Gyanvapi Masjid Controversy : पहली बार RSS ने मारी एंट्री, कहा - 'सच छुपा नहीं सकते, उसे बाहर आने दो'

Gyanvapi Masjid Controversy : आरएसएस की एंट्री, सुनील आंबेकर बोले - सच को छुपा नहीं सकते, उसे बाहर आने देना चाहिए

Update: 2022-05-19 04:06 GMT

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Gyanvapi Masjid Controversy : पिछले कुछ दिनों से ज्ञानवापी मस्जिद विवाद ( Gyanvapi Masjid dispute ) जारी है। गुरुवार को इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) और बनारस सिविल कोर्ट में सुनवाई होनी है। इस बीच पहली बार ज्ञानवापी विवाद मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( RSS) ने एंट्री मारी है। आरएसएस नेता ने कहा है कि सच को अनंतकाल तक छुपा के नहीं रखा जा सकता। इसे बाहर आने देना चाहिए।

आरएसएस ( RSS News ) नेता सुनील आंबेकर ( Sunil ambekar ) ने अपने ताजा बयान में कहा है कि ज्ञानवापी का मामला चल रहा है। इस मसले से जुड़े तथ्य सामने आ रहे हैं। मेरा मानना है कि हमें उन्हें बाहर आने देना चाहिए। किसी भी मामले में सच्चाई हमेशा एक रास्ता खोजती है। आप इसे कब तक छुपा सकते हैं? सुनील आंबेकर का मानना है कि समय आ गया है कि हम ऐतिहासिक तथ्यों को समाज के सामने सही परिप्रेक्ष्य में रखा जाना चाहिए।

आरएसएस के संवाद प्रकोष्ठ इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र में पत्रकार सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर (Sunil Ambekar) ने कहा कि कुछ तथ्य हैं जो सामने आ रहे हैं। मेरा मानना है कि तथ्य को सामने आने देना चाहिए। किसी भी स्थिति में सच्चाई सामने आयेगी ही। आप कितने समय तक सच को छिपायेंगे? मेरा मानना है कि ऐतिहासिक तथ्यों को सही परिप्रेक्ष्य में समाज के सामने आना चाहिए। कुछ लोग समझते हैं कि ज्ञानवापी ( Gyanvapi Masjid Controversy ) मुद्दे का तथ्य सामने आने दिया जाना चाहिए एवं सच्चाई को अपना रास्ता तलाशने देना चाहिए।

ज्ञानवापी मस्जिद विवाद ( Gyanvapi Masjid Controversy ) के बीच आरएसएस ( RSS ) के प्रचार प्रमुख आंबेकर की यह टिप्पणी काफी अहम मानी जा रही है। 9 नवंबर 2019 को जब उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या में राम मंदिर मामले में फैसला दिया था तब ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा स्थित शाही ईदगाह मामले में एक सवाल के जवाब में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि संघ ऐतिहासिक कारणों से राम जन्मभूमि आंदोलन से एक संगठन के तौर पर जुड़ा था, यह अपवाद था। उन्होंने कहा था कि अब हम मानव विकास के साथ जुड़ेंगे।

बता दें कि बनारस स्थित ज्ञानवापी मस्जिद काशी विश्वनाथ मंदिर के करीब स्थित है। इसकी दीवार से लगी प्रतिमाओं के समक्ष दैनिक पूजा अर्चना करने संबंधी हिन्दू महिलाओं के एक समूह की याचिका पर एक स्थानीय अदालत सुनवाई कर रही है।

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