Ghaziabad News: गाजियाबाद के "आरपी गोल्ड ब्रांड" के सिंघाड़े के आटे का सैंपल फेल, कोर्ट से 3.50 लाख का जुर्माना
Ghaziabad News: उत्तर प्रदेश के जनपद गाजियाबाद की नामचीन मसाला कंपनी को नवरात्र के दिनों में घटिया क्वालिटी का सिंघाड़े का आटा बेचना महंगा पड़ गया। खाद्य विश्लेषक की जांच में ना सिर्फ नमूना फेल हो गया बल्कि इस कंपनी के सिंघाड़े के आटे को मानव के स्वास्थ्य के लिए असुरक्षित माना गया।
निर्मल कांत शुक्ल की रिपोर्ट
Ghaziabad News: उत्तर प्रदेश के जनपद गाजियाबाद की नामचीन मसाला कंपनी को नवरात्र के दिनों में घटिया क्वालिटी का सिंघाड़े का आटा बेचना महंगा पड़ गया। खाद्य विश्लेषक की जांच में ना सिर्फ नमूना फेल हो गया बल्कि इस कंपनी के सिंघाड़े के आटे को मानव के स्वास्थ्य के लिए असुरक्षित माना गया। वाईपी स्पाइसेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी अपने प्रोडक्ट आरपी गोल्ड ब्रांड नेम से बेचती है। न्यायालय ने खुले बाजार में प्रोडक्ट की सप्लाई करने वाली कंपनी व उसके थोक और फुटकर विक्रेता पर अर्थदंड डाला है। कंपनी के इस प्रोडक्ट को बेचने वालों को दोषी करार देते हुए उन पर कुल 3.50 लाख का जुर्माना डाला गया है।
खाद्य विश्लेषक लखनऊ की जांच रिपोर्ट
नमूना विश्लेषण के उपरान्त खाद्य विश्लेषक लखनऊ ने अपनी जाॅच रिपोर्ट संख्या- 6393 दिनांक 20.03.2020 में राय दी कि "Grit is present in the Sample. Hence the sample contains extraneous Matter. खाद्य विश्लेषक लखनऊ की जांच आख्या के आधार पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी पीलीभीत ने नियमानुसार प्रतिपक्षी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने हेतु न्यायालय अपर जिला अधिकारी (वित्त एवं राजस्व) को वाद सन्दर्भित किया।
यह है पूरा मामला
खाद्य सुरक्षा अधिकारी पीलीभीत ने अपनी आख्या में कहा है कि स्टेशन रोड, पीलीभीत स्थित मैसर्स मीनाक्षी ट्रेडिंग कम्पनी का निरीक्षण किया गया। मौके पर विक्रेता द्वारा खाद्य पंजीकरण संख्या - 22718821000138 प्रस्तुत किया गया । निरीक्षण के दौरान प्रतिष्ठान पर आटा, खाद्य तेल, मसाले, दाले, नमकीन, बिस्कुट आदि खाद्य पदार्थ वास्ते मानव उपभोग एवं सार्वजनिक बिक्री हेतु भण्डारित पाये गये। भण्डारित व्रत का आटा (आरपी गोल्ड ब्राण्ड सिंघाड़ी आटा सील पैक) के पैकेटों में सन्देह होने पर विक्रेता द्वारा मांगी गयी कीमत 220 रूपये नगद भुगतान करके 4 पैकेट खरीदे गए। व्रत का आटा (आरपी गोल्ड ब्राण्ड सिंघाड़ी आटा सील पैक) चार बराबर-बराबर भागों में बांटकर प्लास्टिक के डिब्बों में भरकर अभिहीत अधिकारी द्वारा प्रदत्त कोड को नियमानुसार चिपकाकर कार्यवाही की गयी। मौके पर ही फार्म-5 (क) कीमत रसीद, लेबिल फार्म तथा निरीक्षण पत्र तैयार किये गये। नियमानुसार सील मोहर बन्द कर नमूने के प्रत्येक भाग पर विक्रेता के हस्ताक्षर कराये गये। मौके पर जनता के लोगों को गवाही के लिये बुलाया गया, लेकिन सभी ने गवाही देने से मना कर दिया। लिये गये नमूने के एक भाग को फार्म-6 की एक प्रति के साथ खाद्य विश्लेषक लखनऊ को जाॅच हेतु भेजा गया ।
प्रतिपक्षी विक्रयकर्ता विमल सेन पुत्र विजय कुमार निवासी मोहल्ला कुंवरगढ, पीलीभीत, मैसर्स मीनाक्षी ट्रेडिंग कंपनी, स्टेशन रोड पीलीभीत, मैसर्स महाजन ट्रेडर्स, एएम शापिंग काम्प्लेक्स, पीलीभीत व मैसर्स वाईपी स्पाइसेज प्राइवेट लिमिटेड एसी-03, रोड इण्डस्ट्रियल एरिया, गाजियाबाद के विरूद्ध वाद पंजीकृत होकर नियमानुसार नोटिस जारी किया गया। सभी प्रतिपक्षियों को नोटिस तामील हो गए लेकिन न्यायालय अपर जिलाधिकारी में मैसर्स महाजन ट्रेडर्स, एएम शापिंग काम्प्लेक्स, पीलीभीत को छोड़कर अन्य कोई प्रतिपक्षी उपस्थित नहीं हुआ।
महाजन ट्रेडर्स ने कोर्ट में यह रखा पक्ष
अपर जिलाधिकारी न्यायालय में महाजन ट्रेडर्स की ओर से आपत्ति प्रस्तुत की गयी। आपत्ति में मैसर्स महाजन ट्रेडर्स ने कहा कि वह एक होल सेलर है। जो कई कम्पनियों से सील पैकेड माल खरीदता है व उसकों पैकिंग समेत ही रिटेलरों (दुकानदारों) को सप्लाई करता है। आपत्तिकर्ता की एजेन्सी से केवल कम्पनी से माल सील पैक मंगवाकर दुकानदारों को सप्लाई किया जाता है। आपत्तिकर्ता कथित आटे की बिक्री नहीं करता है। आपत्तिकर्ता के फिल्म प्रतिष्ठान पर किसी प्रकार की सामग्री का निर्माण नहीं कराया जाता है तथा ना ही किसी प्रकार की खाद्य सामग्री को सील पैक करके बेचता है। आपत्तिकर्ता द्वारा मैसर्स वाईपी स्पाइसेज प्राइवेट लिमिटेड एसी-03, एसएसजीटी रोड, इन्डस्ट्रीयल एरिया गाजियाबाद से एक अक्टूबर 2018 को 250 ग्राम का एक बैग (30 किग्रा0) आरपी गोल्ड सिंघाड़ा आटा सील पैक क्रय किया था।
आपत्तिकर्ता के विरूद्ध जारी नोटिस गलत तथ्यों पर आधारित है, जिसके अन्तर्गत की जा रही कार्यवाही से आपत्तिकर्ता का कोई सम्बन्ध नहीं है। न्यायालय अपर जिलाधिकारी का निर्णय अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) कुंवर बहादुर सिंह ने पत्रावली पर उपलब्ध समस्त साक्ष्यों का सम्यक अध्ययन एवं अवलोकन किया तथा खाद्य सुरक्षा अधिकारी के तर्कों को सुना। न्यायालय में निर्णय में कहा कि 1- विक्रयकर्ता- विमल सेन पुत्र विजय कुमार, निवासी मो0 कुॅवरगढ, पीलीभीत पर खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 का उल्लंघन किये जाने के कारण पचास हजार रुपये अर्थदण्ड, प्रतिपक्षी 2- मैसर्स मीनाक्षी ट्रेडिंग कंपनी, स्टेशन रोड पीलीभीत पचास हजार रुपये अर्थदण्ड, प्रतिपक्षी 3- मैसर्स महाजन ट्रेडर्स, एएम शापिंग काम्प्लेक्स, पीलीभीत पर खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 का उल्लंघन किये जाने के कारण रुपये एक लाख का अर्थदण्ड तथा प्रतिपक्षी 4- मैसर्स वाईपी स्पाइसेज प्रा0 लि0 (YP Spices Pvt. Ltd) एसी-03, रोड इण्डस्ट्रियल एरिया, गाजियाबाद पर खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 का उल्लंघन किये जाने के कारण रूपये एक लाख मात्र का अर्थदण्ड आरोपित किया जाता है। आरोपित धनराशि प्रतिपक्षी से शीघ्र जमा करायी जाये। आरोपित धनराशि जमा न किये जाने के कारण भू-राजस्व की भांति वसूली करायी जाये।
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में ये है प्रावधान
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 में उल्लेख है कि अनसेफ यानि असुरक्षित पाए जाने पर अधिनियम की धारा 26(2) (1) में दंड का प्राावधान है। इसके अनुसार क्षति नहीं होती है, उस स्थिति में 6 माह की सजा और 1 लाख जुर्माना। घोर क्षति नहीं होती है, उस स्थिति में 1 वर्ष तक की सजा 3 लाख तक जुर्माना। घोर क्षति होने पर 6 वर्ष की सजा 5 लाख तक जुर्माना। मृत्यु होने पर 7 लाख का जुर्माना और आजीवन कारावास का प्रावधान है।