया था। आज उन्होंने इसी मुद्दे पर नेक सलाह देते हुए कहा है कि किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमों और न्यूनतम समर्थन मूल्य ( MSP ) पर भी केंद्र सरकार कोई ठोस फैसला ले।
भाजपा की नीयत पर किया जा रहा है शक
भाजपा सरकार को इस बात की सलाह उन्होंने ट्विट कर दी है। मायावती ने देश में तीव्र आंदोलन ( Kisam andolan ) के बाद कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा को देर आए दुरुस्त आए कह कर स्वागत किया था। अब उन्होंने कहा है कि भाजपा के इस फैसले को चुनावी स्वार्थ व मजबूरी का फैसला बताकर भाजपा उनकी नीयत पर भी शक किया जा रहा है। इसलिए इस बारे में कुछ और ठोस फैसले जरूरी हैं।
इंदिरा की सरकार को बताया अहंकारी
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि किसानों की उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाया जाए। देश की आन बान शान से जुड़े अति गंभीर मामलों को छोड़कर आंदोलित किसानों पर दर्ज बाकी सभी मुकदमों की वापसी भी केंद्र सुनिश्चित करे तो यह उचित होगा। उन्होंने कहा कि पूर्व में देश ने खासकर कांग्रेस पार्टी की इंदिरा गांधी की रही सरकार के अहंकार एवं तानाशाही वाले रवैये को काफी झेला है किंतु अब पूर्व की तरह वैसी स्थिति देश में दोबारा उत्पन्न ना हो ऐसी देश को आशा है।
'कैंचीजीवी' हैं पीएम मोदी
इससे पहले तीनों कृषि कानून को वापस लेने के बाद बीजेपी और मोदी सरकार पर समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ( Akhilesh Yadav ) ने रहम दिखाने के बदले पहले से ज्यादा आक्रामक रवैया अख्तियार करते हुए कहा था यूपी से बीजेपी ( BJP ) की प्रदेश जनता सफाई करेगी। उसके बाद ताजा ट्विट में उन्होंने अपने हमले को और धारदार बनाते हुए पीएम मोदी को 'कैंचीजीवी' (Kainchijivi ) करार दिया है। बता दें कि किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे नेताओं को पीएम मोदी ( PM Modi ) ने करीब एक साल पहले 'आंदोलनजीवी नाम दिया था।