गैंगस्टर विकास दुबे मामला : चार बड़े कारोबारी, 11 विधायक-मंत्री, पांच अफसरों से था विकास का याराना
एसटीएफ ने विकास दुबे से पूछताछ की अपनी सीडी सरकार व प्रवर्तन निदेशायल को सौंप दी...
कानपुर से मनीष दुबे की रिपोर्ट
जनज्वार। कुख्यात विकास दुबे के उज्जैन से कानपुर आने तक हुई 5 घंटे की पूछताछ और बयानों की सीडी बनाकर एसटीएफ ने शासन और प्रवर्तन निदेशालय को सौंप दी है। इसमें उससे 50 से ज्यादा सवाल पूछे गए हैं। पूछताछ में विकास ने उससे संबंध रखने वाले तमाम लोगों के नाम बताए, जिसमें कारोबारी, विधायक.मंत्री और बड़े अफसर शामिल हैं। रास्ते में विकास सोया नहीं, कुछ देर के लिए सीट पर सिर टिका आंख जरूर बंद कर लेता था।
सूत्रों ने बताया कि विकास दुबे ने दो जुलाई को वारदात वाली रात से लेकर उज्जैन में गिरफ्तार होने तक की पूरी कहानी बताई और मदद करने वालों के नाम बताए हैं। अपने चार बड़े करीबी कारोबारियों, 11 विधायकों-मंत्रियों और पदों पर बैठे पांच पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से मित्रता होने की जानकारी दी है। उसने यह भी बताया कि उसकी संपत्तियांं कहां और किसके नाम पर हैं। अवैध रूप से जुटाई गई रकम का इन्वेस्टमेंट और अन्य खर्चों के बारे में भी बताया है। एसटीएफ ने उसके बयान का वीडियो भी बनाया है।
एक फोन में करा देता था पोस्टिंग
विकास ने बताया कि सरकार और शासन में पकड़ होने के कारण ही वह फोन करके ट्रांसफर व पोस्टिंग भी करा देता था। कुछ माह पूर्व उसने एक थानेदार और चार चौकी प्रभारियों की भी तैनाती कराई थी। 50 से अधिक पुलिस वाले उसके यहां आते थे। विकास ने दो आइपीएस अधिकारियों व तीन एएसपी से भी मित्रता होने की बात कही। बताया कि इनसे फोन पर अक्सर बात होती थी। जरूरत होती थी तो उनके पास अपना आदमी भेज देता था।
सीओ देवेंद्र मिश्र करना चाहते थे बर्बाद
सूत्रों के मुताबिक विकास ने बताया कि सीओ देवेंद्र कुमार मिश्र मुझे बर्बाद करना चाहते थे। मेरे करीबियों से कहते थे कि उसकी दूसरी टांग मैं ही तोड़ूंगा। करीबी घर आकर सारी बात बताते थे, मेरे गांव व क्षेत्र में मेरी मर्जी के बिना पुलिस घुस नहीं सकती, वहां से घसीटकर ले जाने और एनकाउंटर करने की बात कहते थे। यही बात विकास को नागवार गुजरी। बोला, दबिश हुई तो गुस्से में यह हो गया। विकास ने हमले में शामिल रहे करीब एक दर्जन लोगों के नाम भी बताए, जो पुलिस को नहीं मालूम थे।