Gyanvapi Mosque: ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे शुरू होते ही उठी वाराणसी कमिश्नर बदलने की मांग

Gyanvapi Mosque: ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के दूसरे दिन मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता ने कोर्ट कमिश्नर के खिलाफ याचिका दायर की़। सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में सुनवाई हुई। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है। तब तक सर्वे से संबंधित अदालत का आदेश प्रभावी रहेगा। अब अगली सुनवाई 9 मई को की जाएगी।

Update: 2022-05-07 12:04 GMT

Gyanvapi Mosque: ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे शुरू होते ही उठी वाराणसी कमिश्नर बदलने की मांग

Gyanvapi Mosque: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के दूसरे दिन मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता ने कोर्ट कमिश्नर के खिलाफ याचिका दायर की़। सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में सुनवाई हुई। अयोध्या जैसा विवाद ज्ञानवापी मस्जिद में हिन्दू देवी-देवताओं के विग्रह आदि के पड़े होने मामले में कोर्ट के आदेश पर आज दूसरे दिन शनिवार को सर्वे और वीडियोग्राफी का काम जारी रहा। इसी बीच काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी परिसर का सर्वे और वीडियोग्राफी मामले में एक पक्ष अदालत पहुंच गया। शनिवार को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के पक्ष के वकीलों ने आपत्ति दाखिल कर कोर्ट कमिश्नर को बदलने की अर्जी दी है। सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने प्रतिवादी के अधिवक्ताओं का आवेदन स्वीकार कर सुनवाई की। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है। तब तक सर्वे से संबंधित अदालत का आदेश प्रभावी रहेगा। अब अगली सुनवाई 9 मई को की जाएगी।

नाराज होकर प्रतिवादी पक्ष पहुंचे कोर्ट

ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आरोप है कि मस्जिद में घुसने की कोशिश को लेकर शुक्रवार को भी सर्वे कमिश्नर और उनकी टीम का अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के पक्ष के लोगों ने भारी विरोध किया था। ज्ञानवापी परिसर के सर्वे और वीडियोग्राफी के पहले दिन कोर्ट कमिश्नर को प्रतिवादी पक्ष ने मस्जिद बैरिकेडिंग के आगे नहीं जाने दिया। प्रतिवादी पक्ष के वकील ने दलील देते हुए कहा कि कोर्ट के आदेश में कहीं नहीं है कि बैरिकेडिंग के अंदर कोर्ट कमिश्नर सर्वे करेंगे। प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता अभयनाथ यादव व एखलाक अहमद ने कहा कि हम कोर्ट कमिश्नर की कार्यवाही से संतुष्ट नहीं हैं।

अधिवक्ता प्रतिवादी पक्ष ने बताया कि मैंने कोर्ट कमिश्नर की निष्पक्षता पर प्रश्नचिह्न खड़ा करते हुए एक प्रार्थना पत्र उन्हें दिया कि आप का व्यवहार निष्पक्ष नहीं है। आप पार्टी के रूप में यहां कार्यवाही करने के लिए आ रहे हैं। आप पर मुझको कोई भरोसा नहीं है। चार बजे कमीशन की कार्यवाही शुरू हुई और पश्चिमी तरफ जो चबूतरा है, उसकी वीडियोग्राफी कराई गई है। उसके बाद कोर्ट कमिश्नर ने ज्ञानवापी मस्जिद के प्रवेश द्वार को खुलवा कर अंदर जाने का प्रयास किया, जिस पर मैंने अपना विरोध दर्ज करवाया। अधिवक्ता ने बताया कि मैंने कहा कि कोर्ट का इस तरह का कोई आदेश नहीं है की बैरिकेडिंग के अंदर जाकर आप उसकी वीडियोग्राफी कर सकें। अधिवक्ता आयुक्त ने कहा कि मुझे ताला खुलवाकर उसकी वीडियोग्राफी करने का आदेश है, जबकि ऐसा कोई आदेश कोर्ट द्वारा नहीं है।

सर्वे दल के कुछ लोगों ने अदालत के नियमों का उल्लंघन किया

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पहले दिन के सर्वे में कोर्ट के आदेश उल्लंघन का कर मस्जिद के दीवारों खुरेदा और मस्जिद में घुसने की कोशिश की गई। यह आरोप लगाते हुए ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे को लेकर मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी वकील अभय नाथ यादव ने कोर्ट में अर्जी गई। वकील अभय ने कहा कि एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र निष्पक्ष काम नहीं कर रहे हैं। मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी का कोई आदेश नहीं है। बैरिकेडिंग के बाहर चबूतरे की वीडियोग्राफी होनी थी। उन्होंने कहा कि कोर्ट का जो भी आदेश होगा वह मंजूर होगा। इस आवेदन पर आज ही सुनवाई होगी।

ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे पर पहले ही उठे कई सवाल

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी वकील अभय नाथ यादव वस कुआ कि 'ज्ञानवापी परिसर में पश्चिम तरफ स्थित चबूतरे की वीडियोग्राफी कराई गई। इसके बाद 5:45 बजे एडवोकेट कमिश्नर ने ज्ञानवापी मस्जिद के प्रवेश द्वार को खुलवाकर अंदर जाने का प्रयास किया तो हमने विरोध किया। उन्हें बताया कि अदालत का ऐसा कोई आदेश नहीं है कि आप बैरिकेडिंग के अंदर जाकर वीडियोग्राफी कराएं। लेकिन, एडवोकेट कमिश्नर ने कहा कि उन्हें ऐसा आदेश है। मस्जिद की दीवार को उंगली से कुरेदा जा रहा था, जबकि ऐसा कोई आदेश अदालत ने नहीं दिया था। इसलिए हम एडवोकेट कमिश्नर से पूरी तरह असंतुष्ट हैं। कल अदालत से दूसरा एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त करने की मांग की जाएगी।'

अदालत में रहा दिनभर गर्मागर्मी का माहौल

पहले सर्वे कमिश्नर अजय कुमार मिश्र को बदले जाने की मांग को लेकर दाखिल किए वाद मामले में कोर्ट परिसर में काफी गहमागहमी रही। मसाजिद कमेटी की ओर से दाखिल किए गए वाद का अधिवक्ताओं के एक गुट ने विरोध किया, जमकर नारेबाजी भी हुई. कचहरी के आपपास पुलिस बल की संख्या बढ़ा दी गई थी.

कैसे शुरू हुआ मुकदमा

दिल्ली की राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, मंजू व्यास, सीता साहू और रेखा पाठक ने 18 अगस्त 2021 को संयुक्त रूप से सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में याचिका दायर कर मांग की थी कि काशी विश्वनाथ धाम-ज्ञानवापी परिसर स्थित शृंगार गौरी और विग्रहों को 1991 की पूर्व स्थिति की तरह नियमित दर्शन-पूजन के लिए सौंपा जाए। आदि विश्वेश्वर परिवार के विग्रहों की यथास्थिति रखी जाए। सुनवाई के क्रम में आठ अप्रैल 2022 को अदालत ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया। कोर्ट कमिश्नर ने 19 अप्रैल को सर्वे करने की तिथि से अदालत को अवगत कराया। इससे एक दिन पहले 18 अप्रैल को जिला प्रशासन ने शासकीय अधिवक्ता के जरिए याचिका दाखिल कर वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी पर रोक लगाने की मांग की। उधर, 19 अप्रैल को विपक्षी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने भी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर रोकने की गुहार लगायी। हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा। 20 अप्रैल को निचली अदालत ने भी सुनवाई पूरी की। 26 अप्रैल को निचली अदालत ने ईद के बाद सर्वे की कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया।

मस्जिद में सर्वे का विरोध क्यों !

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता अभय नाथ यादव ने एडवोकेट कमिश्नर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, 'ज्ञानवापी परिसर में पश्चिम तरफ स्थित चबूतरे की वीडियोग्राफी कराई गई। इसके बाद 5:45 बजे एडवोकेट कमिश्नर ने ज्ञानवापी मस्जिद के प्रवेश द्वार को खुलवाकर अंदर जाने का प्रयास किया तो हमने विरोध किया। उन्हें बताया कि अदालत का ऐसा कोई आदेश नहीं है कि आप बैरिकेडिंग के अंदर जाकर वीडियोग्राफी कराएं। लेकिन, एडवोकेट कमिश्नर ने कहा कि उन्हें ऐसा आदेश है। मस्जिद की दीवार को अंगुली से कुरेदा जा रहा था, जबकि ऐसा कोई आदेश अदालत ने नहीं दिया था। इसलिए हम एडवोकेट कमिश्नर से पूरी तरह असंतुष्ट हैं।

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