Gyanvapi Masjid Case : ज्ञानवापी केस के लिए अहम दिन, कार्बन डेटिंग मामले पर आज आएगा फैसला

Gyanvapi Masjid Case : कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद-शृंगार गौरी मामले में 29 सितंबर को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। मामले में वाराणसी के जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश की पीठ आदेश देगी।

Update: 2022-10-07 05:14 GMT

Gyanvapi Masjid Case : ज्ञानवापी केस के लिए अहम दिन, कार्बन डेटिंग मामले पर आज आएगा फैसला

Gyanvapi Masjid Case : ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर पाए गए कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग को लेकर दायर याचिका पर स्थानीय अदालत आज (शुक्रवार) अपना फैसला सुना सकती है। यह याचिका हिंदू पक्ष द्वारा दायर की गई है जिसमें उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर पाए गए शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की मांग की है।

कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले में 29 सितंबर को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। मामले में वाराणसी के जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश की पीठ आदेश देगी। हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के दौरान 'वजुखाना' के पास परिसर में एक 'शिवलिंग' पाया गया था। हालांकि मुस्लिम पक्ष ने कहा कि जो ढांचा मिला वह एक 'फव्वारा' था। हिंदू पक्ष ने तब 22 सितंबर को एक आवेदन जमा किया था जिसमें उन्होंने शिवलिंग होने का दावा करने वाली वस्तु की कार्बन डेटिंग की मांग की थी।

क्या होती है कार्बन डेटिंग?

कार्बन डेटिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जो किसी पुरातात्विक वस्तु या पुरातात्विक खोजों की आयु का पता लगाती है। इस मामले के अलावा दो और मामलों की सुनवाई आज छुट्टी के कारण गुरुवार को नहीं हो सकी। सबसे पहले ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग की पूजा करने की कोर्ट से मांग के संबंध में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से मुकदमा दायर किया गया। वहीं दूसरा आवेदन ज्ञानवापी में मिले 'शिवलिंग' स्थल को हिंदुओं को सौंपने की मांग को लेकर की गई । दोनों आवेदनों पर आज सीनियर सिविल जज कुमुदलता त्रिपाठी की कोर्ट में सुनवाई होनी है।

इससे पहले 29 सितंबर को, हिंदू पक्ष ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा 'शिवलिंग' की वैज्ञानिक जांच और 'अर्घ' और उसके आसपास के क्षेत्र की कार्बन डेटिंग की मांग की। ज्ञानवापी में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता विष्णु जैन मस्जिद मामले में कहा गया, ''हिंदू पक्ष ने मांग की कि एएसआई 'शिवलिंग' की वैज्ञानिक जांच करे। हमने अर्घा और उसके आसपास के इलाके की कार्बन डेटिंग की भी मांग की है।''

उधर, मुस्लिम पक्ष ने भी कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि कार्बन डेटिंग नहीं की जानी चाहिए। विष्णु जैन ने कहा कि उन्होंने कहा है कि यह एक फव्वारा है शिवलिंग नहीं और इसका पता नहीं लगाया जा सकता है। अधिवक्ता ने आगे कहा कि हिंदू पक्ष पर कोई ब्रेक-अप नहीं है, बल्कि सभी हिंदुओं की बस एक ही मांग है कि जो शिवलिंग मिला है उसकी वैज्ञानिक तरीके से जांच की जाए, जिससे उसे कोई नुकसान न हो।

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