UP : आगरा में गुंडई की सीमा पार, पुलिस ने व्यवसायी से 23 हजार रुपये छीने, चौकी इंचार्ज सहित 5 सस्पेंड

व्यापारी ने पुलिसकर्मियों पर उसके 23 हजार रुपये छीनने का भी आरोप लगाया था। इस संबंध में एडीजी जोन अजय आनंद से शिकायत की गई थी। मामले की जांच प्रशिक्षु आईपीएस ने की। जांच में आरोप सही पाए गए। शनिवार देर रात एडीजी के आदेश पर एसएसपी बबलू कुमार ने कार्रवाई कर दी। मामले की शिकायत केंद्रीय मंत्री से भी की गई थी।

Update: 2020-09-13 12:38 GMT

जनज्वार। उत्तर प्रदेश के आगरा में जोधपुर के तेल व्यवसायी मांगीराम चौधरी को पीटने व अवैध हिरासत में रखने सहित बिना जांच माल सीज करने के मामले में थाना सिकंदरा की रुनकता चौकी के प्रभारी अरुण सिंह, हेड कांस्टेबल अखिलेश, सिपाही धर्मेंद्र, सुशील और अनिल को शनिवार को निलंबित कर दिया गया है।

व्यापारी ने पुलिसकर्मियों पर उसके 23 हजार रुपये छीनने का भी आरोप लगाया था। इस संबंध में एडीजी जोन अजय आनंद से शिकायत की गई थी। मामले की जांच प्रशिक्षु आईपीएस ने की। जांच में आरोप सही पाए गए। शनिवार देर रात एडीजी के आदेश पर एसएसपी बबलू कुमार ने कार्रवाई कर दी। मामले की शिकायत केंद्रीय मंत्री से भी की गई थी।

जोधपुर का एक तेल व्यवसायी मुंशी नौ सितंबर को टाटा 407 में माल लेकर भोपाल से आगरा होते हुए जोधपुर जा रहा था। मेटाडोर में 15 ड्रम डीजल था। जिसका जीएसटी बिल भी व्यापारी के पास था। आरोप के मुताबिक, सुबह तकरीबन नौ बजे मेटाडोर रुनकता क्षेत्र में पहुंचा। पुलिसकर्मियों ने रोक लिया। प्रवेश शुल्क के रूप में एक हजार रुपये की मांग की गई।

मांगे गए रुपये नहीं देने पर मुंशी और चालक जितेंद्र को पुलिसवाले चौकी ले आए। जितेंद्र को कुछ देर बाद छोड़ दिया। इसके बाद चौकी में पुलिसकर्मियों ने मुंशी मांगीराम चौधरी की जमकर पिटाई की। उसकी जेब में रखे 23 हजार रुपये छीन लिए। ड्रम सीज कर दिए। शाम तकरीबन चार बजे तक चौकी में अवैध हिरासत में रखा गया। इसके बाद ही छोड़ा।

उक्त मामले की शिकायत जोधपुर के सांसद एवं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से शिकायत की गई थी। मामला एडीजी जोन अजय आनंद के पास आया। उन्होंने मामले की जांच प्रशिक्षु आईपीएस को दी। जांच में मारपीट की बात सही निकली। बिना जांच के ड्रम सीज करने की बात सामने आई। प्रशिक्षु आईपीएस ने रिपेार्ट एडीजी को सौंपी।

एडीजी ने एसएसपी बबलू कुमार को कार्रवाई के निर्देश दिए। एसएसपी ने बताया कि चौकी प्रभारी सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। उनके खिलाफ प्रारंभिक जांच भी शुरू करा दी गई है। वहीं पीड़ित का आरोप है कि मारपीट की गई। अवैध हिरासत में भी रखा गया। रुपये छीने गए। ऐसे में सवाल उठता है कि सिर्फ कार्रवाई ही क्यों की गई। मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया गया।

इससे पहले आगरा के ही छत्ता क्षेत्र में एक घर में पुलिसकर्मियों ने एक युवती से मारपीट की थी। उसमें भी निलंबन की कार्रवाई हुई थी। उसमें भी मारपीट पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। जबकि पीड़ित ने एसएसपी आफिस में प्रार्थना पत्र भी दिया था। बावजूद इसके अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

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