हाथरस गैंगरेप : सवर्ण परिषद ने किया था आरोपियों को बचाने के लिए एसपी ऑफिस का घेराव?

अख़बार के अनुसार राष्ट्रीय सवर्ण परिषद् के राष्ट्रीय प्रचारक पंकज धवरैया के नेतृत्व में काफी लोगो ने आरोपियों के बचाव के लिए एसपी ऑफिस का घेराव किया था। अपनी राजनीती को चमकाने के लिए सवर्ण परिषद् ने फर्जी तरीके से मामले को तूल देने की कोशिस की थी।

Update: 2020-09-29 17:08 GMT

लखनऊ : चंदपा क्षेत्र के गांव में अनुसूचित लड़की के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के बाद राष्ट्रीय सवर्ण परिषद अपनी राजनीती को चमकाने के लिए आरोपियों के बचाव में आया था। एक अख़बार की कटिंग आज कल सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। जिसकी प्रमाणिकता को जनज्वार सत्यापन नहीं कर रहा है।

अख़बार के अनुसार राष्ट्रीय सवर्ण परिषद् के राष्ट्रीय प्रचारक पंकज धवरैया के नेतृत्व में काफी लोगो ने आरोपियों के बचाव के लिए एसपी ऑफिस का घेराव किया था। अपनी राजनीती को चमकाने के लिए सवर्ण परिषद् ने फर्जी तरीके से मामले को तूल देने की कोशिस की थी।

सवर्ण परिषद् के लोगो का कहना था की लड़की के साथ बलात्कार नहीं हुआ है और उन्हें फंसाया जा रहा है लेकिन एक सप्ताह बाद हुए मेडिकल रिपोर्ट में सबकुछ सामने आ गया लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना को चार युवको ने अनजाम दिया था जो खुद सवर्ण समाज से थे।



जाति देख के अपराधियों के बचाव में राजनीती

सोशल मीडिया पर वायरल इस अखबार की कटिंग के बाद एक बार फिर लोगों की प्रतिक्रियाएं तेज हुई हैं लोगों का कहना है कि प्रदेश में जाति देख कर अपराध और अपराधी के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करती है इतना ही नहीं राजनीतिक पार्टियां भी जाति देख के संवेदनाएं व्यक्त करती हैं।

ऐसा पहली बार हुआ है जब जाति के आधार पर बलात्कार जैसे संगीन आरोपों में दोषियों को बचाने के लिए कोई संगठन सामने आया हो हालांकि इस घटना के बाद सवर्ण परिषद के प्रचारक से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन संपर्क नहीं हो पाया

क्या है पूरा मामला

हाथरस अनुसूचित जाति की लड़की के साथ हुए गैंगरेप के बाद आज उसकी मौत हो गई है घटना 14 सितंबर की है। घटना के बाद पुलिस ने छेड़छाड़ के मामले में FIR लिखा था जिसके बाद मामला बिगड़ता गया और युवती की हालत नाजुक हुयी क्षेत्रीय नेताओ का दबाव आने में 21 तारीख को 376 और 376 डी के तहत मामला दर्ज किया।

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