हाथरस काण्ड : पीड़ित परिवार ने खोला पुलिस का एक और झूठ, बोले कल नहीं आई एसआईटी

परिवार ने अपने दिए बयान में कहा कि कल एसआईटी से संबंधित कोई भी अधिकारी न गांव आया और न ही घर। ऐसे में पुलिस द्वारा मीडिया को यह कहकर रोकना की एसआईटी जांच कर रही है उन्हें कटघरे में खड़ा करता है......

Update: 2020-10-03 08:22 GMT

हाथरस। हाथरस मामपे में पुलिस का एक और झूठ सामने आया है। सुबह से मीडिया को यह कहकर अंदर जाने से रोंका था कि एसआईटी अपनी जांच कर रही है। लेकिन परिवार ने पुलिस के इस झूठ को बेनकाब कर दिया है। परिवार के मुताबिक कल एसआईटी से संबंधित कोई भी अधिकारी नहीं आया।

14 सिम्बर को हाथरस के चंदपा में हुई बिटिया की नृशंसता के साथ हत्या में नए नए तथ्य निकलकर सामने आ रहे हैं। बिटिया की मौत और रात के अंधेरे में उसकी लाश जलाए जाने के बाद कल की 2 अक्टूबर को स्थानीय पुलिस के साथ मौजूद अधिकारियों ने मीडिया को अंदर जाने से रोंक दिया था। कारण पूछने पर बताया गया था कि अंदर एसआईटी जांच कर रही है और कोई भी अंदर नहीं जा सकता है।

पुलिस ने अभी तक मीडिया को परिवार के सदस्यों से मिलने से रोका और अधिकारियों पर आरोप था कि उन्‍होंने पीड़ित परिवार के फोनो को जब्त कर लिया। गुरुवार 1 अक्टूबर की सुबह से पुलिस ने मुख्य सड़क पर गांव से लगभग 2 किमी की दूरी पर बैरिकेड्स लगा दिए थे और यहां पर पहुंचने वाले सभी रास्‍तों को बंद कर दिया था। पुलिसकर्मियों को कीचड़ की पटरियों और खेतों में तैनात कर दिया ताकि किसी भी "बाहरी" को गांव तक पहुंचने से रोका जा सके।

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परिवार ने आज 3 अक्टूबर को मीडिया में अपने दिए बयान में कहा कि कल एसआईटी से संबंधित कोई भी अधिकारी न गांव आया और न ही घर। ऐसे में पुलिस द्वारा मीडिया को यह कहकर रोकना की एसआईटी जांच कर रही है उन्हें कटघरे में खड़ा करता है। इस बात को मौके पर मौजूद डीएसपी ने पुष्टि करते हुए दबी आवाज में स्वीकारा भी। उसने कहा कि परसों आयी थी टीम कल नहीं आयी। डीएसपी ने एसआईटी न आने के बाद भी जांच चलती रहने की बात भी कही है।

हालांकि पुलिस ने सभी आरोपों का खंडन किया है और बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 144, जो चार या अधिक लोगों को एक साथ इकट्ठा होने पर प्रतिबंधित करती है उस क्षेत्र में लगी है। तो एसडीएम ने कहा कि एसआईटी द्वारा जारी जांच प्रतिबंधों के कारण किसी को भी गांव में जाने नहीं दिया जा रहा है।

अधिकारियों ने कल कहा था कि तीन सदस्यीय एसआईटी की टीम गांव में जांच कर रही है। तब तक, मीडिया का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। हम कानून और व्यवस्था भी बनाए हुए हैं। इसलिए, गांव के अंदर किसी भी राजनीतिक प्रतिनिधिमंडल और व्यक्तियों की अनुमति नहीं है। लेकिन कल गांव में एसआईटी के होने की बात से परिवार ने इनकार किया है।

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