बिकरू कांड को अंजाम देने वाले विकास दुबे व उसके साथियों के एनकाउंटर पर लगा फुल स्टाप, यूपी पुलिस को क्लीन चिट
पिछले साल की 2 व तीन जुलाई की रात बिकरू गांव में विकास दुबे को हिरासत में लेने गए आठ पुलिसवालों को मौत के घाट उतार दिया गया था। जिसके बाद दस जुलाई को विकास दुबे मुठभेड़ में मार गिराया गया था। विकास को मारे जाने के बाद उस समय पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ करने का आरोप लगा था...
जनज्वार, कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में डॉन विकास दुबे एनकाउण्टर मामले में जांच आयोग ने यूपी पुलिस को क्लीन चिट सौंप दी है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बीएस चौहान की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग ने विकास दुबे व उसके 5 सहयोगियों की मुठभेड़ में मौत के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस को क्लीन चिट दे दी गई है। सूत्रों की माने तो आयोग ने सबूतों के अभाव में पुलिस को क्लीन चिट दी है।
बता दें कि पिछले साल की 2 व तीन जुलाई की रात बिकरू गांव में विकास दुबे को हिरासत में लेने गए आठ पुलिसवालों को मौत के घाट उतार दिया गया था। जिसके बाद दस जुलाई को विकास दुबे मुठभेड़ में मार गिराया गया था। विकास को मारे जाने के बाद उस समय पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ करने का आरोप लगा था। इसी बात की तफ्तीश कर रही जांच टीम ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट प्रदेश सरकार को सौंपी है।
जांच आयोग का कहना है कि रिपोर्ट की एक प्रति सुप्रीम कोर्ट को भी सौंपी जाएगी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक अखबारों और मीडिया में विज्ञापन देने के बावजूद पुलिस के दावों को चुनौती देने कोई सामने नहीं आया। हालांकि दावा यह भी किया जा रहा है कि कुछ लोग सामने आए भी थे जो पुलिस का समर्थन कर रहे थे। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने भी रिपोर्ट पर टिप्पणी से इनकार कर दिया है।
दरअसल जब एमपी पुलिस ने विकास दुबे को यूपी पुलिस के हवाले किया था तो उसे बुलेटप्रूफ जैकेट पहनाई थी। लेकिन एनकाउंटर के बाद उसके शव पर जैकेट नहीं थी। विकास को एमपी से एसटीएफ सफारी में लाई थी फिर अचानक वाहन टीयूवी में कैसे बदल गया। जिसका एसटीएफ ने दावा किया था कि उसे सुरक्षा की दृष्टी से दूसरे वाहन में बिठाया गया था। एसटीएफ की इस कहानी पर आयोग ने मुहर लगा दी है।
जानिए कब क्या हुआ था
2 जुलाई 2020 की देर रात विकास दुबे व उसके साथियों ने आठ पुलिसवालों की हत्या कर दी थी।
3 जुलाई की सुबह विकास के साथी अतुल दुबे व प्रेम कुमार पांडेय एनकाउंटर में ढ़ेर।
7 जुलाई को प्रभात मिश्रा पनकी में और प्रवीण दुबे इटावा में मारा गया था।
8 जुलाई को हमीरपुर में बदमाश अमर दुबे एनकाउंटर में ढ़ेर किया गया था।
9 जुलाई की सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर से विकास दुबे गिरफ्तार।
10 जुलाई की सुबह सचेंडी में किया गया विकास का एनकाउंटर।
10 तारीख को ही विकास एनकाउंटर मामले में शासन ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था।