Farrukhabad News: 30 साल बाद 6 हत्या का आरोपी हुआ गिरफ्तार, साधु के भेष में ऐसे छुपा रहा 30 साल

Farrukhabad News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फर्रुखाबाद (farrukhabad) में पुलिस ने एक सामूहिक हत्याकाण्ड (mass murder) के आरोपी को 30 साल बाद गिरफ्तार किया है। आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर साल 1991 में छह लोगों की हत्या की थी, जिसमें उसे मौत की सजा मिली थी।

Update: 2022-09-29 05:52 GMT

Farrukhabad News: 30 साल बाद 6 हत्या का आरोपी हुआ गिरफ्तार, साधु के भेष में ऐसे छुपा रहा 30 साल

Farrukhabad News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फर्रुखाबाद (farrukhabad) में पुलिस ने एक सामूहिक हत्याकाण्ड (mass murder) के आरोपी को 30 साल बाद गिरफ्तार किया है। आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर साल 1991 में छह लोगों की हत्या की थी, जिसमें उसे मौत की सजा मिली थी। उसके बाद से ही आरोपी फरार था, जिसे अब पकड़ा गया है। आरोपी बौद्ध भिक्षु (Buddhist monk) बनकर देश के अलग-अलग हिस्सों में फरारी काट रहा था। आरोपी के पकडे जाने की पूरे इलाके में चर्चा है। आइये आपको बताते हैं पूरा मामला क्या है।

क्या है मामला

पुलिस के अनुसार मामला 1991 का है। फर्रुखाबाद जिले की कायमगंज तहसील के लखनपुर गांव में गुलजारी लाल अपनी पत्नी रामवती और बेटों उमेश, धर्मेंद्र, राकेश के साथ रहते थे। इनके पड़ोस में ही बाबूराम भी रहते थे। गुलजारी लाल के बेटे का गांव के ही रहने वाले कृष्ण की बेटी के साथ अफेयर था। दोनों साथ में घर से भाग भी गये। इसी के बाद दोनों परिवारों में दुश्मनी हो गई। इसी बीच 18 अगस्त को कृष्ण अपने साथी रामसेवक और किशोरी लाल के साथ गुलजारी लाल के हर पहुंचा और गुलजारी लाल समेत परिवार के पांचों लोगों की हत्या कर दी। इसी दौरान बीच-बचाव के लिए आये पडोसी बाबूराम की भी हत्या कर दी। मामले में तीनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। जिसके बाद तीनों आरोपियों ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। मुकदमे की कार्रवाई चलती रही, इसी बीच तीनों आरोपियों को जमानत मिल गई। बाद में इसी मामले में तीनों आरोपियों को कोर्ट ने मौत की सजा सुना दी। इसी के बाद से आरोपी रामसेवक और किशोरी लाल फरार हो गये, वहीँ आरोपी कृष्ण को जेल भेज दिया गया।

ऐसे पकड़ा गया आरोपी 

इसी मामले में आरोपी रामसेवक को 30 साल बाद फर्रुखाबाद के बस स्टैंड से गिरफ्तार किया गया। रामसेवक ने बताया कि फरार होने के बाद वो दिल्ली गया, जहां उसने संगम विहार में जाकर बौद्ध भिक्षु की दीक्षा ले ली। इसके बाद से ही वो बदायूं जनपद के म्याऊ गांव में बौद्ध भिक्षु बनकर मठ में रह रहा था। यहां उसने अपना नाम व पहचान बदल ली थी और नए नाम से पहचान पत्र भी बनवा लिया था। मामले में पुलिस ने बताया कि रामसेवक को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। जल्द की किशोरी लाल को भी पकड लिया जायेगा।  

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